drug addiction in ranchi : सुबह से लेकर शाम तक होती है अड्डेबाजी. अपर बाजार में बढ़े चोरी और छिनतई के मामले. नशीले पदार्थ खरीदने के लिए चोरी-छिनतई करने लगे हैं युवा.

रांची(ब्यूरो)। सिटी में नशेडिय़ों का जमावड़ा बढऩे लगा है। जहां-तहां नशेड़ी अड्डेबाजी करने लगे हैं। शाम ढलते ही सिटी में नशेड़ी अड््डाबाजी करना शुरू कर देते हैं। सिगरेट, गांजा के धुएं से लेकर शराब की बोतलें भी खुलती हैं। इससे आम लोगों की परेशानी बढऩे लगी है। लोगों का कहना है कि असामाजिक तत्व जहां-तहां बैठकर शराब, सिगरेट, गांजा का सेवन करते हैं। आपस में गाली-गलौज और मारपीट भी करते हैं। इससे पूरे इलाके का माहौल खराब होता है। अपर बाजार की गली-गली में नशेडिय़ों और शराबियों का जमावड़ा लगने लगा है। अपर बाजार स्थित बकरी बाजार मैदान जो नगर निगम का स्टोर भी है। यहां पूरे दिन शराब, सिगरेट और गांजा चलता रहता है। अपर बाजार के जेजे रोड के रहने वाले आनंद अग्रवाल ने बताया कि जेजे रोड, कार्ट सराय आदि सभी इलाकों में यही दृश्य है।
ड्रग्स, गांजा, डेंड्राइट ले रहे युवा
अपर बाजार के निवासियों ने बताया कि हर दिन नशेडिय़ों का जमावड़ा लगा रहता है। सुबह से लेकर देर रात तक नशा करने वाले जमा रहते हैं। शाम के वक्त खासतौर पर ऐसे युवाओं की संख्या काफी रहती है। शराब पीने के साथ ही ड्रग्स, गांजा पीने वाले, डेंड्राइट से नशा करने वाले जुटते हैं। लोगों का कहना है कि कई बार पुलिस से भी शिकायत की गई लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण स्थिति में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। हर दिन की एक ही कहानी है। कोई व्यक्ति कुछ बोल दे तो ये लोग उससे ही उलझ जाते हैं। भद्दी भद्दी गालियां देते हैं, जिस कारण कोई भी व्यक्ति इनसे उलझना नहीं चाहता। सिर्फ अपर बाजार ही नहीं, लालपुर, मोरहाबादी, डोरंडा, चुटिया, हरमू, रातू रोड समेत अन्य कई इलाके हैं, जहां नशेडिय़ों और शराबियों ने उत्पात मचा रखा है।
धड़ल्ले से चल रहा नशे का व्यापार
राजधानी में धड़ल्ले से नशे का व्यापार चल रहा है। नशे के सौदागर रांची के युवाओं को अपना टारगेट बना रहे हैं। ज्यादातर नशे का सामान स्कूल और कॉलेज गोइंग छात्रों और युवाओं को बेचा जाता है। साफ है कि नशे के धंधेबाज छात्रों और युवाओं को अपना निशाना बना रहे हैं। तस्कर नशीली दवाइयों के साथ चरस, स्मैक, ब्राउन शुगर जैसी हाई प्रोफाइल नशा तक मुहैया करवा रहे हैं। राजधानी रांची में शराबियों की अड्डेबाजी हर शाम हो रही है। सूरज ढलते ही शराब के शौकीन जहां-तहां अड्डा जमा लेते हैं। गली-मोहल्ले हों, प्रमुख सड़क, शराबियों से कोई जगह नहीं बचती है। राजधानी रांची के अलग-अलग विभिन्न इलाकों में नशेडिय़ों और शराबियों का जमावड़ा लग रहा है।
विवेकानंद सरोवर बना नशे का अड्डा
बड़ा तालाब जिसे विवेकानंद सरोवर के नाम से भी जाना जाता है, यहां भी नशेड़ी और शराबी अड्डेबाजी करते हंै। यहां तो वे शाम का इंतजार भी नहीं करते, पूरे दिन नशेड़ी जमे रहते हैं। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवा और अधेड़ व्यक्ति भी यहां आकर नशापान करते हैं।
नशा के लिए कर रहे चोरी-छिनतई
अपर बाजार में चोरी भी बढ़ी हुई है। कभी किसी के घर से साईकिल तो कभी कोई और सामान चुरा ले जाते हैं चोर। नशा की खुराक पूरी करने के लिए नशेड़ी और शराबी ही इस प्रकार की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। वहीं हाल के दिनों में राजधानी रांची में चोरी, छिनतई और लूट के मामले सामने आ रहे हैं। इन सभी आपराधिक वारदातों के पीछे नशा प्रमुख वजह है। आपराधिक वारदातों के बाद जब जांच होती है तो अक्सर उसकी वजह नशा आता है। पुलिस पेट्रोलिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती है। जिसका नतीजा है कि कहीं मैदान में कहीं तालाब के इर्द-गिर्द तो कहीं और नशेड़ी अपना काम करते रहते हैं। पेट्रोलिंग के बावजूद डेंड्राइट, सुलेशन का नशा करने वाले घूमते रहते हैं। इस कारण पूरे अपर बाजार का माहौल खराब रहता हैै। आए दिन यहां मारपीट और छिनतई की खबरें आती रहती हैं।
क्या कहती है पब्लिक
जेजे रोड, कार्ट सराय रोड समेत पूरे अपर बाजार का माहौल खराब है। हर जगह नशेड़ी और शराबी का जमावड़ा है। ये लोग पूरे दिन डेंड्राइट, गांजा और शराब पीते हैं। गाली गलौज करते हैं। पुलिस को एक्शन लेने की जरूरत है।
- आनंद अग्रवाल

इलाके में चोरी और छिनतई के मामले भी बढ़े हैं। नशेडिय़ों और शराबियों ने जीना मुहाल कर दिया है। पुलिस भी कार्रवाई नहीं करती है, यही वजह है कि दिनोंदिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
- मुन्ना चौधरी

मेरे घर से साइकिल चोरी हो गई। मेरे बगल वाले के घर में भी चोरी हुई है। इसे नशेड़ी ही अंजाम दे रहे हैं। इन लोगों को कई बार अड्डेबाजी करने से रोका गया, लेकिन ये मानने को तैयार नहीं हैं।
- विपुल अग्रवाल

अपर बाजार में नशेडिय़ों और शराबियों की संख्या बढ़ गई है। पुलिस को कड़ा एक्शन लेना चाहिए। शिकायत पर पीसीआर वैन जरूर आती है, लेकिन सभी नशेड़ी इधर-उधर भाग जाते हैं।
- अंकुर अग्रवाल

Posted By: Inextlive