खरीदना था इंपोर्टेड, खरीद लिया देशी खेल सामान
RANCHI : फ्ब्वें नेशनल गेम्स के लिए स्पोर्ट्स इक्विपमेंट्स समेत अन्य सामानों की खरीदारी एनजीओसी ने की थी। विजिलेंस टीम की जांच रिपोर्ट में बैडमिंटन, बॉस्केटबॉल, बॉक्सिंग, फुटबॉल, जिमनास्टिक, हॉकी, जूडो, कबड्डी, जिमनास्टिक, कराटे, खोखो, स्क्वैश, शूटिंग, टेनिस, टेबुल टेनिस, नेट बॉल, रग्बी और वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों के लिए खरीदे गए सामानों में करोड़ों रुपए का घपला किया गया। इतना ही नहीं, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट्स को ब्रांडेड बताकर नन ब्रांडेड सामानों की खरीदारी की गई।
8.ख्ब् लाख रुपए का नुकसानरिपोर्ट के मुताबिक, वेटलिफ्टिंग में क्ब् स्पोर्ट्स आइटम की खरीदारी का प्रस्ताव था, जिसमें आइटम नंबर एक से छह तक ब्रांडेड था, जबकि सात से क्ब् नॉन ब्रांडेड कंपनी के थे। इसकी सप्लाई के लिए मेसर्स शिव नरेश स्पोर्ट्स को ख्म्फ्.ख्7 लाख के दर पर चयन किया गया। आइटम नंबर एक से आठ तक के ब्रांडेड आइटम की खरीद के लिए मेसर्स शिव नरेश स्पोर्ट्स उपयुक्त था, लेकिन बाकी आइटम, जो नॉन ब्रांडेड थे के लिए मेसर्स खालसा जिमनास्टिक का दर एल-क् यानि सबसे कम था, परंतु नियमों को ताक पर रखते हुए सारे सामानों की सप्लाई का ठेका मेसर्स नरेश स्पोर्ट्स को दे दिया गया, जिस कारण 8.ख्ब् लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ।
इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के परचेज में भी घपलाएथलेटिक्स के 8क् स्पोर्ट्स समेत कई इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के लिए टेंडर जारी किया गया था। आईओए के स्पोक्स पर्सन ने निगरानी को बताया था कि ओमेगा के इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम खरीदे जाने थे। इसके लिए मेसर्स शिव नरेश स्पोर्ट्स ने 9ब्.फ्8 लाख रूपए और जेम इंटरनेशनल ने क्.ख्ब् करोड़ रुपए का टेंडर भरा था। निविदा समिति ने जेम इंटरनेशनल को ओमेगा ब्रांड का आइटम क्रय करने का सौदा फ्ख्.भ् लाख रूपए के अधिक दर पर दे दिया गया, जो वित्तीय नियम के प्रतिकूल था। इतना ही नहीं, अधिक दर पर सौदा तय किए जाने के कारणों का भी कोई उल्लेख नहीं किया गया। इसके अलावा सेंसुई आइटम में क्फ् आइटम थे, जिसके लिए निविदा डाले गए थे। जिसमें मेसर्स द्गह्यद्मड्डब् स्श्चश्रह्मह्लह्य एल-वन बाइडर था, परंतु फ्म्.9म् लाख की ऊंची दर पर मेसर्स चड्डा स्पोर्ट्स को कार्यादेश दिया गया, जिसमें फ्फ्.क्7 लाख रूपए का अधिक भुगतान करना पड़ा था। इसी प्रकार टेनिस के खेल सामग्रियों के लिए जिन कंपनियों ने टेंडर डाले थे, उन्हें निविदा न देकर एलटू के तहत दूसरी कंपनियों को सप्लाई का जिम्मा दे दिया गया। इसमें लगभग क्म् लाख से अधिक राशि का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा था। दूसरी ओर वोलेंटियर्स के लिए आई कैच कम्यूनिकेशन का चयन किया गया। इसके अलावा एनजीओसी ने सक्षम प्राधिकार से अनुमति लिए बिना ही भ्00 वोलेंटियर्स को काम पर लगाया था, जो कि नियम विरुद्ध था।
