रांची में अब लेना ही होगा होल्डिंग नंबर
रांची (ब्यूरो)। यदि आप भी रांची में आवासीय या व्यावसायिक भवन के मालिक हैं और अब तक होल्डिंग नंबर नहीं लिया है तो अब आपको होल्डिंग नंबर लेना ही होगा। दरअसल, रांची नगर निगम ने शहर में जमीन और प्रॉपर्टी खरीद कर स्वेच्छा से होल्डिंग नंबर नहीं लेने वाले लोगों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे लोगों को निगम टैक्स के साथ होल्डिंग नंबर जारी करेगा, इसके तहत रांची नगर निगम ने 30 से अधिक भूखंडों और भवनों की सूची तैयार की है। इनके मालिकों ने अब तक होल्डिंग टैक्स का भुगतान नहीं किया है, ऐसे लोगों की जमीन और भवन की मापी कर निगम जबरन टैक्स का निर्धारण करेगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कई सारे ऐसे लोग हैं जो होल्डिंग नंबर नहीं देना चाहते हैं, क्योंकि उनको हर महीने रांची में नगर निगम को टैक्स के रूप में देना पड़ेगा।
एजेंसी को जिम्मा
नगर निगम ने शहर में बिना होल्डिंग नंबर वाले भवनों का सर्वे करने की जिम्मेदारी होल्डिंग टैक्स वसूल रही एजेंसी को दे दी है। एजेंसी ने अब तक शहर में बिना होल्डिंग नंबर वाले भवनों को चिह्नित कर लिया है। जबरन मिलेगा होल्डिंग नंबर
रांची नगर निगम क्षेत्र में रहनेवाले जिन लोगों ने अपने घर-मकान या व्यावसायिक भवन का होल्डिंग नंबर अब तक नहीं लिया है, जल्द ही उन्हें होल्डिंग नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उनका होल्डिंग टैक्स भी निर्धारित किया जाएगा। टैक्स का निर्धारण भवन के निर्माण काल से लेकर अब तक की अवधि तक का होगा। इसके अलावा समय पर होल्डिंग नंबर नहीं लेने के कारण आवासीय भवनों से 2000 और व्यावसायिक भवनों से 5000 रुपए जुर्माना भी वसूला जाएगा। इसके लिए रांची नगर निगम अपने क्षेत्राधिकार वाले भवनों का सर्वे करा रहा है।50 हजार लोगों ने नहीं लिया होल्डिंग नंबरनगर निगम ने शहर में बिना होल्डिंग नंबर वाले भवनों का सर्वे करवाना शुरू कर दिया है। शहर में बिना होल्डिंग नंबर वाले भवनों को चिह्नित कर लिया गया है। रांची नगर निगम क्षेत्र में 2.75 लाख से ज्यादा आवासीय एवं व्यावसायिक भवन हैं। इनमें से 2.25 लाख भवनों मालिकों ने नगर निगम से होल्डिंग नंबर ले लिया है। शेष 50 हजार से ज्यादा भवनों के मालिकों ने अब तक होल्डिंग नंबर नहीं लिया है। होल्डिंग टैक्स के मद में नगर निगम को सालाना करीब 60 करोड़ राजस्व मिलता है। यह राशि शहर के विकास कार्य पर खर्च होती है।आपको होंगे ये फायदे
-नगर निगम द्वारा घर-मकान या भवन को उसकी पहचान के लिए विशेष नंबर आवंटित किया जाता है-संबंधित व्यक्ति को नगर निगम से उसके घर-मकान या भवन का मालिकाना हक भी मिल जाता है-होल्डिंग नंबर में जमीन का प्रकार, घर का क्षेत्रफल व घर की तस्वीरें रिकॉर्ड के रूप में दर्ज होती हैं-भवन मालिक पूरे अधिकार के साथ अपने मोहल्ले की समस्याओं की शिकायत दर्ज करा सकता हैनगर निगम को ये फायदे-रांची नगर निगम को शहर में मकानों की संख्या पता होगी, जिसके आधार पर विकास योजनाएं बनाई जाएंगी-सभी घरों को होल्डिंग नंबर आवंटित किए जाने के बाद रांची नगर निगम के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।-2.25 लाख भवन मालिकों ने ले लिया है होल्डिंग नंबर, 60 करोड़ रुपए सालाना देते टैक्स मिलता है नगर निगम को