एमजीएम के स्किन ओपीडी में वल्र्ड विटिलीगो डे का हुआ आयोजन


जमशेदपुर (ब्यूरो) एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के स्किन ओपीडी में वल्र्ड विटिलीगो डे मनाया गया विटिलीगो में त्वचा पर सफेद धब्बा हो जाता है, जिसे आज भी समाज अच्छी नजर से नहीं देखता है्र आज इसी बिमारी और इसके इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी्र आईएडीवीएल झारखंड के प्रेसिडेंट एवं चर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ए एन झा ने कहा कि त्वचा हमारे शरीर का ऐसा भाग है जो सुरक्षा के साथ-साथ सौंदर्य भी प्रदान करती है्र इसका रोगग्रस्त होना या आसामान्य होना विकृति का सूचक है्र एक सर्वे के अनुसार विश्व की एक प्रतिशत जनसंख्या सफेद दाग से पीडि़त है्र सफेद दाग इसके बारे में भी कई भ्रातियां प्रचलित हैं जबकि सच तो यह है कि यह रोग न वंशानुगत है और न छुआछूत से होता हैमेलालिन नष्ट होने से होती है बीमारी
वास्तविकता यह है कि यह त्वचा के मेलालिन पिगमेंट नष्ट होने के कारण होता है जैसे-जैसे मेलालिन कम होता जाता है, त्वचा का रंग सफेद पड़ता जाता है इसी को सफेद दाग कहते हैं्र यह छुआछुत की बिमारी नहीं है्र वंशानुगत केवल 10 से 15 प्रतिशत लोगों में ही होता है, बाकी में शरीर के ईम्युन सिस्टम के गड़बड़ी होने, कुछ केमिकल इत्यादि के बढऩे से एक जगह या कई जगहों पर मोलानिन का बनना बंद हो जाता है और वहां स्किन दुधिया हो जाता है यह 10 से 40 वर्ष के बीच ज्यादा होता है डॉ राजीव ठाकुर ने बताया कि आधुनिक समय में इसकी कई दवाईयां उपलब्ध है जिसके द्वारा इसे ठीक किया जाता है्र दवा के आलावा पीयूवीए मशीन, सर्जरी एवं लेजर के द्वारा भी यह बिल्कुल ठीक किया जाता है्र यदि शुरू में चर्म रोग विशेषज्ञ से इलाज शुरू हो जाता है तो आजकल 80 से 90 प्रतिशत मरीजों मे यह बिल्कुल ठीक हो जाता है्र कार्यक्रम में डॉ निशा मुंडा, डॉ शुभम, डॉ निशा सिंह, डॉ मुरली कृष्ण, डॉ निधि सिंह मौजद थीं

Posted By: Inextlive