ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय हरमू में संस्थापक ब्रह्मा बाबा का स्मृति दिवस मना. ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय हरमू में हुआ समारोह


रांची(ब्यूरो)। जगत नियन्ता शिव बाबा के साकार माध्यम ब्रह्म बाबा ने सृष्टि लीला के रहस्य को मानव को बहुत सहज करके समझाया। उन्होंने बताया संसार में जो कुछ हो रहा है वह हमारे कर्मों के अनुरूप ही हमारे सामने आ रहा है। इससे घबराने की कोई बात नहीं। ये बातें ब्रह्माकुमारी सेवा केन्द्र चौधरी बगान, हरित भवन के सामने हरमू रोड की संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहीं। मौका था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा के स्मृति दिवस पर आयोजित शांति दिवस समारोह का। मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव, अभय नन्दन अम्बष्ट ने प्रजापिता ब्रह्मा की स्मृति में शांति स्तम्भ पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।आध्यात्मिक क्रांति
उन्होंने कहा कि ब्रह्म बाबा एक ऐसे विश्वव्यापी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक थे, जिनके द्वारा सम्पूर्ण विश्व में आध्यात्मिक क्रांति आ रही है तथा नव सृष्टि की रचना हो रही है। विश्व की इस अंधकारमय विनाशकालीन परिस्थिति में स्वयं परमात्मा ने ब्रह्मा बाबा को आदर्श युग पुरुष बनाया। यदि मानव उनके समान बनने का लक्ष्य जीवन में धारण करे तो सहज ही विश्व का अंधकार तथा स्वयं के जीवन का अंधकार समाप्त हो जाये। दिग्भ्रमित आत्माओं को सही राह दिखाने वाले पिता श्री ब्रह्मा हमारे लिए आशा के प्रकाश पुंज है। समाजसेवी श्याम बजाज ने स्वर्णिम युग की स्थापना के लिए मातृशक्ति का जोरदार आवाहन किया। 1937 में स्वर्णिम युग का सूत्रपातनिर्मला बहन ने आगे कहा गुजर गई शताब्दी की कई झलकियां लोगों ने देखीं व अनेक अमर स्तंभ आत्माओं को याद किया किन्तु विश्व इतिहास का एक उज्ज्वल पक्ष मानव दृष्टि से ओझल रहा। जब विगत सदी के वर्ष 1937 में असाधारण व्यक्तित्व वाले प्रजापिता ब्रह्मा को विश्व पिता शिव ने माध्यम बनाकर स्वणिम युग का सूत्रपात किया। एक ऐसी बेहतर विश्व व्यवस्था की बुनियाद रखी जहां समानता, स्वतंत्रता, शिक्षा स्वास्थ्य व समृद्धि होगी। पवित्रता ही सुख शान्ति की जननी हैं हर कीमत पर इसकी रक्षा करना अपना सर्वप्रथम कत्र्तव्य है।

Posted By: Inextlive