RANCHI NEWS : अपर बाजार में फायर सेफ्टी के नहीं इंतजाम
रांची (ब्यूरो)। ठंड के मौसम में अक्सर अगलगी की घटना होती रहती हैं। सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव जलाते हैं। छोटी सी लापरवाही से यही अलाव भीषण आग में बदल जाता है। राजधानी रांची में इसी महीने तीन अलग-अलग स्थानों पर भीषण आग लग चुकी है। तीनों जगह आग लगने की वजह आग तापना ही बताया गया है। कई बार देखा गया है कि जहां आग लगी है वहां आग पर काबू पाने के किसी तरह का कोई प्रबंध नहीं था। मार्केट, मॉल, सरकारी कार्यालय समेत अन्य स्थानों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं, इसके बाद भी इससे निपटने में लोग कोई खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसे देखते हुए ही यह न्यूज सीरिज शुरू किया जा रहा है। जिसमें शहर के अलग-अलग स्थानों में आग पर काबू पाने के क्या इंतजाम हैं, इस पर खबर होगी।
स्टेट का सबसे बड़ा मार्केट
झारखंड का सबसे बड़ा बिजनेस मार्केट अपर बाजार हैं। बड़ा होने के साथ-साथ इसका इतिहास भी पुराना है। अपर बाजार के निवासी बताते हैं कि यह मार्केट करीब 200 साल पुराना है। यहां 400 से ज्यादा छोटी बड़ी गलियां हैं। लेकिन यहां आग जैसी दुर्घटना से बचने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। मार्केट के कुछ बड़े दुकानदारों को छोड़ दें तो अन्य किसी भी शॉप में फायर एक्सटिंग्विशर तक नहीं है। सेफ्टी के दूसरे उपाय दूर की बात है। यहां के कारोबारियों का यही कहना है कि अब तक अपर बाजार में भीषण आग नहीं लगी है। वरना बड़ा नुकसान हो सकता था। हालांकि छोटी-मोटी आग की घटनाएं अपर बाजार में भी हो चुकी हैं। लेकिन इसके बाद भी न तो प्रशासन, न नगर निगम और न आम पब्लिक ही अवेयर हो है।
एन्क्रोचमेंट बड़ी बाधा
अपर बाजार में आग से बचाव को लेकर उपाय करने का आदेश हाई कोर्ट भी दे चुका है। लेकिन इसका भी कोई असर नहीं पड़ा है। अपर बाजार में फायर ब्रिगेड वाहन के आने-जाने में सबसे बड़ी बाधक यहां एन्क्रोचमेंट है। इसे हटाने की कार्रवाई के रूप में अबतक सिर्फ खानापूर्ति ही हुई है। अपर बाजार में फायर ब्रिगेड की लंबी गाडिय़ों को घुसने की बात तो छोड़ दीजिए यहां सोनार पट्टी, रंगरेज गली, श्रद्धानंद रोड, महावीर चौक ऐसी जगह हैं जहां दिन में पैदल चलने में भी लोगों को दिक्कत होती है। एक साइड से जब लोग निकलते हैं, तो दूसरी साइड के लोग इंतजार करते हैं। इसके बावजूद यहां रहने वाले लोग, यहां के दुकानदार अपनी तरफ से कोई भी कंप्रोमाइज नहीं कर रहे हैं। प्रशासन के बार-बार की प्लानिंग को भी अपर बाजार के लोग ही फेल कर देते हैं।
उलझे बिजली तार से स्पार्क
आग लगने की प्रमुख वजह शॉर्ट सर्किट मानी जाती है। अपर बाजार में हर तरफ तार का जंजाल फैला हुआ है। संकीर्ण गलियों में सजी दुकानों के ऊपर बिजली के तार फैले हैं। तार भी काफी जर्जर हो चुके हैैं। आए दिन इसमें स्पार्क होता रहता है। इससे निकलने वाली चिनगारी आग का बड़ा रूप ले लेती है। अपर बाजार में कई बार इलेक्ट्रिक पोल में स्पार्क होने से आग लगने की घटनाएं घट चुकी हैं। यहां के दुकानदार बाल्टी और मग की मदद से आग बुझाने का प्रयास करते हैं। लेकिन फायर सेफ्टी की पहल कोई नहीं कर रहा।
सैकड़ों कपड़े व कॉस्मेटिक की दुकान
अपर बाजार में कपड़े और कॉस्मेटिक दुकानों की भरमार है। सैकड़ों कपड़े की दुकानें एक लाइन से इस मार्केट में स्थित हैं ऐसे में आग लगने पर यह आसानी से बड़ा रूप ले सकती है। कपड़े और कॉस्मेटिक के अलावा इस मार्केट में फुटवियर, स्टेशनरी आदि की भी दुकानें हैं। ये सभी चीजें आसानी से आग पकड़ती हैं। इस बाजार में कदम-कदम पर खतरा मंडरा रहा है। थोड़ी सी चूक हुई कि पूरा मार्केट ही धू-धू कर जल जाएगा। मार्केट में संकीर्ण गलियां हैं जिससे होकर फायर ब्रिगेड के वाहनों का आना तो मुश्किल होगा ही, आग लगने की स्थिति में लोगों को यहां से भागने में भी परेशानी हो सकती है।
हजारों लोग डेली आते हैं
अपर बाजार में खरीदारी के लिए हर दिन हजारों लोग आते हैं। पूरे दिन मार्केट में चहल-पहल रहती है। शाम के वक्त लोगों की भीड़ थोड़ी ज्यादा रहती है। ऐसे में अगलगी की घटना होने पर अफरा-तफरी का माहौल भी अपर बाजार में हो सकता है। इस मार्केट में हर दिन करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। इसके अलावा पूरे राज्य से खरीदारी करने के लिए लोग आते हैं। लेकिन यहां कारोबार करने वाले लोगों को इस बात का जरा भी डर नहीं है कि कोई अनहोनी होगी तो क्या होगा।
क्या कहती है पब्लिक
कुछ भी खरीदना होता है तो इसी मार्केट में आते हैं। यहां अन्य जगह से सस्ते सामान मिल जाते हैं। लेकिन सुरक्षा पर भी मार्केट के लोगों को ध्यान देना चाहिए।
- परमेश्वर साहू
आग लगने पर काफी भयंकर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अपर बाजार में आग से सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।
- पंकज कुमार
- मो अशरफ यहां जाम की सबसे बड़ी समस्या है। सिर्फ रविवार को छोड़ बाकी अन्य सभी दिन जाम से लोग हलकान रहते हैं। आग लगने पर यह समस्या और विकराल हो जाएगी।
- सुधीर कुमार