RANCHI : सूबे के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में लापरवाही के कारण मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन दिन पहले ही महज पचास रुपए की कमी के कारण एक मासूम की हुई मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अहले सुबह एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकीय लापरवाही के कारण महिला की मौत हुई, लेकिन रिम्स प्रबंधन ने इस बात से इन्कार कर दिया है।

भर्ती करने में लग गए दो घंटे

मेकॉन कॉलोनी निवासी पप्पू नायक की पत्नी रूहनी देवी (22 वर्ष) की मंगलवार की शाम अचानक हालत बिगड़ गई। वह छह माह की गर्भवती थी। उसके शरीर में खून की कमी थी। रात साढ़े नौ बजे पप्पू अपनी पत्नी को लेकर रिम्स पहुंचे। यहां जूनियर डॉक्टर्स की जांच और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में ही दो घंटे का समय लगा दिया गया। रात साढ़े ग्यारह बजे रूहनी देवी को डॉ जेके मित्रा के वार्ड में भर्ती कराया गया। इलाज की शुरुआत जांच से हुई। पप्पू से खून का इंतजाम करने को कहा गया। उसने एक यूनिट ब्लड डोनेट भी कर दिया। खून का सैंपल रात 12 बजे लिया गया, लेकिन रिपोर्ट आते-आते सुबह के पांच बज गए। तब तक रूहनी देवी को स्लाइन चढ़ाया जाता रहा, जबकि उसे खून की जरूरत थी। खून की कमी के कारण सुबह उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। अंतत: साढ़े पांच बचे उसने दम तोड़ दिया।

पोस्टमार्टम नहीं, तो एफआईआर भी नहीं

पप्पू नायक गुमला के पुरनाडीह के रहनेवाले हैं। रांची में वे ड्राइवर के रूप में काम कर अपने परिवार का गुजर-बशर करते हैं। सुबह जब उन्हें पत्नी की मौत की जानकारी मिली, तो उन्होंने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। रिम्स के सामने ही बरियातू थाना है। परिजन थाने गए। एफआईआर लिखने को कहा, तो उन्हें वहां तीन घंटे तक बिठाये रखा गया। फिर कहा गया कि एफआईआर तभी हो, जब पोस्टमार्टम कराइयेगा। इसके बाद परिजन थाने से चले गए। रूहनी और पप्पू की शादी तीन साल पहले ही हुई थी। उनका दो साल का एक बेटा (प्रिंस) भी है। परिजन बार-बार यह कहते हुए बिलख रहे थे कि प्रिंस का ख्याल अब कौन रखेगा।

नहीं थम रहा लापरवाही का सिलसिला

स्थान : गुमला, तारीख : 18 अगस्त

क्या हुआ : सदर अस्पताल में भर्ती एक साल के मासूम बच्चे को बेहतर इलाज के लिए रांची लाना था। एम्बुलेंस नहीं मिला। मां की गोद में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।

स्थान : रांची, तारीख : 20 अगस्त

क्या हुआ : धुर्वा निवासी संतोष के एक साल के मासूम बच्चे का 50 रुपए की कमी के कारण रिम्स में सीटी स्कैन नहीं किया गया। मां की गोद में ही बच्चे की मौत।

स्थान : गुमला, तारीख : 20 अगस्त

क्या हुआ : पालकोट निवासी जानकी देवी के गर्भ में ही उसके बच्चे की मौत हो गयी। जानकी का ऑपरेशन गुमला में नहीं किया गया, तो उसकी भी मौत हो गयी।

स्थान : गुमला, तारीख : 08 अगस्त

क्या हुआ : दवा नहीं मिलने के कारण ममरला गांव के करण सिंह के बेटे की मौत हो गई। फिर एम्बुलेंस नहीं मिला, तो पिता लाश कंधे में उठाकर घर ले गए।

स्थान : रांची, तारीख : 19 अगस्त

क्या हुआ : सोनाहातू की आयी महिला अपने बच्चे के इलाज के लिए रिम्स के नियो नेटल यूनिट में तीन घंटे तक डॉक्टर का इंतजार करती रही, लेकिन जॉन्डिस से से पीडि़त बच्चे का इलाज नहीं हुआ।

Posted By: Inextlive