-नौनिहालों को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार है टाटा हॉकी अकादमी

-नीदरलैंड के ओलंपियन फ्लोरिस जैन बॉवलेंडर से मिलाया हाथ

JAMSHEDPUR: फुटबॉल अकादमी, टाटा तीरंदाजी अकादमी, टाटा एथलेटिक्स अकादमी के बाद अब टाटा हॉकी अकादमी नौनिहालों को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार है। आधारभूत संरचनाओं की कमी के बावजूद हॉकी अकादमी टाटा की अन्य अकादमियों से अलग होगी। जहां अन्य अकादमी में कैडेटों का चयन कर प्रशिक्षण दिया जाता है, वहीं टाटा हॉकी अकादमी ने अगले तीन साल में भ्0 हजार बच्चों को प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। यहीं नहीं तीन साल के कड़े प्रशिक्षण के बाद बालक व बालिका वर्ग से दो-दो सौ खिलाडि़यों को चयन किया जाएगा। गुरुवार को जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स काम्प्लेक्स में टाटा ट्रस्ट, टाटा स्टील और बॉवलेंडर हॉकी एकेडमी ने ऑफिशियल लोगो और गियर के लांच के साथ टाटा हॉकी एकेडमी की दिशा में पहला कदम बढ़ाया। इस अवसर पर बरजीस तारापोरवाला (सचिव सह चीफ, अकाउंटेंट, टाटा ट्रस्ट), सुनील भास्करन (वीपी, कॉरपोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील), नीदरलैंड के ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी फ्लोरिस जैन बॉवलेंडर ( संस्थापक, बॉवलेंडर हॉकी एकेडमी), टाटा स्टील खेल विभाग के हेड चा‌र्ल्स ब्रोमियो, टाटा फुटबॉल अकादमी के मुकुल चौधरी, कैप्टन अमिताभ आदि मौजूद थे।

भ्0 बेहतरीन प्रशिक्षक भी

सुनील भास्करन ने बताया कि शुरुआत में अकादमी का कार्य क्षेत्र कोल्हान के अलावा रांची व खूंटी में होगा। यहां खिलाडि़यों के साथ-साथ भ्0 बेहतरीन प्रशिक्षक भी तैयार किए जाएंगे। हालांकि खिलाडि़यों की आवासीय व्यवस्था, प्रशिक्षण स्थल व एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम के स्थल के बारे में पूछे जाने पर सुनील भास्करन ने चुप्पी साध ली। उन्होंने स्पष्ट किया कि कीनन स्टेडियम को हॉकी स्टेडियम के रूप में परिवर्तित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में हॉकी एक लोकप्रिय खेल है और वह निश्चित रूप से कह सकते हैं कि इस खेल में प्रतिभाओं को खोजने की दिशा में यह पहल काफी दूर तक जायेगी। सुनील भास्करन ने कहा कि भविष्य में जमशेदपुर में एक सम्पूर्ण आकार के एस्ट्रोटर्फ पिच के साथ विश्व स्तरीय मानक वाले टाटा हॉकी एकेडमी स्थापित करने पर पूरा ध्यान दिया जायेगा। एकेडमी के लिए जमीनी स्तर के कार्यक्रम से हॉकी खिलाडि़यों का पहला बैच लिया जायेगा। नीदरलैंड के ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी फ्लोरिस जैन बॉवलेंडर ने कहा कि बॉवलेंडर हॉकी अकादमी झारखंड में हॉकी के विकास को लेकर कृतसंकल्पित है। फ्लोरिस जैन बॉवलेंडर 'वन मिलियन हॉकी लेग्स' के एक्जीक्यूटिव बोर्ड में भी शामिल हैं, जिसका लक्ष्य जमीनी स्तर से खिलाडि़यों को प्रशिक्षित करना है। बॉवलेंडर डच नेशनल टीम के सहायक कोच भी हैं। बॉवलेंडर ने कहा कि टाटा हॉकी अकादमी भारतीय हॉकी में बदलाव का वाहक बनेगा। स्कूल हॉकी प्रोजेक्ट के तहत शिक्षा व खेल को बराबर महत्व दिया जाएगा। यह साझेदारी हमारे लक्ष्य के अनुरूप है, जिसमें हमने भारत में होने वाले ख्0क्8 के विश्व कप तक दस लाख हॉकी लेग्स तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।

मिलेगा नया आयाम

तारापोरवाला ने कहा कि बावलेंडर जैसे अनुभवी लोगों के साथ जुड़कर हम भारतीय हॉकी को एक नया आयाम दे सकते हैं। अकादमी की स्थापना से ग्रामीण इलाकों में हॉकी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक बदलाव लाने के लिए खेल एक उपयुक्त माध्यम है। बाद में जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भारतीय और डच हॉकी स्टार के साथ ब्0 बच्चों के लिए एक हॉकी क्लिनिक संचालित किया गया। इस कार्यक्रम में एम्बेसडर के रूप में डच हॉकी स्टार कीकी कॉलोट तथा सिल्वानुस डुंगडुंग भी शामिल थे। कुछ दिनों पूर्व खूंटी में खेले गए स्कूल हॉकी में बालक वर्ग की विजेता अपग्रेडेड हाई स्कूल चिरलाक व उपविजेता अपग्रेडेड मिडिल हाई स्कूल चिंदाग तथा बालिका वर्ग में गवर्नमेंट ग‌र्ल्स स्कूल जाड व अपग्रेडेड हाई स्कूल चिरलाक की टीम को पुरस्कृत किया गया।

लगेगा प्रशिक्षण शिविर

अगले दो महीने के दौरान टाटा ट्रस्ट की सहयोगी संस्था 'कलेक्टिव्स फॉर इंटीग्रेटेड लाइवलीहुड इनिशिएटिव्स' (सीआईएनआई) टाटा हॉकी अकादमी के माध्यम से खूंटी जिला के क्00 से अधिक स्कूलों के बच्चों के लिए प्रशिक्षण शिविर संचालित करेगी। इसके साथ-साथ खूंटी के पूर्व हॉकी खिलाडि़यों को चिह्नित कर उन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जायेगा। इन मास्टर ट्रेनर पर एक निश्चित संख्या में स्कूलों की जिम्मेदारी होगी। ये साप्ताहिक आधार पर बच्चों को थ्योरी और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। उच्च क्षमता प्रदर्शित करने वाले बच्चों को पहचान कर उनके हुनर को निखारने के लिए उन्हें खास हॉकी प्रशिक्षण दिया जायेगा। टाटा हॉकी एकेडमी का लक्ष्य तीन वषरें के दौरान प्रतिस्पर्धा स्तर के हॉकी में हिस्सेदारी के लिए ख्00 लड़के-लड़कियों को चिह्नित कर प्रशिक्षित करना है।

Posted By: Inextlive