होर्डिंग से पटा है शहर, मानकों की हो रही अनदेखी
जमशेदपुर (ब्यूरो): शहर व आसपास के क्षेत्रों में होर्डिंग का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है। जमशेदपुर एरिया में करीब पांच सौ होर्डिंग्स लगे हैैं, जिनमें लगभग 150 अवैध हैैं। 80 अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई हो चुकी है। अभी भी सिटी में दर्जनों अवैध होर्डिंग्स लगे हैैं। वैसे समय-समय पर नगर निकायों की ओर से इनकी जांच भी की जाती है, लेकिन अब ये होर्डिंग जान-माल का खतरा बनने लगे हैं। होर्डिंग लगाने का कोई तय मानक नहीं होने के कारण विभाग भी इनपर ध्यान नहीं दे रहा है, जिस कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है। होर्डिंग गिरने से हो गई थी मौत
दो-तीन दिन पहले आयी आंधी और बारिश के कारण शहर और आस-पास के क्षेत्रों में काफी तबाही मची थी। कई पेड़ गिर गए थे, दीवारें ध्वस्त हो गई थीं। इसी आंधी में कई होर्डिंग भी गिर गए थे। होर्डिंग गिरने के कारण इसमें दब कर एक महिला की मौत भी हो गई थी। हालांकि इसे लेकर कोई हो-हंगामा नहीं मचा और न ही किसी ने होर्डिंग को लेकर कोई सवाल ही उठाए, लेकिन यह एक गंभीर मसले के रूप में सामने आया है। नहीं है कोई मानक
जमशेदपुर और आस-पास के क्षेत्रों के साथ ही आदित्यपुर मिलाकर दो हजार से ज्यादा होर्डिंग हैैं। जमशेदपुर में होर्डिंग के लिए जेएनएसी तो आदित्यपुर में नगर निगम की अनुमति के बाद ही होर्डिंग लगाई जाती है। हालांकि होर्डिंग लगाने का मानक क्या है, यह तय नहीं है। इस कारण उसमें लगने वाले मैटेरियल पर किसी का ध्यान नहीं जाता। होर्डिंग ओनर अपने हिसाब से इसे बनवा लेते हैं। सुरक्षा नहीं रखा जाता ध्यानशहर और आस-पास के क्षेत्रों में रोड के किनारे, बिल्डिंग के ऊपर, दीवारों पर फिक्स करवाकर होर्डिंग के स्ट्रक्चर बनाए जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता। इस कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है और इसका जिम्मेदार कौन होगा, यह भी तय नहीं है। इस कारण जान-माल का नुकसान भी होता है।यह है नियम झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 की धारा 172 व 173 के तहत संबंधित भवनों पर प्रतिष्ठान का नाम और कार्यकलाप की विवरणी को छोड़ कर किसी भी वस्तु से संबंधित विज्ञापन लगाने के लिए निगम से अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति के चलंत वाहन से भी प्रचार-प्रसार करने पर रोक है। ऐसा करना नगरपालिका अधिनियम व विज्ञापन नियमावली का उल्लंघन है। ऐसे में संबंधित प्रतिष्ठान से जुर्माना वसूला जाता है।
होर्डिंग की परमिशन तो दी जाती है, लेकिन इसे लगाने का कोई मानक नहीं होने के कारण परेशानी होती है, लेकिन अब इस ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा। देवाशीष प्रधान, सिटी मैनेजर आदित्यपुर नगर निगमअवैध होर्डिंग पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब फिर से अभियान शुरू होगा। अभी हमने होर्डिंग संचालकों से बात की है कि वे अपनी होर्डिंग का मेंटेनेंस समय-समय पर देखते रहें, ताकि किसी तरह की दुर्घटना न हो। अनय राज, सिटी मैनेजर, जेएनएसी