टाटा स्टील वर्कर्स के खाते में आज आएगा बोनस का पैसा
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा स्टील व ट्यूब डिविजन के 12,807 कर्मचारियों को बोनस का पैसा बुधवार को मिलेगा। कंपनी प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व के बीच 14 सितंबर को बोनस समझौता हुआ था। जिनकी शर्तो के तहत कर्मचारियों के बैंक खातों में एक माह बाद यानि 14 अक्टूबर को राशि भेजने पर सहमति बनी थी.टाटा स्टील में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए फार्मूले के आधार पर 235.54 करोड़ रुपये बोनस की राशि पर सहमति बनी थी। इसमें जमशेदपुर वर्क्स व ट्यूब डिविजन में कार्यरत कर्मचारियों के खाते में 142.05 करोड़ रुपये आए थे। वर्ष 2017-18 में जमशेदपुर व ट्यूब डिविजन में कार्यरत कर्मचारियों के हिस्से में 106.36 करोड़ रुपये आए थे तब कंपनी में 203.24 करोड़ रुपये बोनस मिला था। वहीं, 2018-19 में कंपनी में 239.61 करोड़ रुपये पर बोनस समझौता हुआ था। पिछले वर्ष कंपनी में कार्यरत 13,675 कर्मचारियों के हिस्से में 131.22 करोड़ रुपये बोनस आया था। ऐसे में टाटा स्टील में भले ही पिछले वर्ष की तुलना में कर्मचारियों को 4.07 करोड़ रुपये कम बोनस मिला हो लेकिन जमशेदपुर वर्क्स व ट्यूब डिविजन में कार्यरत कर्मचारियों को ग्रेड रिवीजन समझौते और 18 माह के एरियर के रूप में ज्यादा राशि मिल रही है।
बोनस का मिला ऑनलाइन स्लीपटाटा स्टील के किस कर्मचारियों को कितना बोनस मिला है। इसके लिए कंपनी प्रबंधन ने मंगलवार को सभी कर्मचारियों को उनका बोनस स्लीप ऑनलाइन भेज दिया है। बुधवार को कंपनी प्रबंधन सभी कर्मचारियों को बोनस का पैसा उनके खाते में और स्लीप उन्हें भेज देगी।
बोनस वार्ता में सहमति नहींटाटा स्टील डाउन स्ट्रीम लिमिटेड (पुराना नाम टीएसपीडीएल) के कर्मचारियों के बोनस मुद्दे पर मंगलवार को भी वार्ता में सहमति नहीं बन सकी। यूनियन ने वार्ता में प्रबंधन पहले पुराने फार्मूला के आधार पर राशि तय करे। यूनियन अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने प्रबंधन से कहा कि परंपरा के मुताबिक फार्मूला की अवधि समाप्त होने पर उसी फार्मूला के आधार पर ही बोनस राशि तय किया जाता रहा है। इसलिए प्रबंधन पुरानी फार्मूला पर बन रही राशि तय करे। प्रबंधन ने लॉकडाउन में कंपनी के तीन माह बंद रहने और पिछले वर्ष 76 करोड़ रुपये मुनाफे की तुलना में इस वर्ष 61 करोड़ रुपये मुनाफा होने की दलील देकर नये फार्मूला के आधार पर 1 करोड़ 90 लाख रुपये बोनस देने में समर्थता व्यक्त किया। यूनियन पिछले वर्ष मिली 2 करोड़ 38 लाख रुपये से 12 लाख रुपये यानि 2.50 करोड़ बोनस मांग रही है। आखिरकार दोनों पक्षों के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने के कारण वार्ता विफल ही गई। बुधवार को प्रबंधन फिर वार्ता के लिए समय देगा।
सभी सदस्यों को मिले सिल्वर क्वाइन टाटा स्टील के कोक प्लांट व फील्ड मेंटिनेंस मैकेनिकल में एक दर्जन से ज्यादा टाटा वर्कर्स यूनियन सदस्य हैं जो चांदी का सिक्का पाने से चूक जाएंगे। कोक प्लांट के पूर्व कमेटी मेंबर विभाश शुक्ला ने इस संबंध में यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद व महामंत्री सतीश कुमार सिंह को एक पत्र सोमवार को दिया है। इसमें सभी कर्मचारियों को चांदी का सिक्का देने और कट ऑफ डेट जो 31 मार्च 2020 है उसे आगे बढ़ाने की अपील की है। उनका कहना है कि सभी टाटा स्टील में एक से डेढ़ साल पुराने कर्मचारी हैं लेकिन यूनियन में सदस्य नए बने हैं लेकिन यह चूक उन कमेटी मेंबरों की है जो नए सदस्यों को कट ऑफ डेट से पहले जोड़ने से चूक गए।