जानकारी देने वाले को सीबीआइ देगी पांच लाख का इनाम
धनबाद : धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के बारे में जानकारी देने वालों को सीबीआइ पांच लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। धनबाद के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर पोस्टर चिपकाकर सीबीआइ ने इस आशय की घोषणा की है। पोस्टर में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास न्यायाधीश के हत्यारों या हत्या से जुड़ी साजिश से संबंधित कोई जानकारी हो तो वह सीबीआइ स्पेशल क्राइम ब्रांच वन के दिल्ली कार्यालय या धनबाद कैंप कार्यालय में (सीएसआइआर परिसर, सत्कार गेस्ट हाउस) में इसकी सूचना दें। सूचना देने के लिए मामले के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ के एसपी विजय कुमार शुक्ला का मोबाइल नंबर तथा सीबीआइ के दिल्ली और धनबाद कार्यालयों का नंबर जारी किया गया है।
इन तीन नंबरों पर दे सकते हैं जानकारीशहर में चिपकाए गए पोस्टरों में सीबीआइ ने मामले के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ एसपी विजय कुमार शुक्ला के मोबाइल नंबर 7827728856 के अलावा सीबीआइ स्पेशल क्राइम ब्रांच वन के नई दिल्ली स्थित कार्यालय के दो नंबर 011- 24368640 और 011-24368641 जारी किए हैं। इन नंबरों पर फोन कर सूचना दी जा सकती है।
आरोपितों ने अबतक नहीं कबूला है जुर्मधनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को 28 जुलाई को सुबह की सैर के दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास एक आटो ने टक्कर मार दिया था। घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज में यह साफ दिख रहा है कि आटो चालक ने सड़क खाली होने के बावजूद किनारे जागिंग कर रहे न्यायाधीश की तरफ तेजी से आटो मोड़ते हुए उन्हें करीब से टक्कर मारी। इसमें ऐसा लग रहा है कि जज को जान-बूझ कर टक्कर मारी गई है। घटना के बाद न्यायाधीश काफी देर तक सड़क किनारे गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़े रहे। बाद में उनकी मौत हो गई। जज की पत्नी ने इसकी पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई। झारखंड सरकार ने पहले इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया था। बाद में मुख्यमंत्री ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी। सीबीआइ चार अगस्त से इस मामले की जांच कर रही है। न्यायाधीश की हत्या का मामला होने के कारण झारखंड हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट लगातार जांच की मानिटरिंग कर रहे हैं। उधर, गिरफ्तार किए गए आटो चालक और उसके साथी ने अबतक जुर्म नहीं कबूला है। दोनों ने कहा है कि उन्होंने जान-बूझ कर टक्कर नहीं मारी, बल्कि नशे में होने की वजह से अनजाने में यह हादसा हुआ।
हाई कोर्ट जांच पर जता चुका है असंतोषसीबीआइ जांच की स्टेटस रिपोर्ट से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को लगातार अवगत करा रही है। झारखंड हाई कोर्ट सीबीआइ की जांच की प्रगति पर लगातार असंतोष जता चुका है। जांच एजेंसी अभी तक अपने अनुसंधान में हत्या की बात को साबित नहीं कर सकी है। आरोपितों को रिमांड पर लेकर उनसे लंबी पूछताछ के अलावा सीबीआइ मौके पर कई बार घटना का सीन रिक्रिएट कर चुकी है। वहीं आटो को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। अब सीबीआइ दोनों आरोपितों को नार्को टेस्ट के लिए गुजरात ले जाने की तैयारी में है। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सीबीआइ आरोपितों का लाई डिटेक्टर टेस्ट और ब्रेन मैपिंग करा चुकी है। इससे पहले सीबीआइ की टीम फारेंसिक एक्सपर्ट के साथ आरोपितों को भी घटनास्थल पर लेकर गई थी। वहां उनसे दोबारा आटो चलवाकर उनकी आदत, मानसिकता, गतिविधियों, घटना के समय की परिस्थितियों समेत अन्य संभावनाओं को समझने की कोशिश की। सीबीआइ ने आटो स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला है। इस मामले में घटना के 19 दिन बाद भी अब तक सीबीआई के हाथ खाली हैं। सीबीआइ को उम्मीद है कि इनाम घोषित करने के बाद अब उन्हें कुछ जानकारियां मिल सकती हैं, जिससे जांच को अंजाम तक पहुंचाने में मदद होगी।