चैंबर ने टाटा और रायपुर के बीच ट्रेनों के असामान्य रूप से विलंब पर रेल मंत्री को लिखा पत्र.


जमशेदपुर (ब्यूरो): भारतीय रेल लगातार विलंब से चल रही है। कई रूट बदलकर चलने के कारण हो रही परेशानी तो कभी ट्रेनों के कई-कई घंटों तक विलंब से चलने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे किराया में कोई कटौती नहीं करती, लगातार किराए में वृद्धि की जा रही है, तो फिर यात्रियों को परेशान क्यों किया जा रहा है। इसे लेकर लगातार लोग अपने-अपने तरीके से विरोध जता रहे हैं। इन सबके बीच व्यापारियों की संस्था सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने रेल मंत्री को पत्र लिख कुछ ट्रेनों के असामान्य रूप से विलंब होने की ओर ध्यानाकृष्ट किया गया। कहा है कि टाटा से रायपुर और उससे आगे जाने वाली ट्रेनों के अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचने में असामान्य रूप से लगातार विलंब हो रहा है। हो रही असुविधा


चैंबर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने बताया कि लगभग पिछले एक वर्ष से देखा जा रहा है कि हावड़ा से रायपुर के बीच और उससे आगे जाने वाली ट्रेनें अपने गंतव्य स्थानों तक असामान्य रूप से लगातार विलंब से पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने या संस्थानों में एडमिशन के सिलसिले में, नौकरी हेतु इंटरव्यू देने और बीमार यात्रियों को ईलाज हेतु अपने गंतव्य तक समय पर पहुंचने की आवश्यकता होती है। लेकिन दुर्भाग्यवश ट्रेनों की लेट-लतीफी से अपने गंतव्य तक पहुंचने में उन्हें देरी हो रही है, जिससे काफी परेशानी हो रही है। विशेषकर गर्मी के इस मौसम में आम यात्रियों जिनमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग भी शामिल हैं, को भी स्टेशन पर घंटों इंतजार करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।सुधार की मांग यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए सिंहभूम चैंबर ने रेलमंत्री से इस मुद्दे पर प्राथमिकता के आधार पर ट्रेनों के लेटलतीफी की जांच अपने विभिन्न सेक्शनों से जुड़े अधिकारियों के माध्यम से करवाने का आदेश जारी कर ट्रेनों के समय में सुधार की मांग की है। चैंबर ने कहा है कि ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण लोगों का विश्वास रेलवे के प्रति घट रहा है। नहीं दिया गया ध्यान

सबसे बुरी स्थिति शालीमार उदयपुर और सांतरागाछी अजमेर की है। ये साप्ताहिक ट्रेनें हैं। इस कारण इनमें पेंट्री कार भी नहीं है। पिछले कुछ महीनों की बात करें तो शायद ही कभी ये दोनों ट्रेनें समय से खुली या समय पर पहुंची हों। कई बार तो यह ट्रेन 10 घंटे के विलंब से टाटानगर पहुंची तो कई बार बिना किसी पूर्व सूचना के बीच रास्ते में ही ट्रेन का रूट बदल दिया गया। ऐसे में यात्रियों को होने वाली परेशानी की ओर भी ध्यान नहीं दिया गया। लगातार ट्रेनें विलंब से चल रही हैं। इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। पढ़ाई करने के लिए बाहर जाने वाले बच्चे तो ज्यादा परेशान हो रहे हैं। रेलवे को ट्रेनों का परिचालन नियमित करने की जरूरत है।विजय आनंद मूनका, अध्यक्ष, सिंहभूम चैंबरअगर आपको कहीं अचानक जाना पड़े तो अब ट्रेन सेवा पर भरोसा नहीं किया जा सकता। रेलवे तरह-तरह के तरीके अपनाकर राजस्व वसूल रही है। टिकट की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर यात्रियों को लेट लतीफ ट्रेन सेवा दी जा रही है। पवन झा, पैसेेंजर

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