अंगदान से बड़ा कोई भी दान नहीं


रांची (ब्यूरो) । अंगदान उन रोगियों की दूसरा जीवन देने का एक महान कार्य है जो अंग विफलता से पीड़ित हैं। जीवनशैली संबंधी बिमारियों के प्रचलन में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप अंग इति या विफलता होती है, इसलिए किसी व्यक्ति को जीवित रहने के लिए अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है। स्वैच्छिक अंगदान ऐसे लोगों को जीवन का दूसरा मौका होता है। उक्त बातें एफडब्ल्यूओ की प्रवीणा परब ने कही। वे रविवार को 124 इन्फेंट्री ब्रिगेड ऑफ फैमिली वेलफेयर सेंटर सेना की ओर से आयोजित पराशर फाउंडेशन, दिल्ली द्वारा संचालित आंर्गन इंडिया संस्था के डॉ सौरभ शमी द्वारा एक जागरूकता अभियान चलाया गया। सामाजिक भ्रांतियां दूर हों
इस दौरान बच्चों ने सामाजिक विषय पर जागरुकता फैलाने के रांची के लिए नामकुम चौक पर एक जागरूकता रैली निकल गई की। इस रैली का उद्देश्य अंगदान के प्रति फैली सामाजिक भ्रांतियों की दूर करना था। फैमिली और बच्चों की अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूक किया गया। अवसर पर उन्होंने अंगदान पर उपस्थित महिलाओं व बच्चों अंगदान के महत्व वी पूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही साथ बच्चों के लिए एक पोस्ट के माध्यम से अंगदान जगरुक किया गया किया गया। इस अवसर पर 124 कमांडर फैमिली वेलफेयर आर्गेनाइजेशन की प्रवीणा परब के द्वारा डॉ सौरभ शमी की सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से श्रेया शरण पवार, किरण, लेफ्टिनेंट कर्नल ललित विजय, सूबेदार राजेश कुमार शामिल थे।

Posted By: Inextlive