खबरदार, किसी अधिकारी को नहीं पैसों की जरूरत
RANCHI:फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे मांगने का सिलसिला थम नहीं रहा है। रांची के डीसी छवि रंजन का अकाउंट बनाने वालों को अभी पुलिस पकड़ भी नहीं पाई थी कि सोमवार को जिला जनसंपर्क पदाधिकारी (डीपीआरओ) का फर्जी अकाउंट सामने आ गया। इस बार डीपीआरओ के एक परिचित को फेसबुक मैसेंजर के जरिए ट्रैप करने की कोशिश की गई। गोड्डा में रह रहे उक्त व्यक्ति को जब शक हुआ, तो उन्होंने डीपीआरओ से बात की और उन्हें बताया कि आपके अकाउंट से मैसेज आया है। इसके बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाया।
लगातार हो रही है साजिशरांची में बड़े अफसरों का फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों ट्रैप करने का खेल काफी दिनों से चल रहा है। हालांकि, इस साल कोरोना काल में इसमें तेजी आई है। पहले डीजीपी नीरज सिन्हा के अकाउंट का क्लोन तैयार किया गया और उससे भी ठगी का प्रयास किया गया। हालांकि, इस मामले में साइबर पुलिस ने फौरन कार्रवाई की और एक साइबर क्रिमिनल को मथुरा से पकड़ लिया था। वैसे, कई केसेज अब भी पेंडिंग हैं, जिसमें फर्जी अकाउंट बनाने वाले तक पुलिस पहुंच ही नहीं पाई है। इसमें डीसी छवि रंजन के अकाउंट की डुप्लीकेसी का भी मामला शामिल है।
20 हजार ट्रांसफर कर दें
फेसबुक पर डीपीआरओ प्रभात शंकर का ऑफीशियल अकाउंट है, जिसमें उनका परिचय और फोटो भी है। किसी साइबर क्रिमिनल ने उसी फोटो का इस्तेमाल कर एक दूसरा अकाउंट उन्हीं के नाम पर क्रिएट कर लिया। इसके बाद उनके फ्रेंड लिस्ट से एक व्यक्ति को चुनकर मैसेज भेजा और कहा कि उन्हें एक अन्य व्यक्ति को पैसे भेजने हैं। चूंकि वे गूगल पे या फोन पे इस्तेमाल नहीं करते, इसलिए उनके बिहाफ में वह 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर दे। जब संबंधित व्यक्ति को शक हुआ, तो उन्हें इसकी सत्यता जांची। पता चला कि अकाउंट फर्जी है। कोडरमा डीसी का अकाउंट भी हुथा था हैकइसी साल फरवरी में साइबर अपराधियों ने कोडरमा के डीसी रमेश घोलप और एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब का निजी फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया था। मैसेंजर के जरिए लोगों को मैसेज कर पैसे की मांग की जा रही थी। हालांकि, किसी मामले में साइबर क्रिमिनल अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए हैं। ऐसा सिर्फ इसलिए हो सका है, क्योंकि टार्गेटेड लोग सतर्क रहे। उन्होंने असली व्यक्ति से फोन पर संपर्क किया और किसी भी प्रकार के झांसे में आने से बच गए। ऐसा नहीं होने पर उनका खाता खाली होना तय था।
जिस अकाउंट से मेरे नाम पर पैसे ट्रांसफर करने का रिक्वेस्ट किया जा रहा है, वह पूरी तरह से फर्जी है। चूंकि अकाउंट ऑफीशियल है, इसलिए उसे डिलीट करना भी उचित नहीं। एक शिकायत पत्र तैयार कर रहा हूं, जिसे साइबर सेल में देकर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करूंगा।
प्रभात शंकर, डीपीआरओ, रांची फर्जी एफबी अकाउंट के कई मामले आए केस 01 डेली मार्केट इंस्पेक्टर राजेश कुमार कुछ महीनों पहले कोरोना संक्रमित थे। उस समय उनका फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों से रुपए मांगे गए। केस 02 24 अगस्त 2020 को रांची के सदर थाने में पोस्टेड एक एएसआई स्तर के पुलिस अधिकारी का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे मांगे गए। केस 03 सीआईडी के इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद के नाम पर साइबर अपराधियों ने फर्जी फेसबुक आईडी बना लिया था। इस मामले में भी साइबर अपराधी नहीं पकड़े गए। केस 04 डीएसपी नेहालउद्दीन का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे मांगे गए। इस मामले में भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।