रहन-सहन में बदलाव लाकर लंग्स डैमेज होने से बचाएं
रांची(ब्यूरो)। पॉल्यूशन केवल बढ़े शहरों की ही समस्या नहीं है, बल्कि अब यह तेजी से डेवलप हो रहे शहरों में लोगों को अपना शिकार बना रहा है। इसमें रांची भी शामिल है। लोगों को इस बात की जानकारी तो है कि सिटी में प्रदूषण बढ़ गया है, लेकिन उन्हें क्या करना चाहिए इसकी जानकारी कम ही लोगों के पास है। इसे लेकर गुरुवार को डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर फोरम के साथ स्विचऑन फाउंडेशन ने अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया। इसमें सिटी के कई जाने-माने डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया। डॉक्टर्स ने साफ कहा कि आम लोगों को अपने रहन-सहन में बदलाव लाना होगा, तभी धूल-कण से उत्पन्न होने वाली बीमारियों की आशंका को कम किया जा सकता है। कई ऑर्गन इफेक्टेड
रांची स्थित पल्स हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ अत्री गंगोपाध्याय ने बताया कि एयर पॉल्यूशन फेफड़ों के अलावा शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है, जो सबसे पहले प्रभावित होते हैं। हवा में पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम के तीन आकार होते हैैं, जिसमें पीएम 2.5 सबसे घातक है। हार्ट, लीवर, किडनी और लंग्स पर असर डालता है। उन्होंने बताया कि एयर पॉल्यूशन से डैमेज लंग्स को इलाज से ठीक किया जा सकता है। एयर फ्रेशनर से बचें
रेनबो क्लिनिक रांची के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ एस कुमार ने कहा कि हमें खाना पकाने के लिए एयर प्यूरीफायर, एलपीजी, बायो गैस या सोलर स्टोव या ओवन का उपयोग करना चाहिए और घर पर एयर फ्रेशनर से बचने की कोशिश करनी चाहिए। कार्यक्रम में डॉ निरूपन शरण, डॉ कारमिन उप्पल, डॉ स्वाति बेहेरा शरण आदि मौजूद थे। इन बातों का रखें ख्याल 1. सांस की समस्या वाले लोग बगीचों और पौधों से बचें।2. बाहर जाने से नहीं बच सकते तो अपने इनहेलर को अपने पास रखें।3. एन-95 मास्क पहनें, सुनिश्चित करें कि यह अच्छी तरह से फिट हो।4. बहुत अधिक धुएं वाले क्षेत्रों से बचें, लकड़ी या कचरा न जलाएं।5. कारपूल, वैनपूल, साइकिल या जब भी संभव हो पैदल चलें।6. फूड चेन में कम खाएं, सप्ताह में एक या अधिक दिन मांस के बजाय सब्जियों का चयन करें।7. इंडोर एयर प्यूरीफाइंग प्लांट स्थापित करें, एयर प्यूरिफायर लगाएं। 8. जितना हो सके बच्चों को घर के अंदर ही रखें। 9. बच्चों को नियमित अंतराल पर पानी और अन्य तरल दें10. बच्चों को घर के अंदर व्यायाम करने से मना करें।