श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी गुरुपर्व पर रांची में सजा दिवान
रांची (ब्यूरो) । गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा पंचम पातशाह श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी गुरुपर्व के उपलक्ष्य में दो दिवसीय आयोजन का अंतिम दिवान रविवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 तक सजाया गया। विशेष दिवान की शुरुआत सुबह 11 बजे स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल द्वारा हम पापी तुम पाप खंडन नीको ठाकुर देसा, माधो हम ऐसे तू ऐसाशबद गायन से हुई।हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी ने मेरे मन सुखदाता हरि सोइ, गुर परसादी पाईऐ करमि परापति होइशबद गायन किया।भावविभोर कर दिया
विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे सिख पंथ के महान कीर्तनी जत्था भाई तवनीत सिंह जी,चंडीगढ़ वाले ने से सिमरे जिन आप सिमराए नानक था कै लागो पाएएवं लाग गले सुण विनती जैसे कई शबद गायन कर साध संगत को भावविभोर कर दिया.बीच बीच में उन्होंने संगत को वाहेगुरु का जाप भी कराया.गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जिवेन्द्र सिंह द्वारा अरदास,वाहेगुरु का हुकुमनामा पढ़े जाने एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ दीवान की समाप्ति दोपहर 3 बजे हुई। सत्संग सभा के अध्यक्ष द्वारका दास मुंजाल ने भाई नवनीत सिंह एवं साथियों को गुरु घर का सरोपा भेंट कर सम्मानित किया। गुरु नानक सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने आयोजन में सहयोग के लिए स्त्री सत्संग सभा, गुरुनानक सेवक जत्था समेत सभी सेवादारों का शुक्रिया अदा किया तथा सभी श्रद्धालुओं से इसी तरह सत्संग सभा द्वारा समय-समय पर आयोजित होने वाले सभी दीवानों में बढ़ चढक़र शामिल होकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का आशीर्वाद प्राप्त करने को कहा.मंच संचालन मनीष मिढ़ा ने किया। आज के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण गुरु घर के सेवक पवनजीत सिंह खत्री द्वारा यूट्यूब के चैनल मेरे साहिब पर किया गया।गुरु का लंगर चखादीवान समाप्ति के उपरांत गुरु का अटूट लंगर चलाया गया जिसमें सभी धर्म के लोगों ने पंगत में बैठकर गुरु का लंगर चखा। शहीदी गुरुपर्व के उपलक्ष में सत्संग सभा द्वारा छबील लगाई गई, जिसमें सभी श्रद्धालुओं एवं राहगीरों को मीठी शरबत पिलाई गई। छबील में बसंत काठपाल, गौरव मिढ़ा,हरविंदर सिंह हनी,अमन डावरा,रौनक ग्रोवर समेत अन्य ने सेवा की। लंगर की सेवा में अशोक गेरा,सुरेश मिढ़ा,मोहन काठपाल,जीवन मिढ़ा,राजकुमार सुखीजा,अनूप गिरधर,हरीश मिढ़ा,विनोद सुखीजा,नानक चंद अरोड़ा एवं महेंद्र अरोड़ा तथा जोड़े की सेवा में बसंत काठपाल,प्रेम मिढ़ा,लक्ष्मण अरोड़ा,पुरुषोत्तम सरदाना,तुषार मिढ़ा,गीता मिढ़ा,उर्वशी अरोड़ा,गरिमा अरोड़ा समेत अन्य की विशेष भागीदारी रही।