मारवाड़ी कॉलेज रांची के स्टूडेंट्स का एजुकेशनल टूर
रांची (ब्यूरो) । मारवाड़ी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष और बायोटेक्नोलॉजी के कोऑर्डिनेटर डॉ राजीव की अध्यक्षता में शैक्षिक भ्रमण कराया गया, जिसमें बॉटनी और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के 100 से अधिक छात्र -छात्राओं ने भाग लिया। शैक्षिक भ्रमण के दौरान छात्र -छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के पौधे और उनके कृषि के बारे में जानने का अवसर मिला जिससे ड्रैगन फ्रुट, मशरूम की खेती, विभिन्न आम और अमरूद, ग्रीन हाउस विवरण, ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई आदि के बारे में जाने का मौका मिला। शैक्षिक भ्रमण में उपस्थित शिक्षण संकाय से डॉ पिंकी राज साहू, सृष्टि कुमारी, रवि कुमार साहू, पियाली और प्लेसमेंट सेल प्रमुख अनुभव चक्रवर्ती मार्गदर्शन में हुआ।एमएएसएस अंगारा के हेड डॉ। विजय भगत ने छात्रों को सम्बोधित किया। पौधरोपण के विषय पर चर्चा की गई। फ्री ट्रेनिंग कोर्स
यात्रा के दौरान मछली पालन, विशेष मौसम की स्थिति में सेब का उत्पादन, आम का उत्पादन, ड्रिप सिंचाई के साथ टमाटर का उत्पादन, इलाहाबाद के अमरूद के उत्पादन आदि के बारे में बताया गया। डॉ। विजय भगत ने एमएएसएस इंस्टीट्यूट में होने वाले 45 दिन के नि:शुल्क प्रशिक्षण कोर्स के बारे में बताया गया कि रोपण, पौध तकनीक, उत्पादन, लागत आदि से संबंधित जानकारी दी गई। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के 45 दिन सभी छात्रों को प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम होने के बाद उनके शिक्षण संकाय आपको अपनी खुद की उद्यमिता और उत्पादन इकाई के लिए निवेश मार्गदर्शन किया जाएगा। लोन के लिए आवेदनबैंक लोन के लिए आवेदन करना और बिना किसी सेक्योरिटी के 1 छात्र को 20 लाख रुपए तक का लोन मिलता है। लड़कियों के लिए लोन की सब्सिडी दर 44 प्रतिशत और लडक़ों के लिए 37 प्रतिशत बैंक के तरफ से मिलते है। वनस्पति विभाग और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के पास आउट इच्छुक विद्यार्थी प्रशिक्षण कोर्स के संबंध में और अधिक जानकारी के लिए आप अपने-अपने विभागाध्यक्ष से बात कर सकते हैं और बायोडाटा 30 अगस्त तक डॉ पिंकी राज साहू के पास जमा कराा सकते हैं। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि इन छात्राओं का उद्देश्य दृष्टिकोण को आकार देना, आकांक्षाओं को बढ़ाना और अनुकूलनशीलता को बढ़ावा देना है। हमें विद्यार्थियों को ना केवल शिक्षित बनाना है बल्की इच्छुक छात्रों को एक आत्मनिर्भर उद्यमी बनाने में अपनी साकारातमक भूमिका निभाना है।