डुप्लीकेट सामानों की खरीदारी नेशनल गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी की टेंडर कमिटी ने वॉलीबाल और नेट की खरीदारी कोटेशन के बेसिस पर की थी। इसके तहत भ्0 वॉलीबाल के लिए क्.7ख् लाख रुपए और पांच सौ दो नेट के लिए भ्800 रुपए खर्च किए गए थे। इस बाबत खरीदे गए सामान डुप्लीकेट निम्न कोटि के पाए गए थे, जबकि आईओए द्वारा भेजी गई सूची में नीविया कंपनी की वॉलीबाल की खरीदारी होनी थी, लेकिन इस कंपनी के सामान नहीं खरीदे गए। जीटीसीसी की इस संबंध में बैठक हुई थी। बैठक में समिति को वॉलीबाल फेडरेशन ने सूचना दी थी कि जो नेट उन्हें सप्लाई किया गया था व घटिया था और डुप्लीकेट बॉल ि1दए गए थे। बीजिंग यात्रा में भी घोटालाएनजीओसी के पदाधिकारियों ने ओलंपिक के आयोजन से संबंधित जानकारी के लिए बीजिंग की यात्रा की थी। बीजिंग ओलंपिक के लिए भारत से प्रतिनिधिमंडल सदस्य के रूप में संघ के द्वारा चार नाम दिए गए थे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा(मुख्यमंत्री सह खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष), बंधु तिर्की(खेल मंत्री सह खेल आयोजन समिति के उपाध्यक्ष) पीसी मिश्रा(निदेशक खेल) व एक अन्य शामिल थे। मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने बीजिंग यात्रा को अनुमोदित किया था। बीजिंग यात्रा के बाद अधिकारियों ने खर्च की जो विवरणी सौंपी, उसमें रांची से दिल्ली, दिल्ली से रांची आने जाने का खर्च लाखों रुपए में है, जबकि दिल्ली से बीजिंग एवं बीजिंग से दिल्ली से रांची आने का खर्च हजारों में है। यह हवाई यात्रा ख्क् अगस्त, ख्008 से ख्8 अगस्त, ख्008 तक की गई थी।
स्कोर व डिस्पले बोर्ड की खरीद में धांधली निविदा समिति द्वारा स्कोर बोर्ड और डिस्पले बोर्ड में भी धांधली की गई थी। प्रस्तावित योजना के तहत दोनों चीजें ओमेगा कंपनी के द्वारा लगाया जाना था। निविदा जो निकाला गया था, वह नियम के प्रतिकूल था। इसकी क्रय के क्रम में निविदा समिति द्वारा खेल सामग्रियों की अनुशंसा करने से पूर्व उसके दर की जांच नहीं की गई थी। इसकी खरीद से पूर्व निविदा समिति द्वार तुलनात्मक अध्ययन कर निविदा को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिससे आपूर्तिकर्ताओं द्वारा मनमाने ढंग से दर रखे जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। मेडिकल इक्पिमेंट्स की खरीदारी में भी अनियमितताफ्ब्वें नेशनल गेम्स के दौरान आयोजन समिति द्वारा मेडिकल उपकरणों की खरीद में भी घपला किया गया। मेसर्स एयॉन मेडिकल ने झारखंड में होनेवाले राष्ट्रीय खेल के लिए ख्भ् लाख, भ्फ् हजार ब्0 रूपए प्रति एंबुलेंस की दर से आपूर्ति किए जाने के लिए निविदा समर्पित की गई लेकिन, इस कंपनी को कार्यादेश न देकर प्रवीण ब्रदर्स से प्रति एंबुलेंस ब्क् लाख, 9क् हजार, क्ख्ब् रूपए की दर से खरीदी गई, जिस वजह से सरकार को 7ब् लाख, ख्क् हजार म्9म् रूपए के सरकारी राजस्व की क्षति हुई। आयोजन समिति ने प्रवीण ब्रदर्स के साथ एग्रीमेंट करने के लिए पांच वर्ष के कार्य अनुभव के शर्त को एग्रीमेंट पेपर से हटा दिया था।
हाईकोर्ट में चार्जशीट दायर करेगी निगरानी, तैयारी शुरू नेशनल गेम्स स्कैम में गिरफ्तार झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के एमएस हाशमी और स्पोर्ट्स डायरेक्टर रहे पीसी मिश्रा के विरूद्व में हाईकोर्ट में चार्जशीट दायर करने की तैयारी निगरानी कर रही है। इन दोनों के विरूद्व प्रॉस्क्यूशन सेक्शन के तहत चार्जशीट दाखिल की जाएगी। इसके लिए गुरूवार को निगरानी विभाग में अधिकारी दिन भर रिपोर्ट बनाने में व्यस्त रहे।