हटिया डैम में आखिर क्यों नहीं भर पा रहा है पानी
RANCHI:शहर की दो लाख आबादी को हर दिन पानी पिलाने वाला हटिया डैम आखिर क्यों नहीं भर पा रहा है। 37 फीट क्षमता के इस डैम में 16 फीट पानी क्यों रहता है। जबकि, रांची के ही दो डैम रुक्का और गोंदा में पानी का लेवल हर साल अछा रहता है। जानकारों का मानना है कि जब से रिंग रोड का निर्माण हुआ है, हटिया डैम में आने वाला पानी का स्त्रोत ही बंद हो चुका है। राजधानी में जब अछी खासी बारिश होती है, उस दौरान शहर के दोनों डैम में पानी लबालब होता है। वहीं हटिया डैम में पानी का लेवल कभी भी बहुत ज्यादा नहीं रह पाता है। इस कारण हर साल लोगों को एक दिन छोड़कर दूसरे दिन पानी उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि, इस साल यह व्यवस्था अभी शुरू नहीं की गई है।
रिंग रोड बनने के बाद घटा जलस्तरराजधानी में ट्रैफिक सुगम करने के लिए बनाया गया रिंग रोड हटिया डैम के लिए काल बन गया है। रिंग रोड के निर्माण के पूर्व हटिया डैम का जलस्तर बहुत नीचे नहीं गिरता था, लेकिन जब से रिंग रोड बना है, इसमें आने वाले पानी का रास्ता ही बंद हो गया है। रोड के निर्माण से बड़े इलाके से पानी का बहाव डैम की ओर ठीक से नहीं हो पा रहा है। इस पर रिंग रोड निर्माण के दौरान भी सवाल खड़े हुए थे। स्थानीय लोगों से लेकर विभागीय स्तर पर भी बातें हुई थी। यह कहा जा रहा था कि रिंग रोड के कारण पानी डैम में जाने से रुक रहा है। अगर बारिश का पानी डैम में नहीं गया तो आगे के वषरें में बड़ी कठिनाई होगी। डैम का जलस्तर धीरे धीरे नीचे जायेगा। अत्याधिक बारिश से भी लाभ नहीं मिलेगा। आज वह स्थिति आ गयी है। जल स्तर गिरा है।
बेस लेवल ही ऊंचा रिंग रोड का निर्माण मौजूदा जमीन को ऊंचा करके किया गया है। ऐसे में रोड के दूसरी ओर से बारिश का पानी आकर वहां पर रुकता है। पानी बहाव डैम की ओर न होकर दूसरी ओर हो रहा है। कई जगहों पर पानी बहाव का रास्ता तो छूटा हुआ है, लेकिन वह बहाव के लिए पर्याप्त नहीं है। लोगों का कहना है कि बारिश का बहुत कम पानी डैम में जा रहा है। कैचमेंट एरिया में अतिक्रमणअतिक्रमण कर लोगों ने डैम में पानी आने से रोका है। डैम का सुदृढ़ीकरण करने, जल संग्रहण क्षेत्र बढ़ाने और गाद हटा कर गहरीकरण की योजना कभी तैयार ही नहीं की गयी। शहर के विकास की योजनाएं लागू करने की जल्दी में डैम के कैचमेंट एरिया तक पानी के पहुंचने का रास्ता ही बंद कर दिया गया। अब सूख चुके डैम की जमीन पर मवेशी घूम रहे हैं। लोग धड़ल्ले से मोटरसाइकिल चल रहे हैं। हटिया डैम के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
गहरीकरण भी नहींहटिया डैम के गहरीकरण की कोई योजना राय सरकार की नहीं है। वर्ष 2016 में डैम के कुछ हिस्से में गहरीकरण का काम करवाया गया था। लेकिन, बाद में उसे बंद कर दिया गया। जानकार बताते हैं कि नये विधानसभा भवन के निर्माण के दौरान जमीन के समतलीकरण के लिए मिट्टी की जरूरत थी। उसी वजह से हटिया डैम से गाद हटाने के नाम पर मिट्टी निकाली गयी। जरूरत पूरा होने पर डैम के गहरीकरण का काम बंद कर दिया गया। हटिया डैम से धुर्वा, हिनू और डोरंडा क्षेत्र के अलावा अशोकनगर में भी पानी की सप्लाई की जाती है। डैम में पानी की कमी के कारण करीब दो लाख लोग पानी की किल्लत झेलते हैं। पूरी आबादी नगर निगम के टैंकरों पर ही आश्रित हो जाती है। इलाके में चापानलों और सार्वजनिक कुंओं की संख्या कम रहने के कारण परेशानी बढ़ जाती है
1962 में बना था हटिया डैम वर्ष 1962 में हटिया डैम का निर्माण किया गया था। उस समय रांची की आबादी महज 1.5 लाख थी। आज झारखंड अलग राय बनने के बाद राजधानी बनी रांची की आबादी 15 लाख से अधिक है। केवल एचइसी प्लांट और आसपास की आबादी को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए बनाये गये हटिया डैम पर अब शहर के करीब दो लाख लोग आश्रित हैं। स्थापना के बाद से अब तक डैम के स्वरूप में परिवर्तन करने, उसकी जलशोधन क्षमता बढ़ाने, जलस्तर में वृद्धि करने की कोई योजना नहीं बनी। 2016 में हटिया डैम की गाद हटा उसकी गहराई बढ़ाने का प्रयास जरूर किया गया था। लेकिन, वह पर्याप्त नहीं था। डैम में कम है जलस्तरहटिया डैम से रोज 8.50 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जाती है। लेकिन, डैम में पानी की कमी है। हटिया डैम से पहली बार वर्ष 2011 में पानी की राशनिंग की गयी थी। उसके बाद फिर से वर्ष 2015 और 2016 में राशनिंग की जरूरत पड़ी। वर्ष 2018 में अछी बारिश की वजह से डैम का जलस्तर अधिकतम रिकार्ड किया गया। हटिया डैम का पानी में कोई नाला नहीं गिरता है। इस वजह से राजधानी के अन्य डैमों की अपेक्षा हटिया डैम का पानी यादा शुद्ध है।
हटिया डैम में लगातार कम होते पानी के लेवल के कई सारे कारण हैं। विभाग की ओर से इसकी जांच भी कराई जा रही है कि कहीं हटिया डैम में पानी का लेवल कम होने का कारण रिंग रोड तो नहीं है। सुरेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, हटिया डैम, रांची