रांची में कहां हैं डॉक्टर साहब, बता देगी डिवाइस
रांची(ब्यूरो)। अब डॉक्टर साहब कब अस्पताल आ रहे हैं, कब अस्पताल से जा रहे हैं कितने देर तक अस्पताल में रह रहे हैं। इन सबकी मॉनिटरिंग अब रांची में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीधे की जाएगी। अभी तक लोकल एचओडी मॉनिटरिंग अथॉरिटी होने के कारण डॉक्टर लोग कोई ना कोई रास्ता निकाल लेते हैं। अब रांची से सीधे इनकी मॉनिटरिंग की जाएगी, स्वस्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। डिवाइस से होगी मॉनिटरिंग
डॉक्टर साहब के आने-जाने का समय का पता चलेगा। डॉक्टर साहब मरीजों का इलाज करने के लिए कब अस्पताल आते हैं, कब तक अस्पताल में रहते हैं और कब अस्पताल से निकलते हैं इसकी सारी जानकारी उपलब्ध होगी। रांची सहित राज्यभर के अस्पतालों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाई जाएगी, जो बताएगी कि कब डॉक्टर अस्पताल में आए और कब ड्यूटी समाप्त करके गए। इसकेलिए स्वास्थ्य विभाग ने डिवाइस डेवलप करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। कंपनी की तलाश शुरू स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस तरह की डिवाइस देश के किन संस्थान और फैक्ट्री में लगाई गई हैं, इसकी जानकारी हासिल की जा रही है। साथ ही डिवाइस लगाने वाली कंपनियों का डिटेल्स भी लिया जा रहा है, ताकि सरकार उसके साथ समझौता करके डिवाइस लगाने का काम कर सके।
सरकारी अस्पतालों में लगेगी डिवाइसयह डिवाइस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य उप केंद्र में लगाई जाएगी। क्योंकि इन केंद्रो पर काम करने वाले अधिकतर डाक्टर हमेशा गायब रहते हैं। सरकार के लाख प्रयास के बाद भी डॉक्टर के ड्यूटी से गायब रहने की सूचना हर दिन आती है। शुरुआत में सीएचसी पीएचसी के बाद राज्य के बड़े मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और सदर अस्पतालों में भी यह डिवाइस लगाई जाएगी। विभाग से होगी मॉनिटरिंगस्वास्थ्य विभाग द्वारा अब सीधे रूप से मॉनिटरिंग की जाएगी। मुख्यालय द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। डिवाइस लगने के बाद इसकी मॉनिटरिंग का हेड क्वार्टर स्वास्थ्य विभाग द्वारा राजधानी में तय किया जाएगा। यहीं से पूरे राज्य में डॉक्टरों की उपस्थिति और अनुपस्थिति या गायब रहने की जानकारी इक_ी की जाएगी। इसके आधार पर सरकार द्वारा गायब रहने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई भी की जाएगी। वर्तमान स्थिति में अस्पतालों के जो हेड ऑफ द डिपार्टमेंट होते हैं। वही, उनकी मॉनिटरिंग अथॉरिटी होते हैं। लोकल लेवल पर मॉनिटरिंग होने के कारण डॉक्टर कोई ना कोई बहाना निकाल ही लेते हैं।टेली आईसीयू सिस्टम लागू होगा
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि सरकारी अस्पताल में विभाग आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है। इस तरह की डिवाइस के उपयोग से डॉक्टर की उपस्थिति को उनके मोबाइल टैगिंग और फेस मैपिंग के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकेगा। दूसरी ओर टेली आईसीयू लागू किया जा रहा है। अगर चिकित्सक नहीं भी रहे तो वह अपने मोबाइल पर मरीजों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर फोन पर परामर्श देंगे।