ranchi sadar hospital: सदर हॉस्पिटल में खाने के लिए लाइन लगने की समस्या होगी दूर. पौष्टिकता और हाईजीन का रखा जाएगा विशेष ख्याल. मरीज के साथ-साथ उनके परिजन को भी मिलेगी सुविधा. 100 रुपए में तीन टाइम मिलेगा खाना. 1 अगस्त से मरीजों को मिलने लगेगी सुविधा. 25 जुलाई को एजेंसी को हैंडओवर हुआ हॉस्पिटल का किचन


रांची(ब्यूरो)। झारखंड की राजधानी रांची स्थित सदर अस्पताल के मरीजों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें खाने के लिए किचन के बाहर लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि, अब खाना उनके बेड तक ही पहुंचा दिया जाएगा। अब तक सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को किचन में आकर लाइन में लगकर खाना लेना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। रिम्स की तर्ज पर सुविधारिम्स की तर्ज पर सदर अस्पताल में भी मरीज को वार्ड में उनके बिस्तर तक खाना पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। अगस्त से यह फैसिलिटी शुरू हो जाएगी। इस काम के लिए एजेंसी का चयन भी कर लिया गया है। टेंडर के जरिए एजेंसी को जिम्मेवारी सौंपी गई है। एजेंसी 1 अगस्त से मरीज के बेड तक खाना पहुंचाएंगी। खाना बनाने से लेकर बेड तक पहुंचाने के लिए कर्मियों की नियुक्ति भी एजेंसी ही करेगा।


डाइटिशियन के निर्देश पर बनेगा खाना

जानकारी के अनुसार, एजेंसी 100 रुपये में मरीजों को तीन वक्त खाना उपलब्ध कराएगी। इसमें सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन शामिल होगा। मरीजों को हर दिन अलग-अलग खाना दिया जाएगा। इसके लिए अस्पताल की डाइटिशियन के निर्देश पर हर दिन का डाइट प्लान भी तैयार किया जाएगा। डायट प्लान के अनुसार ही हर मरीज के लिए अलग-अलग नाश्ता, खाना और डिनर कस्टमाइज होगा, जिनको जैसी बीमारी होगी। उन्हें उसी अनुरूप खाना दिया जाएगा। परिजनों को भी भोजन मरीजों को खाने में हो रही परेशानियों को देखते हुए सदर अस्पताल प्रबंधन ने यह फैसला लिया है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से एक महीने पहले ही टेेंडर जारी किया गया था। 25 जुलाई को हॉस्पिटल का किचन एजेंसी को हैंडओवर कर दिया गया। नई व्यवस्था के तहत मरीज के साथ-साथ उनके परिजनों को भी भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। रांची सदर अस्पताल ने देशभर में बनाई खास पहचानबता दें कि सदर अस्पताल ने देश भर के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक को पूरा करते हुए जिला अस्पतालों की उच्च श्रेणी में 95 प्रतिशत के साथ अपना नाम दर्ज कराया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र ने सदर अस्पताल के 11 विभागों आकस्मिक सेवा, आईसीयू, आईपीडी, फार्मेसी, मेटरनिटी वार्ड, ब्लड बैंक, एसएनसीयू, पीपी यूनिट और पीडियाट्रिक वार्ड जनरल एडमिन 95 परसेंट अंक के साथ राष्ट्रीय स्तर के एनक्यूएएस के मानक को पूरा किया है। सदर हॉस्पिटल में बढ़ रहीं सुविधाएं

सदर हॉस्पिटल में नित नई-नई सुविधाएं बढ़ रही हैं। पहले की अपेक्षा सदर अस्पताल में काफी सुधार आया है। यह हॉस्पिटल लोगों का भरोसा जीतने में भी सफल रहा है। आयुष्मान योजना में सदर हॉस्पिटल ने रिम्स को भी पीछे छोड़ दिया है। यहां कई ऐसी सुविधाएं हैं जो रिम्स में भी अबतक उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। सदर अस्पताल काफी हाईटेक हो चुका है, जो बड़े-बड़े अस्पताल को टक्कर दे रहा है। दरअसल, यहां इलाज के दौरान मरीजों को कई एडवांस सुविधाएं दी जा रही हैं। सिविल सर्जन डॉ। प्रभात कुमार का मानना है कि सदर अस्पताल झारखंड के नामी अस्पतालों में शामिल हो। यही कारण है कि यहां पर कई एडवांस सुविधाएं मरीजों को दी जा रही हैं। सबसे महत्वपूर्ण लीवर जांच के लिए फाइब्रोस्कैन की व्यवस्था है, जो अभी तक रिम्स में भी उपलब्ध नहीं है।फाइब्रोस्कैन देगा सटीक जानकारी
यहां पर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ। जयंत घोष की देखरेख में इस विभाग के खुलने के 9 महीने के भीतर ही कई एडवांस सुविधाएं मिल रही हैं, जिसमें एक है फाइब्रोस्कैन। दरअसल, फाइब्रोस्कैन के जरिए एक विशेष अल्ट्रासाउंड लिवर का होता है, जिसमें लिवर सिरोसिस से लेकर लीवर के सिकुडऩे व फैटी होने जैसी चीजों का पता महज 10 मिनट के अंदर लग जाता है। डॉ जयंत घोष ने बताया कि फाइब्रोस्कैन से लिवर कैंसर के लक्षण का भी पता तुरंत लग जाता है। लिवर की बीमारियों को जांच के लिए आमतौर पर बायोप्सी किया जाता है, जिसमें काफी समय लगता है। लेकिन, इस तकनीक से 10 मिनट के अंदर ही चीजें साफ हो जाती हैं। इससे सीधे तौर पर मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है। वहीं, समय की बचत और इलाज में भी काफी सहूलियत होती हैं।

अब मरीजों को खाने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। खाना सीधा उनके बेड तक पहुंच जाएगा। एजेंसी का चयन कर लिया गया है। एक अगस्त से सुविधा शुरू हो जाएगी। -प्रभात कुमार, सिविल सर्जन, रांची

Posted By: Inextlive