jamshedpur election news 2024 : नवल टाटा हॉकी अकादमी ने जीता चैंपियन का खिताब
जमशेदपुर (ब्यूरो): शनिवार की सुबह जमशेदपुर का को-ऑपरेटिव कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र किसी रणभूमि की तरह लग रहा था। शुक्रवार की बेचैनी भरी रात के बाद शनिवार को लोकतंत्र का महापर्व अपने चरम पर पहुंच गया। प्रत्याशियों के चेहरों पर शांति के पीछे उम्मीदों और चिंताओं का तूफान साफ झलक रहा था। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की नजरें मतगणना के हर राउंड पर टिकी हुई थीं। अहले सुबह ठिठुरती ठंड में पांच बजे से ही मतगणना केंद्र के बाहर हलचल शुरू हो गई थी। सुबह आठ बजे से बैलेट पेपर की गिनती से मतगणना की शुरुआत हुई। नतीजे आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र तक कहीं खुशी कहीं गम जैसा माहौल देखने को मिला, जहां महागठबंधन कार्यकर्ताओ ने जीत की खुशी का जश्न मनाते देखे तो कही एनडीए के कार्यकर्ता जीत के खुशी में अत्तीसबाजी करते दिखे। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में महागठबंधन का दबदबा दिखा तो एनडीए को हार का सामना करना पड़ा, एनडीए के पार्टी कार्यालय से लेकर सडक़े सुनसान रही, तो कहीं महागठबंधन के जीते प्रत्याशी बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते दिखे।बन्ना दोपहर को हुए गायब
मतगणना के दौरान जमशेदपुर पश्चिम से कांग्रेस प्रत्याशी बन्ना गुप्ता सुबह से ही मतगणना केंद्र में डेरा जमाए हुए थे। ठंड से बचना के लिए शॉल लपेटे वे मीडिया गैलरी में बैठे दिखे जहां से वह मतगणना की जानकारी ले रहे थे। हालांकि जैसे-जैसे उनके प्रतिद्वंदी सरयू राय बढ़त बना रहे थे वैसे-वैसे उनकी धडक़ने तेज होती दिख रही थी। दोपहर दो बजे के बाद वह अचानक केंद्र से निकल गए। खूब झूमे भाजपा और जेएमएम समर्थकयह पहली बार था जब भाजपा और जेएमएम समर्थकों में एक साथ खुशी देखी गई। भाजपा के समर्थन वाली पार्टी जेडीयू के प्रत्याशी सरयू राय और पूर्णीमा साहू के जीतने के बाद जमकर होली खेली गई वहीं ढोल नगाड़ों की थाप पर दोनों पार्टियों के समर्थक झूमते नजर आए। धडक़नें हो रही थी तेज पूर्वी सिंहभूम की सबसे हॉट सीट जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के मतगणना होने तक सभी की धडक़ने तेज थी। दोपहर 3 बजे तक 12 राउंड की गिनती ही साझा की गई थी। हालांकि चार बजे से बाद से धीरे-धीरे सब कुछ साफ हो गया और सरयू राय जीत का दावा पेश करते हुए केंद्र के अंदर पहुंचे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मतगणना केंद्र के चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला। केंद्र के बाहर बैरिकेडिंग की गई थी और केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई। अंतिम चरण तक सभी की निगाहें जमशेदपुर सीट पर टिकी रहीं। चुनाव परिणाम के बाद किसी के आंखे नमम थी तो किसी के अंदर जीत का उत्साह।