जेवीएम श्यामली रांची में हुआ एनुअल कल्चरल प्रोग्राम
रांची (ब्यूरो) । जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के नौनिहालों द्वारा वर्षिक सांस्कृतिक उत्सव डो-रे-मी 2024 दयानंद प्रेक्षागृह में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के उप कुलपति शुचितांशु चटर्जी, प्राचार्य समरजीत जाना, विशिष्ठ अतिथि विदिशा जाना ने किया। धरती एक मां की तरह बिना भेदभाव किए संपूर्ण प्राणी जगत का पोषण करती है और जब मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए विकास के नाम पर इसका विनाश करता है तब प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। इसी थीम को कक्षा यू के जी के नौनिहालों ने प्रकृति का संदेश नामक नृत्य-नाटिका द्वारा प्रस्तुत किया और संदेश दिया कि विकास के कार्यों की योजना इस ढंग से तय हो कि प्राकृतिक सुंदरता के साथ धरती का संतुलन भी बना रहे। एडिक्शन के गिरफ्त में
कक्षा एलकेजी के नन्हे-मुन्हों ने बारिश के गीतों के साथ एक्वारिदम मशरूम एंड द रेन कार्यक्रम पेश किया जहां यह बताया गया कि जैसे मशरूम छोटा पौधा होने के बावजूद भी अनेक छोटे-मोटे कीडेे-मकोड़े का आश्रय स्थल बन जाता है, कक्षा 1-2 के बच्चों ने इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप्प, फेसबुक, ट्विटर, एक्स, वीडियो गेम्स आदि बनकर मोबाइल एडिक्शन के गिरफ्त में पिसते हुए बचपन को बखूबी नृत्य-नाटिका के माध्यम से अभिनीत किया। इस मंचन ने दर्शकों की खूब वाह-वाही बटोरी। मुख्य अतिथि शुचितांगशु चटर्जी ने कहा कि बच्चों के ये जीवंत कार्यक्रम हम सबको आगे आने के लिए प्रेरित करती है। हमारा समाज शिक्षा के बिना अधूरा है इसलिए बच्चों को उन्नत शिक्षा मिले इसके लिए समाज के हर सम्पन्न व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए आगे आना होगा। तभी देश का भविष्य शिक्षित समाज के हाथों में सुरक्षित रहेगी। प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि डो-रे-मी जेवीएम की शिक्षा का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है जो नन्हें छात्रों को खुद को अभिव्यक्त करने, अपने में आत्मविश्वास जगाने और सामाजिक कौशल विकसित करने के अवसर प्रदान करती है। मौके पर स्कूल के उप प्राचार्य एसके झा, बीएन झा, संजय कुमार, प्रभाग प्रभारी अनुपमा श्रीवास्तव, एस झा सुशील, दीपक कुमार सिन्हा, समेत अन्य मौजूद थे।