कोरोना का तो है ही खतरा, डेंगू व मलेरिया से भी होगा बचना
रांची: राजधानी में कोरोना ने पहले से ही आतंक मचा रखा है, जिस इलाके में देखो वहीं कोरोना के नए मरीज सामने आ रहे हैं। लेकिन इस बीच सिटी पर डेंगू-मलेरिया का खतरा भी मंडराने लगा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी के 65 घरों में इसके लार्वा मिले हैं। वहीं डोर टू डोर सर्विलांस के तहत अभियान जारी है, जिसमें और भी घरों में लार्वा मिलने की उम्मीद है। हालांकि, इसके लिए टीम लगातार काम कर रही है और लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि वे अपने घरों में किसी भी हाल में पानी जमा न होने दें। इसके बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं।
65 घरों के 103 कंटेनरों में लार्वाहेल्थ डिपार्टमेंट की टीम लगातार डोर टू डोर अभियान चला रही है, जिसके तहत सितंबर में 1619 घरों में टीम गई। जहां पर 65 घरों में डेंगू-चिकनगुनिया के लार्वा पनप रहे थे। वहीं 6135 कंटेनरों में से 103 में लार्वा मिलने के बाद टीम ने उसे तत्काल नष्ट किया। साथ ही लोगों को बताया गया कि किसी भी हाल में घरों में पानी को जमा न होने दें। इसके अलावा घर में पानी को स्टोर करें तो उसे ढककर रखें, जिससे कि मच्छर का लार्वा उसमें नहीं पनप सके। वहीं पानी खुला रहेगा तो उसमें जल्द ही लार्वा पनप जाएंगे। इसके बाद मच्छर आतंक मचाना शुरू कर देंगे।
कम मैन पावर में भी जारी है सर्विलांस डोर टू डोर के लिए बड़ी टीम की जरूरत है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण मैनपावर की कमी हो गई है। इसके बावजूद हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने सर्विलांस जारी रखा है, ताकि सिटी में डेंगू को फैलने से रोका जा सके। चूंकि कोरोना के बीच डेंगू ने कहर मचाया तो फिर स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। वहीं इलाज करने वालों के लिए भी बड़ी चुनौती साबित होगी। बताते चलें कि दो साल पहले डेंगू-चिकनगुनिया ने सिटी में कहर मचाया था, जिसके बाद काफी संख्या में मरीज मिले थे। वहीं उन इलाकों को हिटलिस्ट में रखते हुए अभियान चलाया जा रहा है। सर्विलांस के बाद एंटी लार्वा एक्टिविटीटीम ने डोर टू डोर सर्विलांस के तहत घरों में जाकर जांच की, जहां पाया गया कि कंटेनरों के अलावा जल जमाव वाली जगहों पर लार्वा पनप रहे थे। इसके बाद कंटेनरों को खाली कराया गया। साथ ही टीम ने एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया। वहीं कंटेनरों की भी अच्छे ढंग से सफाई कराई। चूंकि कंटेनरों की दीवार पर भी लार्वा चिपके रहते हैं, जिससे मच्छर जन्म लेते हैं। इसके अलावा लोगों को भी रेगुलर इंटरवल पर कंटेनरों की सफाई कराने को कहा गया।
हमारी टीम तो सर्वे कर रही है और लार्वा को नष्ट भी किया जा रहा है। लेकिन लोगों को खुद से भी अलर्ट रहना होगा। साथ ही हर संडे एक घंटा घर के लिए दें, जिससे कि कहीं पानी जमा ना हो सके। इससे लार्वा के पनपने की संभावना नहीं होगी। अबतक जितने भी लक्षण के साथ मरीज मिले, उनका इलाज किया गया। -डॉ बी मरांडी, स्टेट प्रोग्राम आफिसर, वीबीडी