fast food in ranchi : मोटापा व हड्डी रोग बढ़ा रहा है फास्ट फूड
रांची(ब्यूरो)। आज की भागमभाग दुनिया में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो गए हैं। लोग घर के खाने को छोड़ बाहर के खानों की तरफ रुख कर रहे हैं। लोग खाने-पीने पर ध्यान नहीं देते। खासकर यंगस्टर्स और बच्चे खाने-पीने की चीजों में सावधानी नहीं बरतते हैं। चटपटा, स्पाईसी, फास्ट और जंक फूड की ओर इनकी दिलचस्पी बढ़ गई है। जंक फूड या फास्ट फूड हमारी हड्डियों को नुकसान पहुंचा रहा है। जब हम जंक फूड खाते हैं तब हमारी हड्डियों के लिए जरूरी प्रोटीन, कैल्सियम, विटामिन और मिनरल्स नहीं मिल पाता है। इससे हड्डी कमजोर होने लगती है। खराब जीवनशैली, एक्सरसाइज नहीं करना और खानपान की आदतों में बदलाव के कारण इन दिनों युवाओं में हड्डियों से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं। साथ ही छोटे-छोटे बच्चों में मोटापा की समस्या भी देखने को मिल रही है। रिम्स के डॉ एलबी मांझी ने बताया कि हड्डियों से जुड़ी समस्या लेकर हर दिन ओपीडी में 40 से 60 युवा पहुंच रहे हैं। क्लिनिकल स्टडी में यह बात सामने आई है कि इन युवाओं में सबसे अधिक समस्या 'वाइंट पेन, फ्रोजन आर्म को लेकर है। थाली से पौष्टिक तत्व गायब
डॉ एलबी मांझी बताते हैं कि स्कूल, कालेज, घर और कार्यालय में 'यादातर समय बीताने के कारण ब'चों से लेकर युवा वर्ग नियमित एक्सरसाइज, खेलकूद से दूर होते जा रहे हैं। धूप में न निकलने के कारण विटामिन डी भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है। स्वस्थ रहने के लिए जरूरी आहार जैसे दूध और इसके उत्पाद, दाल, हरी सब्जियां खाने में लेनी चाहिए। अगर शाकाहारी नहीं हैं तो रोज एक अंडा आदि खाना चाहिए। लेकिन बच्चे हों या युवा सभी फास्ट और जंक फूड की ओर अट्रैक्ट हो रहे हैं। युवाओं के खाने की थाली से पौष्टिक तत्व गायब हो चुके हैं। फास्ट फूड सेहत का बड़ा दुश्मन
डॉक्टर बताते हैं कि फास्ट फूड ही सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन है। बच्चों से लेकर बड़े तक फास्ट फूड के लिए घर का बना ताजा व शुद्ध खाना छोड़ देते हैं जबकि जो फास्ट फूड खाया जा रहा है, वह बीमार कर रहा है। चिकित्सक भी लगातार फास्ट फूड से दूरी बनाने की सलाह दे रहे हैं। इसके बाद भी लोगों की पहली पसंद फास्ट फूड है। चिकित्सकों के अनुसार, फास्ट फूड लीवर, दिल को नुकसान पहुंचाने के साथ ही पेट की कई बीमारियों को भी जन्म देता है। वजन बढ़ाने में भी फास्ट फूड का ही बड़ा योगदान है। फास्ट फूड से सबसे बड़ा नुकसान नौजवानों को हो रहा है। उनकी सेहत बिगड़ती जा रही है। बढ़ते वजन, गंजापन, एसिडिटी जैसी समस्याएं तो आम हो गई हैं। मिलावटखोरी भी बड़ा खतरा
सिटी में मिलावटखोरी भी चरम पर है। हर गली, मुहल्ले, चौक-चौराहों में फास्ट फूड की दुकान खोल दी गई हैं, जहां सफाई और हाईजीन का जरा भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इसके अलावा खाने-पीने के सामान में भी मिलावट की जाती है। कई बार इसका खुलासा भी हो चुका है। लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। तेल, घी, मावा, दूध समेत अन्य कई खाद्य सामग्री में मिलावट की जाती है। तेल और घी में मिलावट सबसे गंभीर है। क्योंकि यह सामग्री घरों में प्रतिदिन इस्तेेमाल की जाती है। सरसों के तेल में मिलावट का अंदाजा उसके दाम से ही साफ हो जाता है। जिस तेल में मिलावट है, वह तेल 150-160 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है जबकि शुद्ध सरसों के तेल की बिक्री 200-230 रुपये की जाती है। चिकित्सकों के अनुसार, मिलावटी तेल खाने से दिल की बीमारी होती है, इसके अलावा भी पेट की कई समस्याएं हो सकती हैं।
मिलावटी खाद्य सामग्री मानव जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसके अलावा फास्ट फूड भी सेहत बिगाड़ रहा है। वजन बढ़ाने के अलावा कई बीमारी हो रही हैं। इसलिए फास्ट फूड से दूरी बनाना ही बेहतर है। बाहर के खाने से परहेज करें। घर का बना शुद्ध खाना ही खाएं।-डॉ यूएस वर्मा, फिजिशियन