E Rickshaw Ranchi : सालों से बंद है रूट सिस्टम ई रिक्शा चालकों की कोई निगरानी नहीं होने से बढ़ी जाम की समस्या. जहां मन होता है वहीं के लिए दौड़ा रहे ई रिक्शा जुर्माने भी लगाने का सिस्टम पड़ा सुस्त. ई रिक्शा चालक बने ऑटो वालों से ज्यादा बड़ी परेशानी के सबब. 2017 में ही ई रिक्शा का रूट चार्ट हुआ था निर्धारण. 3 साल में ही रूट चार्ट को अपडेट करने का है प्रावधान. 5000 ई रिक्शा को ही मिला है परमिट. 15000 के करीब ई रिक्शा दौड़ रहे हैं सिटी में.


रांची(ब्यूरो)। सिटी में ई रिक्शा का रूट चार्ट पिछले चार सालों से बंद है। ऐसे में ई रिक्शा चालक मनमानी कर रहे हैं। जहां मन वहीं ई रिक्शा दौड़ा दे रहे हैं। ऐसे में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ई-रिक्शा चालकों के कारण फिर से बिगड़ गई है। ट्रैफिक व्यवस्था को ध्वस्त करने में पहले ऑटो चालकों की अहम भूमिका मानी जाती थी, लेकिन अब ऑटो चालकों से भी दो कदम आगे शहर के ई-रिक्शा चालक निकल गए हैं। ये चौक चौराहों पर ही नियमों का उल्लंघन कर घंटों खड़े रहकर पैसेंजर बैठाते हैं। इससे रह-रहकर जाम लगता रहता है। इन ई-रिक्शा पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी जिस ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम पर है, वह भी कार्रवाई के नाम पर महज दिखावा कर रहा है।ई रिक्शा चालकों की मनमानी
राजधानी में दिन प्रतिदिन बढ़ती ई.रिक्शा की संख्या परेशानी का सबब बन गई है। इसके लिए वर्ष 2017 में नगर निगम ने रूट पास सिस्टम लागू किया था। इसके तहत हर ई-रिक्शा को चलने के लिए रूट चिन्हित कर दिया गया था। इसमें यह शर्त थी कि अगर कोई ई-रिक्शा निर्धारित रूट को छोड़कर किसी दूसरे रूट में चलता है तो ऐसे ई-रिक्शा पर 25 हजार रुपए जुर्माना लगेगा, लेकिन कोरोना आने के बाद 2020 में रूट पास सिस्टम बंद हो गया। आज हालत यह है कि जिसे जिस रूट में ई-रिक्शा चलाने का मन कर रहा है, वो वहीं चला रहा है। किसी पर जुर्माना नहीं किया जा रहा है।हर जगह लगता है जामजिस ई-रिक्शा को शहरवाले प्रदूषण मुक्त वाहन मान रहे थे, वो इन दिनों शहरवासियों के लिए जी का जंजाल बनकर रह गया है। काफी कम लागत होने से आज हर कोई इसकी खरीदारी कर सीधे सड़क पर उतर जा रहा है। नतीजा दिन-प्रतिदिन इसकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। कोई नियम नहीं होने से जिसे जहां मन कर रहा है, वही अपना ई-रिक्शा दौड़ा रहा है।ड्रेस कोड लागू है, पर पहनते नहींरांची में अब ऑटो व ई-रिक्शा चालकों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। परिवहन विभाग के निर्देश पर गठित विशेष समिति ने ड्रेस कोड की अनुशंसा की थी, जिस पर विभाग ने अपनी स्वीकृति दे दी है। पेट्रोल, डीजल या सीएनजी के ऑटो चालकों को खाकी रंग का ड्रेस पहनना होगा। वहीं, ई-रिक्शा के चालकों को नीले रंग का ड्रेस पहनना होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।33 परसेंट ई रिक्शा ही रजिस्टर्ड


राजधानी में पांच हजार ऑटो को ही परमिट जारी किया गया है। ई-रिक्शा को टोकन नगर निगम की ओर से उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान में रांची शहर में 15 हजार से अधिक ऑटो का परिचालन हो रहा है, जबकि पांच हजार की संख्या में जिला परिवहन कार्यालय में ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। जबकि इनकी वास्तविक संख्या 15 हजार के करीब है। राज्य सरकार को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर राज्य में परिचालित डीजल, सीएनजी एवं पेट्रोल ऑटो चालकों के लिए खाकी रंग एवं ई रिक्शा चालकों के लिए नीले रंग का ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। टीम गठित की गई थीबता दें कि ड्रेस कोड के लिए समिति का गठन किया गया था, जिसका गठन उप परिवहन आयुक्त सह सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार रांची की अध्यक्षता में किया गया था। इसमें उप नगर आयुक्त, रांची नगर निगम, जिला परिवहन पदाधिकारी, रांची एवं ट्रैफिक एसपी सदस्य थे।

Posted By: Inextlive