-डिमना लेक स्थित फुटबॉल मैदान में चल रहा है विहंगम योग समारोह

JAMSHEDPUR: भारतीय संस्कृति अत्यंत समृद्ध है, जिसने विरासत के रूप में आध्यात्मिकता को सहज रूप में प्रदान किया है। भारत की आत्मा का नाम है अध्यात्म। आध्यात्मिक ज्ञान की बदौलत ही भारत की विश्व में अलग पहचान है। आज के युग की बढ़ती हुई अति भौतिकवादी प्रवृति के चलते हम भारतीय संस्कृति की सनातन वैदिक परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं। धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष ही भारतीय संस्कृति का आधार है। ये बातें संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज ने डिमना लेक स्थित फुटबॉल मैदान में आयोजित त्रिदिवसीय विहंगम योग समारोह के दूसरे दिन कहीं। सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज की क्ख्8वीं जयंती समारोह पर यह आयोजन किया जा रहा है।

सुबह में हुआ योग

विहंगम योग समारोह में सुबह छह से आठ बजे तक योग शिविर का आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित योग साधकों को आसन-प्राणायाम व ध्यान का प्रशिक्षण दिया गया। इसी क्रम में सुबह क्0 से शाम छह बजे तक मानव मन की शांति एवं आध्यात्मिक उत्थान के निमित ब्रह्माविद्या विहंगम योग के क्रियात्मक ज्ञान की दीक्षा दी गई, जिसमें लगभग क्म्00 नए जिज्ञासु शामिल हुए।

मंत्री ने लिया महासंकल्प

झारखंड सरकार के कृषि, पशुपालन व सहकारिता मंत्री रणधीर सिंह ने संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज के सानिध्य में अध्यात्म जगत के विमल ज्ञान धारा 'स्वर्वेद' को आगामी छह माह में झारखंड के एक हजार घरों तक पहुंचाने का महासंकल्प लिया। उन्होंने कहा कि विहंगम योग की साधना एवं स्वर्वेद के ज्ञान से जुड़कर उन्हें आत्मिक शांति की अनुभूति होती है।

आज होगा वैदिक महायज्ञ

विहंगम योग समारोह के अंतिम दिन बुधवार को सुबह क्0 बजे से वैदिक महायज्ञ होगा, जिसमें विश्व शांति के लिए भ्क्00 कुंड में देश भर से आए भक्त आहूति देंगे।

Posted By: Inextlive