Karamtoli flyover Ranchi : करमटोली से बूटी मोड़ तक 5.2 किमी फ्लाईओवर निर्माण की डीपीआर तैयार. टेक्नीकल स्वीकृति मिली प्रशासनिक का इंतजार. मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट हटते ही तेजी से बढ़ेगी निर्माण प्रक्रिया. यहां फ्लाईओवर बनने से सबसे ज्यादा मरीजों को होगी राहत


रांची(ब्यूरो)। अब 630 करोड़ के फ्लाईओवर की सौगात। जी हां, राजधानी रांची के करमटोली-बरियातू फ्लाईओवर निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। एक ओर जहां फ्लाईओवर निर्माण को लेकर डीपीआर तैयार कर ली गई है। वहीं, दूसरी ओर निर्माण की टेक्निकल स्वीकृति भी मिल गई है। अब सिर्फ प्रशासनिक स्वीकृति का इंतजार है। उम्मीद जताई जा रही है कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के हटते ही फ्लाईओवर निर्माण की प्रक्रिया गति पकड़ेगी। बता दें कि एक ओर कांटाटोली फ्लाईओवर की सौगात राजधानी की जनता को मिल चुकी है। वहीं, दूसरी ओर रेलवे ब्लॉक मिलने के बाद मेकॉन-सिरमटोली फ्लाईओवर के निर्माण में भी तेजी आई है। केबल स्टे ब्रिज का निर्माण जो लंबे समय से लटका हुआ था, वो शुरू हो गया है। इसी बीच करमटोली फ्लाईओवर के निर्माण का रास्ता साफ होने से राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या का कंप्लीट सॉल्यूशन होता हुआ नजर आ रहा है। यह सिटी के लोगों के लिए गुड न्यूज है।5.2 किमी बनेगा फ्लाईओवर
इस फ्लाईओवर का निर्माण बरियातू रोड में लोकायुक्त कार्यालय के पास (करमटोली) से सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट हॉस्पिटल तक होगा। करीब 5.2 किमी लंबा फ्लाईओवर बनेगा। इसे फोरलेन बनाया जाना है। वहीं, रिम्स के लिए दो रैंप बनेंगे। एक रैंप चढऩे के लिए और एक उतरने के लिए होगा। बूटी मोड़ से आने वाले लोग रिम्स के पास उतर सकेंगे। वहीं, रिम्स के पास से चढ़ कर बूटी मोड़ की ओर जा भी सकेंगे। इसके निर्माण में काफी कम जमीन की जरूरत होगी। हालांकि, सरकार के पास पर्याप्त जमीन है। फिर भी निजी जमीन एक्वायर करनी ही पड़ेगी। बरियातू में पडऩे वाले स्कूलों की भी कुछ जमीन ली जाएगी। सर्विस लेन क्वालिटी वालीवहीं, सर्विस लेन को भी चौड़ा करने की योजना है। सर्विस लेन पर बेहतर ड्रेनेज सिस्टम होगा। सड़क उ'च गुणवत्ता वाली बनाई जाएगी। फ्लाईओवर के नीचे के हिस्से का सुंदरीकरण भी किया जाना है। इसे लेकर प्लान तैयार कराया गया है। हाई क्वालिटी के साथ-साथ साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट आदि के भी पुख्ता इंतजाम होंगे। जल्द ही पथ निर्माण विभाग इस योजना को धरातल पर उतारने की दिशा में काम तेज करेगा। भू-अर्जन को लेकर सर्वे का काम करा लिया गया है। कहां-कहां जमीन लेनी है, यह भी तय कर लिया गया है।जाम में फंसने से मरीजों को मिलेगी निजात


बरियातू रोड में फ्लाईओवर का निर्माण होने का सबसे 'यादा फायदा रिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को होगा। जाम में फंसने की वजह से मरीज के इलाज में भी विलंब होता है, लेकिन फ्लाईओवर निर्माण के बाद इस समस्या से निजात मिल जाएगी। बरियातू रोड में बनने वाले इस फ्लाईओवर का निर्माण पहले साईं हॉस्पिटल तक ही किया जाना था, लेकिन अब इसमें संशोधन कर इस योजना को बूटी मोड़ तक बढ़ा दिया गया है। इस सड़क पर हॉस्पिटल की संख्या ज्यादा है। जिस वजह से यहां गुजरने वाली एंबुलेंस की संख्या ज्यादा होती है। कई बार जाम में एंबुलेंस को भी फंसना पड़ जाता है। एंबुलेंस के अलावा लोग प्राइवेट व्हीकल में भी मरीजों को हॉस्पिटल तक ले जाते हैं, लेकिन जाम होने से उन्हें काफी समस्या होती है। एंबुलेंस को तो किसी तरह पास दे दिया जाता है, लेकिन वैसे मरीज जिन्हें निजी वाहन में हॉस्पिटल ले जाया जाता है, उनके साथ परेशानी होती है। फ्लाईओवर बनने के बाद मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में सहुलियत होगी। समय रहते उनका इलाज शुरू हो सकेगा। इसके अलावा करमटोली चौक जो अक्सर जाम रहता है, यहां भी जाम से निजात मिल जाएगी। ज्यादातर मेडिकल फैसिलिटीज इसी रोड में

बरियातू रोड मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए जाना जाता है। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के अलावा इस सड़क पर कई प्राइवेट हॉस्पिटल्स भी हैैं। इसके अलावा दूसरी मेडिकल सुविधाएं भी बरियातू रोड में 'यादा हैं। इस सड़क पर पेशेंट्स का मूवमेंट 'यादा होता है। धीरे-धीरे इस सड़क पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है। अक्सर करमटोली चौक और रिम्स चौक में भीड़ लगी रहती है। गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी आती है। गाडिय़ों के जाम में फंसने से मरीज व दूसरे लोगों को भी समस्या होती है। ऐसे में मरीजों का इलाज समय से हो, इसके लिए उनका अस्पताल में पहुंचना जरूरी है। इसे देखते हुए ही फ्लाईओवर निर्माण की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है।

Posted By: Inextlive