स्कूली बच्चियां बनीं दुर्गा, महिषासुर का किया वध
रांची(ब्यूरो)। चिरंजीवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स की तीनों शाखाओं में दुर्गोत्सव बहुत धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आयोजन में मां दुर्गा के साथ-साथ बच्चों ने मंच पर उनके नौ रूपों का भव्य प्रदर्शन किया। शैलपुत्री, ब्रम्हचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री मां दुर्गा के इन सभी रूपों की बच्चों ने मंच पर जीवंत प्रस्तुती दी। दुर्गा स्तुति के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ, जिसके बाद बच्चों ने धुनुचि व डांडिया नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। अंत में शिक्षिकाओं ने भी डांडिया नृत्य प्रस्तुत किया। सभी बच्चों ने उत्साहित होकर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। विद्यालय की निदेशक डॉ माया कुमार व प्राचार्या श्वेता त्रिपाठी ने इस त्योहार का महत्व समझाते हुए बताया कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है।डीएवी पब्लिक स्कूल में नौ दुर्गा की प्रस्तुती
डीएवी पब्लिक स्कूल बरियातू के नर्सरी सेक्सन में स्टूडेंट्स ने नौ दुर्गा के रूपों का भव्य चित्रण किया। क्लास 1 व 2 की छात्राएं देवी दुर्गा के नौ रूप और छात्र महिषासुर के रूप में प्रस्तुत हुए। शिक्षिका कंचन सिंह और कविता सिंह ने बच्चों को नवदुर्गा के रूपों का अर्थ विस्तार से बताया। प्राचार्य विनय कुमार पाण्डेय ने कहा कि हर त्यौहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत सिखाता है। प्रत्येक पर्व प्रेरणा देते हैं कि हमें सत्य, परिश्रम और संयम का मार्ग कभी नहीं छोडऩा चाहिए। दुर्गा माता ने राक्षसों का वध किया। राक्षस बुराई के प्रतीक हैं। अनेक प्रकार से मायावी और शक्तिशाली होने के बावजूद उनका अन्त हुआ। देवी दुर्गा का कठिन तप हमें मुश्किल परिस्थितियों में भी सच्चाई के मार्ग पर बने रहना सिखाता है। वहीं, 12वीं बायोलॉजी के स्टूडेंट्स ने न्यूट्रिशनल कैम्प लगाया गया। इसमें उन्होंने बॉडी मास इंडेक्स के आधार पर शरीर को स्वस्थ रखने और पौष्टिक खाने का संतुलन बनाए रखने की सलाह दी।सेंट माइकल्स स्कूल में विजयादशमी पर्वसेंट माइकल्स पब्लिक स्कूल, न्यू अशोक नगर व पुंदाग में विद्यालय के बच्चों द्वारा दशहरे की छुट्टी के पूर्व दुर्गापूजा व विजयादशमी पर्व पर आधारित कार्यक्रम पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ प्रस्तुत किया। बच्चों द्वारा डांडिया डांस, कलश स्थापना, रंगोली प्रतियोगिता, मां दुर्गा की प्रतिमा, पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों व रावण वध आदि दृश्यों को दिखाया गया। क्लास नर्सरी से प्रेप के बच्चों द्वारा गरबा नृत्य पेश किया गया, जबकि कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के बच्चों द्वारा डांडिया नृत्य प्रस्तुत किया गया। प्राचार्य सुषमा सिन्हा, निदेशक डॉ दीपक कुमार, आरपी भारती समेत तमाम टीचर्स मौजूद रहे।