जहां बैठते हैं जिम्मेदार, वहीं नहीं है रेन वाटर हार्वेस्टिंग
RANCHI: आमलोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग की नसीहतें देने वाले अधिकारी खुद इसको लेकर संजीदा नहीं है। जिन दफ्तरों में सिटी के पदाधिकारी बैठते हैं उन दफ्तरों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था न होना, एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। नगर निगम के हार्वेस्टिंग चाबुक से एक ओर जहां आम लोग परेशान हैं वहीं निगम की इमारत में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था का न होना, कई सवाल खड़े करता है। नगर निगम सहित शहर की कई ऐसी सरकारी इमारतें हैं जहां अब तक जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है लेकिन आमजनता से निगम की डेढ़ गुना पैनाल्टी वसूलने की साजिश रची जा रही है, जो एक दुखद पहलू है।
सारा ताम-झाम सिर्फ दिखावासरकारी भवनों की एयरकंडीशन कमरों में बैठे अधिकारियों को इस बात की तनिक भी परवाह नहीं है कि राजधानी का वाटर लेवल पाताल में जा रहा है। इस बार मई में ही करीब 4 फीट पानी नीचे उतर चुका है। जबकि जून में मॉनसून की लोग राह तक रहे हैं। जलस्तर को बनाए रखने के हर साल निर्देश आते हैं, लेकिन उनका पालन नहीं होता। मौजूदा हाल में ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए सरकारी महकमा, जो भी कर रहा है वह कागजी कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं है। प्रशासन की अनदेखी के कारण आम लोग भी नियम-निर्देशों का पालन करने की जरूरत नहीं समझते हैं। इस कारण गैर सरकारी भवनों में भी रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नदारद हैं।
100 सरकारी भवन, कुछ में ही व्यवस्था शहर में लगभग 100 से ज्यादा शासकीय भवन हैं। इनमें सरकारी कार्यालय, स्कूल, बैंक, छात्रावास आदि शामिल हैं। नये भवनों को छोड़कर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कहीं नहीं बना। जबकि विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक हर भवन में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है। सरकारी दफ्तरों में ग्राउंड वाटर री-चार्जिंग के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट का जो प्रतिशत है, वो बहुत कम है। इस संबंध में प्रशासन की ओर से भी सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। मार्च तक हुआ असेसमेंट, कार्रवाई्र कबनिगम ने स्पैरो सॉफ्टटेक एजेंसी के माध्यम से शहर की तमाम इमारतों का असेसमेंट करवाया था। इसकी रिपोर्ट निगम को सौंप दी गई है। सभी इमारतों में हार्वेस्टिंग की व्यवस्था को लेकर नगर निगम की ओर से विभिन्न स्तर पर कार्रवाई के लिए पत्राचार भी किया गया है लेकिन कार्रवाई कागजों से आगे अब तक नहीं निकल पाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम अब सरकारी इमारतों से डेढ़ गुना पैनाल्टी वसूलने की योजना बना रहा है और जल्द ही इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।
इन भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं नगर निगम भवन, आरआरडीए, हाइकोर्ट, नेपाल हाउस की पुरानी बिल्डिंग, एचईसी प्रशासनिक भवन, प्रोजेक्ट बिल्डिंग, कमिश्नर ऑफिस, जिला स्कूल, दूरसंचार भवन, पोस्ट ऑफिस-शहीद चौक सहित करीब 70 बिल्डिंगे ऐसी है जिनमें हार्वेस्टिंग सिस्टम या तो लगाया नही गया है अगर लगाया भी गया है तो वह मानदंडों के अनुरूप नहीं है।