नरेंद्रन बोले, जो भी आज सफल हैं कभी असफल भी हुए हैं
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: देश-दुनिया में आज जो सफल है उन्हें सफलता ऐसे नहीं मिली। वे भी सफल होने से पहले कभी असफल भी हुए हैं। लेकिन उन्होंने कभी अपनी असफलता से घबराएं नहीं और न ही रूके। बल्कि उससे सीखा और भविष्य में बदलाव लाने के लिए खुद के लिए अवसर बनाए। यह कहना है टाटा स्टील के सीईओ सह प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन का। वे सोमवार सुबह टाटा स्टील द्वारा आयोजित चौथे युवा कान्क्लेव, ध्वनि को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। बकौल नरेंद्रन, ध्वनि कान्क्लेव एक अच्छा मंच है जिसमें हमें युवाओं से जुड़ने और उनसे सीखने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि युवा किसी भी देश व कंपनी के लिए बहुत जरूरी है।
अपने लिए अवसर बनाएंयुवा के पास बहुत समय है इसलिए सभी भविष्य को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध रहें। ये उनकी जिम्मेदारी नहीं बल्कि एक मौका है। सभी युवाओं को सोचना चाहिए कि हम ऐसा क्या अलग कर सकते हैं जिससे समुदाय में बदलाव ला सकते हैं। इसलिए खुद के लिए अवसर बनाए। असफलताओं से घबराएं नहीं बल्कि खुद पर विश्वास रखे और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में वन, कृषि व माइ¨नग क्षेत्र में कई अवसर है जिससे जुड़कर युवा देश के विकास में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं। इसलिए युवाओं को भविष्य के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। नरेंद्रन ने कहा कि जीवन में युवाओं को कई ऐसे लोग मिलेंगे जिनमें कुछ उन्हें प्रोत्साहित करेंगे और कुछ हतोत्साहित भी करेंगे। लेकिन हमें प्रोत्साहित करने वालों से सीखे और सोचे कि हम समाज में क्या बदलाव ला सकते हैं।
कंपनी से जुड़कर अच्छा लगा टीवी नरेंद्रन ने बताया कि जब वे टाटा स्टील से जुड़े तो उन्हें पता नहीं था कि वे कभी टाटा स्टील के एमडी बनेंगे। लेकिन सकारात्मक सोच के साथ कड़ी मेहनत की। उन्होंने कहा कि 100 साल पुरानी कंपनी से जुड़करच्अच्छा लगा। टाटा स्टील सिर्फ अपने मुनाफे के बारे में नहीं सोचती बल्कि समुदाय के विकास पर भी काम करती है। एमडी रहते हुए मुझे पिछले कुछ वर्षो से समाज से जुड़ने और उनकी बातों को समझने का मौका मिला। टाटा स्टील ने समुदाय के विकास के लिए कई काम किए और आगे भी समुदाय के सहयोग से विकास के काम करते रहेंगे।