फ्लाईओवर के पिलर से होने लगी सिटी के कई इलाकों की पहचान. निर्माण कार्य होने से बदल गई सड़क और मुहल्ले की सूरत. बदल गए कई पुराने लैंड मार्क.


रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में एक साथ तीन फ्लाईओवर पर काम चल रहा है। आने वाले दिनों में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। यह बदलाव सिर्फ ट्रांसपोर्टेशन में ही नहीं, बल्कि इसके इतर भी देखने को मिलेगा। जहां एक ओर फ्लाईओवर के पीलर को अलग लुक देने की तैयारी चल रही है, वहीं सिटी के पिलर नंबर से भी कई मोहल्लों की पहचान होगी। यानी फ्लाईओवर के पीलर से मुहल्लों की जानकारी मिलेगी। रांची में फ्लाईओवर का काम पूरा होते ही कई पुराने मोहल्लों के नाम, पहचान और पता बदल जाएंगे। जानकारी के अनुसार, यह पहचान फ्लाईओवर की पिलर संख्या के आधार पर होगी। फ्लाईओवर का काम पूरा होते ही सिटी की सड़कों पर वाहनों का प्रेशर कम होगा। जाम की समस्या से निजात मिलेगी। इसके अलावा शहर की खूबसूरती भी बढ़ेगी। बदल गए कई लैंड मार्क


रांची में कांटाटोली से बहूबाजार, सिरम टोली से मेकॉन तक फ्लाईओवर और रातू रोड से पिस्का मोड़ तक एलिवेटेड रोड का निमार्ण कार्य चल रहा है। यह काम काफी तेजी से चल रहा है। आने वाले एक साल में सभी फ्लाईओवर का काम पूरा होने की संभावना है। फ्लाईओवर के बनने से दर्जनों मोहल्ले इसके नीचे आ जाएंगे। फिलहाल स्थिति ये है कि सड़कों की चौड़ाई बढऩे और फ्लाईओवर बनने से इस इलाके के कई पुराने लैंड मार्क, पुराने पेड़ व पुराने मकानों की पहचान अब खत्म हो गई है। कई बिल्डिंग्स के नक्शे में बदलाव आया है। नए नामकरण के अनुसार, अब यहां रहने वाले लोग इन रास्तों और मोहल्लों की पहचान फ्लाईओवर की पिलर संख्या से करेंगे। बता दें कि इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। कई कुरियर कंपनी और डाकियों ने ऐसा करना शुरू कर दिया है। लोगों के घरों तक पिलर संख्या के आधार पर पोस्टमैन पहुंच रहे हैं। वहीं वर्षों से एक जैसी दिखने वाली सड़क की सूरत भी बदल गई है। पिलर पर लिखा जा रहा नंबर

कांटाटोली चौक से लेकर बहुबाजार तक जो फ्लाईओवर बन रहा है, उसमें 42 पिलर हैं। सभी पिलर पर पीले रंग से उनकी संख्या लिख दी गयी है। इस क्रम में बहुबाजार चौक से लेकर बिरसा बस स्टैंड तक 24 पिलरों की संख्या लिख दी गयी है। वहीं कांटाटोली चौक तक एक से 18 संख्या अंकित की गई है। इस फ्लाईओवर की दाहिनी और बायीं ओर ऐसे भी कई मोहल्ले हैं, जो रांची शहर के बसने से भी अधिक पुराने हैं। पुराने दिनों में इनका नाम पेड़ों, आकारों और प्रकृति के आधार पर रखा गया था। बहुबाजर से लेकर कांटाटोली चौक तक छोटी-बड़ी कुल 13 गलियां हैं। सभी को पिलर संख्या के नाम से पहचान मिलनी शुरू हो चुकी है।अब इस तरह होगा मोहल्लों का पता नए नामकरण के अनुसार, अब प्रगति पथ-कठरटोली पहली लेन, गुरुद्वारा-कठरटोली दूसरी लेन, बिशप हाउस-कठरटोली तीसरी लेन, बिशप स्कूल-कठरटोली चौथी लेन, वाईएमसीए कठरटोली 5वीं लेन, नया टोली पुल-कठरटोली छठी लेन के नाम से जाना जाएगा। वहीं, दूसरे छोर में बहुबाजार साहू टोली-चुटिया रोड, बिशप कंपाउंड, बसर टोली, नया टोली-बसर टोली के बीच का भाग, नया टोली, चुनवा टोली, मकचंद टोली, टमटम टोली, अमृतबाग-पथलकुदवा गली की पहचान भी पिलर संख्या से दी जा रही है। खास लुक में दिखेंगे एलिवेटेड रोड के पिलर

राजधानी रांची के सबसे व्यस्त इलाका रातू रोड में भी कुछ महीनों बाद स्मूद ट्रैफिक का नजारा होगा। यहां भी एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। यह एलिवेटेड कॉरिडोर ऊपर से जितना खूबसूरत नजर आएगा, उतना ही शानदार नजारा इसके नीचे का भी होगा। कॉरिडोर के नीचे झारखंड की खूबसूरती दर्शाई जाएगी। रातू रोड में निर्माणाधीन एलिवेटेड कॉरिडोर के पिलर पर झारखंड की कला और संस्कृति के साथ-साथ पर्यावरण की छंटा भी देखने को मिलेगी। इसके लिए एनएचएआई और केसीसी बिल्डकॉन द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। एलिवेटेड कॉरिडोर के पिलर में झारखंड की प्रकृति, यहां के क्रांतिकारी, पेड़-पौधे और जानवरों की तस्वीर बना कर इसे अलग लुक दिया जाएगा। एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य होने से पिस्का मोड़ से रातू रोड इलाके में काफी बदलाव आया है।

Posted By: Inextlive