अव्यवस्था के बीच हुई मेडिकल और डेंटल की काउंसिलिंग
स्त्रड्ड4ड्डठ्ठड्डठ्ठस्त्र.ह्मश्र4@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ
RANCHI (21 छ्वह्वद्य4): झारखंड कंबाइंड की मेडिकल और डेंटल की फर्स्ट काउंसिलिंग शनिवार को अव्यवस्था के बीच हुई। पहले दिन कंबाइंड मेरिट लिस्ट में 530 रैंक तक के जेनरल कैटेगरी के स्टूडेंटस को बुलाया गया था। झमाझम बारिश के बीच स्टूडेंटस और पैरेंटस के लिए पहले तो खोजाटोली स्थित झारखंड कंबाइंड के कार्यालय पहुंचना ही बड़ी परीक्षा साबित हुआ। जो यहां पहुंचे उन्हें दिनभर ऑफलाइन काउंसिलिंग होने की वजह से अपना समय बर्बाद करना पड़ा। पहले दिन झारखंड के तीन मेडिकल कॉलेजों रिम्स, रांची, एमजीएम जमशेदपुर और पीएमसीएच धनबाद के लिए काउंसिलिंग हुई। इसके अलावा राज्य के एकमात्र सरकारी रिम्स डेंटल कॉलेज तथा अन्य प्राइवेट डेंटल कॉलेजों के लिए भी काउंसिलिंग हुई। झारखंड कंबाइंड के जरिये राज्य के मेडिकल कॉलेजों की करीब 250 सीटें भरी जानी हैं। ऑनलाइन होता तो वक्त बर्बाद नहीं होताकाउंसिलिंग में हिस्सा लेने आये चाईबासा के गोविंद प्रसाद गुप्ता ने कहा कि डिजिटल झारखंड यहां टायं-टायं फिस्स हो गया है। अगर काउंसिलिंग ऑनलाइन होती तो उन्हें चाईबासा से यहां आना नहीं पड़ता। काउंसिलिंग में हिस्सा लेने के लिए ई चालान में भी परेशानी हुई। देर शाम चालान झारखंड कंबाइंड की वेबसाइट में अपलोड किया गया। वहीं रांची के सुरेश प्रसाद ने बताया कि यहां सभी के बैठने का इंतजाम तो नहीं ही है सीटों के एलॉटमेंट का डिस्प्ले भी लास्ट एलॉटमेंट शो नहीं कर रहा था। इससे पैरेंटस और स्टूडेंटस दोनों परेशान रहे। इसके अलावा डिस्प्ले बोर्ड बीच-बीच में बंद रहा।
बॉक्स का मैटर झारखंड कंबाइंड की ओर से पैरेंटस के लिए बाहर एक पंडाल लगाया गया था। यहां एक डिस्पले बोर्ड था जिसमें सीटों का एलॉटमेंट दिखाया जा रहा था। अंदर के कमरे में छात्रों की मेरिटलिस्टवाइज काउंसिलिंग की जा रही थी। काउंसिलिंग के लिए आये स्टूडेंट का पहले रैंक कार्ड निकाला जा रहा था। इसके बाद मूल प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही थी। यह होने पर उन्हें मेरिट लिस्ट के अनुसार सीट आलॉटमेंट किया जा रहा था। इसके अलावा मेडिकल की तैयारी करनेवाले कई संस्थानों ने अपने-अपने स्टॉल लगाये थे। झारखंड कंबाइंड की काउंसिलिंग में हिस्सा लेने आये अभ्यर्थियों और पैरेंटस के बीच गोल इंस्टीटयूट ने कॉफी और पानी का वितरण किया। -------------------- क्या कहते हैं गार्जियन और स्टूडेंट्स डिजिटल इंडिया की यहां दुर्गति है। नीट ऑनलाइन काउंसिलिंग करा रहा है। बिहार भी ऑफलाइन और ऑनलाइन काउंसिलिंग करा रहा है लेकिन झारखंड अब तक ऑफलाइन में अटका है। इससे स्टूडेंटस और पैरेंटस दोनों को परेशानी है। राजेश मिश्रा --------------ऑनलाइन चालान झारखंड कंबाइंड की वेबसाइट में शुक्रवार देर शाम अपलोड किया गया। इससे तो दिक्कत हुई ही शनिवार को सुबह दस बजे सभी को एक साथ बुला लिया गया। ऑनलाइन काउंसिलिंग होता तो यह समस्या नहीं होती।
सुबल गोराई, चाईबासा ----------------- यहां की व्यवस्था एकदम चौपट है। एक तो सबको एकसाथ दस बजे बुला लिया गया। वहीं बाहर जो डिस्प्ले लगाया गया वह भी कई बार बंद हुआ। डिस्प्ले में लास्ट सीट का अलॉटमेंट भी दिखा नहीं रहा था। इससे क्या पारदर्शिता आयेगी। मोहम्मद जब्बार ---------------------