बेगुनाह होते हुए भी क्रूस पर अपने प्राण किए बलिदान


रांची (ब्यूरो) । झारखंड क्रिश्चियन युथ एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष कुलदीप तिर्की ने कहा है कि पास्का (ईस्टर) पर्व क्रिसमस की तरह धूमधाम और बाहरी तडक़-भडक़ के साथ तो नहीं मनाया जाता है, फिर भी यह हम ईसाइयों के लिए -पर्वों में सबसे बड़ा, मुख्य और महत्वपूर्ण है। प्रभु ईसा मसीह ने हमें दूसरों को क्षमा करने का न्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने जरूरतमन्दों की सेवा करने का संदेश दिया। हम विश्वास करते हैं कि समस्त मानव जाति के पापों का उद्धार करने के लिए बेगुनाह होते हुए भी उन्होंने क्रूस पर अपने प्राण की बलिदान दे दी। और क्रूस पर से उनको जिन्होंने उन्हें भयंकर रूप से प्रताडि़त किया यह कहते हुए माफ कर दिया कि हे पिता इन्हें माफ कर दीजिए क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं। जन्मपर्व से भी अधिक
ईसाई होने के नाते हमारे लिए पास्का पर्व जन्मपर्व से भी अधिक महत्वपूर्ण क्योंकि इसी रहस्य पर ईसाइयों के विश्वास टिका है- क्रूस पर प्रभु की मृत्यु और तीसरे दिन पुनरुत्थान के साथ हम मनुष्यों पर से पाप का अभिशाप टूट गया। मृत्यु की शक्ति ने अपना दंश खो दिया, मुक्ति का मार्ग सुरक्षित हो गया अब इंसान ईश्वर के पास जा सकता है, सब कुछ पूरा हो चुका है। पिता ने जो काम येसु को सौंपा था येसु ने उस काम को पूरा कर दिया है, स्वर्ग का द्वार खुल गया है। शैतान का वर्चस्व समाप्त हो गया है। ईश्वर के साथ टूटा हुआ संबंध फिर से जुड़ गया है येसु ने अपने दु:खभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान द्वारा सब कुछ नया बना दिया है। यह जीत न सिर्फ मसीहियों के लिये बल्कि पूरे मानव जाति के लिए है। इसलिए पास्का रहस्य पर ही हमारा विश्वास टिका हुआ है।

Posted By: Inextlive