टाटा स्टील वर्कर्स को जल्द मिलेगा सुरक्षा कार्ड
JAMSHEDPUR: टाटा स्टील के सभी कर्मचारियों को जल्द ही एक-एक सुरक्षा कार्ड मिलेगा। इस कार्ड में लगे ग्लोबल पॉजिशि¨नग सिस्टम (जीपीएस) हर एक कर्मचारी की जानकारी कंपनी प्रबंधन को मिलती रहेगी। गुरुवार को कंपनी प्रबंधन ने इसकी जानकारी टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व को दी है।
रखी जाएगी नजर टाटा स्टील के बीते कुछ माह में कई ऐसी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें कर्मचारी की मौत हुई और प्रबंधन को इसकी जानकारी देर से मिली। ऐसे में कंपनी प्रबंधन सभी कर्मचारियों को अब सुरक्षा कार्ड देने की तैयारी कर रही है, जिसकी मदद से कंपनी प्रबंधन हर एक कर्मचारी की वर्तमान स्थिति पर नजर रख सकेगी। उक्त कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र के अलावे ड्यूटी के दौरान कहां-कहां गया। कैंटीन में कितना समय बिताया। इसकी भी जानकारी अब कंपनी प्रबंधन को सैंट्रेलाइज्ड रूप से मिलती रहेगी। शीर्ष नेतृत्व ने सवाल उठायाहालांकि बैठक में यूनियन नेतृत्व ने सवाल उठाया कि पहले ठेका कर्मचारियों को रिस्ट बैंड के रूप में घड़ी दी गई, जो उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी देती है। वहीं, कोरोना को देखते हुए इसके बाद कंपनी प्रबंधन सुरक्षा एप बना रही है। ऐसे में यूनियन के शीर्ष नेतृत्व ने सवाल उठाया कि कंपनी प्रबंधन एक जैसे सुरक्षा उपकरणों पर लगातार पैसे क्यों खर्च कर रही है। इससे कंपनी का उत्पादन लागत भी बढ़ रहा है।
ये हुए शामिल ऑनलाइन बैठक में कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी, ग्रुप चीफ आइआर जुबिन पालिया सहित यूनियन की ओर से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अर¨वद पांडेय व महासचिव सतीश कुमार सिंह शामिल हुए। अध्यक्ष-महामंत्री में हुआ टकरावटाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद व महासिचव सतीश कुमार सिंह के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गुरुवार को सुरक्षा कार्ड को लेकर कंपनी प्रबंधन द्वारा ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें महासचिव सतीश कुमार सिंह ने उन्हें बिना सूचना दिए आरएमबीबी व एलडी-2 के री-ऑर्गेनाइजेशन सहित ब्रिज कोर्स में कॉलेजों की मान्यता रद करने का मामला उठाया। इस पर यूनियन अध्यक्ष ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि इस मामले में प्रबंधन से बात हो चुकी है, ऐसे में इस पर बात नहीं करे, लेकिन महासचिव लगातार उन्हें अध्यक्ष द्वारा बाइपास करने से नाराज थे। इससे पहले भी अध्यक्ष और महासचिव के बीच आर रवि प्रसाद के निजी सचिव को सेवानिवृत्त के बाद प्रतिनियुक्त करने, आरओ चुनाव सहित कई मामलों में आपस में भिड़ चुके हैं। बात इतनी बिगड़ी थी कि अध्यक्ष ने महासचिव के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान तक चलाया था। यूनियन चुनाव से पहले फिर से दोनो शीर्ष नेतृत्व के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।