अलकायदा का स्लीपर सेल ध्वस्त, गिरफ्तार हुआ मोस्ट वांटेड सदस्य
रांची (ब्यूरो)। एटीएस की टीम ने इसे शनिवार को जमशेदपुर रेलवे स्टेशन के पास से अरेस्ट किया। इसकी गिरफ्तारी के साथ ही अब झारखंड में सक्रिय अलकायदा का स्लीपर सेल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा व एसपी एटीएस विजयालक्ष्मी ने मीडिया के समक्ष कलीमुद्दीन को पेश कर इसके पकड़े जाने का खुलासा किया। इसके खिलाफ आतंकी घटनाओं से जुड़े कई मामले दर्ज हैं।
तीन वर्षो से था वांटेडगिरफ्तार आतंकवादी कलीमुद्दीन तीन साल से फरार चल रहा था और लगातार अपना ठिकाना बदल-बदल कर रह रहा था। मोहम्मद कलीमुद्दीन के घर इससे पहले कुर्की की भी कार्रवाई की जा चुकी है। इसके खिलाफ जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाने में आर्म्स सीएलए व यूएपीए एक्ट के तहत 25 जनवरी 2016 को ही केस दर्ज किया गया था।
तिहाड़ में बंद कटकी का है सहयोगी
कलीमउद्दीन अलकायदा के सक्रिय आतंकवादी मोहम्मद अब्दुल रहमान अली उर्फ कटकी जो वर्तमान में तिहाड़ जेल दिल्ली में बंद है, उसका सहयोगी है। बता दें कि कटकी के अलावा पहले गिरफ्तार हो चुके अब्दुल सामी, अहमद मसूद, राजू उर्फ नसीम अख्तर और जीशान हैदर भी गिरफ्तार आतंकवादी कलीमुद्दीन के सहयोगी हैं। फिलहाल सभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
यूथ को जेहाद के लिए करता था गुमराह
पकड़ा गया मोहम्मद कलीमउद्दीन आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के इरादे से आसनसोल, कोलकाता, गुजरात, मुंबई, उत्तर प्रदेश के अलावा सऊदी अरब, अफ्रीका, बांग्लादेश की भी कई बार यात्रा कर चुका है। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अलकायदा में रहकर यह आतंकवादी घटनाओं के लिए युवाओं को तैयार करने के साथ ही उन्हें जिहाद के लिए भी गुमराह करता था। इसके अलावा युवाओं को संगठन में जोड़ना व देश के बाहर के आतंकवादी संगठनों द्वारा चलाये जा रहे जिहादी प्रशिक्षण शिविर के लिए युवकों को पाकिस्तान भेजने का काम भी करता था।
केएन चौबे, डीजीपी, झारखंड
ranchi@inext.co.in