भाषाई विवाद पर रघुवर दास से मांगी स्पष्ट राय
जमशेदपुर (ब्यूरो): उन्होंने भाषाई विवाद पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए भोजपुरी, मगही, मैथली और अंगिका को लेकर पूरे राज्य में हो रहे विरोध पर आपत्ति दर्ज कराते हुए भोजपुरी भाषा के समर्थन में खड़े होने की बात कही। रघुवर दास ने बताया कि ये राज्य सरकार का षड्यंत्र है। राज्य सरकार पहले यह बताए कि क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए क्या स्कूल बने हैं और बने हैं तो उसके शिक्षकों की नियुक्ति हुई है क्या। दूसरी तरफ राज्य के शिक्षा मंत्री को अगर आपत्ति है तो इस्तीफा दें। इस तरह के घृणित कार्य कर राज्य में अराजकता फैलाने की साजिश रच लोग और जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। भाषाई विवाद को तूल देकर राज्य सरकार अपनी कब्र खोद रही है। इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विश्व भोजपुरी विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी, भोजपुरी साहित्य परिषद के अध्यक्ष अरविंद विद्रोही, राष्ट्रीय भोजपुरी मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवलेश्वर पांडेय, विश्व भोजपुरी विकास परिषद के मुन्ना चौबे, मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव, सुनील सहाय, डीडी त्रिपाठी, प्रमोद पाठक, ताराचंद श्रीवास्तव, साधुचरण सिंह, मुरारी सिंह, अजय किशोर चौबे समेत अन्य लोग मौजूद रहे।डीसी ऑफिस के समक्ष किया प्रदर्शन
मजबी सिंह समाज अधिकार मंच के बैनर तले मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष मंच के अध्यक्ष तेजपाल सिंह मजबी के नेतृत्व में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन कार्यक्रम को समर्थन देने के लिए एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पवन पांडेय भी शामिल हुए। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री को संबोधित एक मांगपत्र उपायुक्त को सौंपा गया। मांगपत्र में कहा गया है कि पंजाब और हरियाणा में जिन मजबी सिंह समाज के लोगों को अनुसूचित जाति में रखा गया है, उनको वहां पर संविधान द्वारा प्रदत्त सभी शक्तियों को निर्गत किया गया है, लेकिन पहले बिहार और फिर 22 साल बने हुए झारखंड को लेकिन आज तक मजबी सिंह समाज को अनुसूचित जाति में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार इस दिशा में कदम नहीं उठाती है है तो आंदोलन किया जाएगा। कार्यक्रम में गुरदीप सिंह, रजनी कौर, बलविंदर कौर, मनप्रीत कौर, हरजीत सिंह, हरदीप सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।