डिस्टिलरी पुल के पास मीट-मछली की दुकानें हटाई गईं वहीं पर लगने लगीं दूसरी दुकानें

रांची(ब्यूरो)। लालपुर चौक से बिरसा मुंडा समाधि स्थल तक का एरिया एक बार फिर अवैध दुकानदारों की चपेट में आने लगा है। अभी 11 अप्रैल को ही डिस्टिलरी पुल के पास से करीब 74 दुकानों को नन वेज मार्केट में शिफ्ट किया गया था। चार दिनों तक वहां की स्थिति ठीक रही, लेकिन प्रशासन की नजरें हटते ही इस एरिया में फिर से कब्जा शुरू हो गया है। अब सब्जी और फल बेचने वालों ने मीट-मछली की दुकानों के एरिया को घेरना शुरू कर दिया है। शाम के समय यहां फिर से जाम लगने लगा है।
निगम ने शुरू किया सर्वे
दूसरी ओर, नगर निगम ने लालपुर चौक से कोकर तक सड़क किनारे सब्जी दुकान लगाने वालों को शिफ्ट कराने के लिए तीन दिनों तक सर्वे किया। गुरुवार को सर्वे खत्म हुआ। अब इस सर्वे रिपोर्ट को पहले से बनी सूची से मिलाया जाएगा। जानकारी के अनुसार जो भी विक्रेता नियमित रूप से दुकान लगा रहे हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इससे पहले 11 अप्रैल को लालपुर चौक से डिस्टलरी पुल तक सड़क किनारे मांस-मछली बेचनेवाले दुकानदारों को मार्केट में शिफ्ट किया गया था। इस क्रम में निगम अब सब्जी विक्रेताओं को शिफ्ट कराने की तैयारी में है। सर्वे के बाद सड़क किनारे के इन विक्रेताओं को जगह दी जाएगी, जिससे लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी।
रातू रोड में भी अवैध दुकानदार
अब सिटी के लोग यह सवाल उठा रहे हैैं कि अवैध दुकानदारों को आखिर कब तक निगम प्रश्रय देता रहेगा। रातू रोड में जब नागा बाबा खटाल में दुकानदारों को शिफ्ट किया गया था, तो यह बात कही गई थी कि सब्जी और फल विक्रेताओं को बाहर दुकान लगाने नहीं दिया जाएगा। इसके बावजूद राजभवन के ठीक सामने अवैध ऑटो स्टैैंड लगाने की इजाजत दी गई और नो वेंडिंग जोन में अवैध दुकानों को बसने के लिए पूरा अवसर दिया गया। वहां पुलिस वाले खड़े रहते हैैं, लेकिन न तो अवैध ऑटो स्टैैंड हटाने की दिशा में कोई काम हो रहा है और न ही नो वेंडिंग जोन को फुटपाथ दुकानदारों से मुक्त ही किया जा रहा है।
हर जगह एक ही हाल
रांची में जहां कहीं मार्केट बनाकर सरकार ने अवैध दुकानदारों को अपना व्यवसाय चलाने के लिए जगह दी है, वहां दोबारा अतिक्रमण हुआ है। सुखदेवनगर थाने के पास स्थित खादगढ़ा मार्केट के पास भी अवैध दुकानों का मेला लगा रहता है, जबकि मार्केट बनाकर एक सौ से ज्यादा सब्जी और फल विक्रेताओं को एक जगह सरकार की ओर से दी गई थी। दरअसल, जिन लोगों को दुकानें मिल जाती हैैं, उनके करीबी दोबारा सड़क पर सब्जी लेकर बैठ जाते हैैं। जब सर्वे होता है, तो उनका नाम भी शामिल हो जाता है। इस तरह एक ही परिवार के पास तीन-तीन दुकान का आवंटन आ जाता है। यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार फ्री में दुकानें आवंटित करती रहेगी और नो वेंडिंग जोन का कड़ाई से अनुपालन नहीं होगा।
लोगों का कहना है
यह बेहद गलत बात है। अभी हाल ही में मीट-मछली बेचने वालों से इलाके को मुक्त कराया गया और दूसरी और सब्जी बेचने वालों ने अवैध कब्जा शुरू कर दिया।
विक्रम

सरकार को कड़ाई से इन अवैध दुकानदारों को हटाना चाहिए। ये सड़क किनारे दुकान लगाकर अपने लिए किसी मार्केट में दुकान सुनिश्चित कराते हैैं। यह खेल खत्म हो।
राजेश कुमार

किसी भी शहर में कायदा-कानून होता है। रांची में रोज कायदे टूटते नजर आते हैैं। डिस्टिलरी पुल का एरिया तो प्रशासन की निगाह से बाहर हो गया नजर आता है।
आनंद शर्मा

रातू रोड में स्थिति बेहद खराब है। यहां अवैध टेम्पो स्टैैंड और अवैध फुटपाथ दुकानदारों ने स्थिति अराजक कर दी है। मुसीबत यह है कि यहां पुलिस वाले ही अतिक्रमण करा रहे हैैं।
तौसीफ खान

Posted By: Inextlive