jamshedpur suicide news 2024 : जमशेदपुर में सुसाइड का ग्राफ गिरा, आठ महीनों में 129 मामले दर्ज
जमशेदपुर (ब्यूरो): जमशेदपुर में आत्महत्या के मामलों में पिछले कुछ वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। शहर के आत्महत्या रोकथाम केंद्र &जीवन&य के मुताबिक यह गिरावट पिछले आंकड़ों से एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, जो समुदाय के भीतर मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और जागरूकता में वृद्धि को दर्शाती है।
जीवन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2021 से 2024 तक आत्महत्या की दर धीरे-धीरे कम हो रही है। छात्रों के मामले में, 2021 में 23 (7 पुरुष और 16 महिला) मामलों से घटकर 2024 के पहले आठ महीनों में केवल 9 (4 पुरुष और 5 महिला) मामले दर्ज किए गए हैं। सामान्य आत्महत्या के मामलों में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी गई है, जहां 2021 में 255 (178 पुरुष और 77 महिला) मामले थे, जो 2024 में घटकर 129 (93 पुरुष और 36 महिला) रह गए हैं। ये आंकड़े अगस्त तक के हैं। जीवन के निदेशक जयराज जैन ने शहर में आत्महत्या के मामलों को रोकने केचल रहे प्रयासों के बारे में मीडिया को जानकारी दी। जैन ने इस बात पर जोर दिया कि न केवल आत्महत्या के मामले कम हुए हैं, बल्कि केंद्र से मदद मांगने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2022-23 में, 748 लोगों ने हेल्पलाइन से सहायता मांगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2023-24 में यह संख्या 1000 को पार कर जाएगी, क्योंकि जीवन की सेवाओं के बारे में जागरूकता फैल रही है।प्रति लाख 10 डॉ। जैन ने बताया कि 2024 में जमशेदपुर की आत्महत्या दर प्रति लाख 10 रह गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत 11-12 प्रति लाख है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य निकट भविष्य में इस आंकड़े को 5 प्रति लाख तक लाने का है। हालांकि, इस प्रगति के बावजूद, जमशेदपुर की आत्महत्या दर बिहार-झारखंड क्षेत्र में सबसे अधिक बनी हुई है। सरकारी सहयोग के बारे में पूछे जाने पर, डॉ। जैन ने स्वीकार किया कि जीवन अपने स्वयंसेवकों के समर्पण और टाटा स्टील तथा उसकी संबद्ध कंपनी जमिपोल के सहयोग से इस दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने राज्य की आत्महत्या हेल्पलाइन के सामने आने वाली चुनौतियों की ओर भी इशारा किया, जो ज्यादातर निष्क्रिय रही है। यही कारण है कि जीवन को आवश्यक सेवाओं की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी है।संपर्क करने की अपील
इतना ही नहीं जीवन का प्रभाव झारखंड से बाहर भी देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर, जीवन के स्वयंसेवकों ने वहां की स्थानीय टीमों को आत्महत्या रोकथाम के उपायों में भी प्रशिक्षित किया है। पिछले वर्षों में, केंद्र ने 2006 में अपनी स्थापना के बाद से 700 से अधिक लोगों की जान बचाई है। वर्ष 2022 में, जीवन को आत्महत्या का विचार कर रहे 750 लोगों से कॉल प्राप्त हुए थे, और 2023 में यह संख्या बढक़र 911 हो गई। सीमित संसाधनों के बावजूद, केंद्र का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना और समर्थन प्रदान करना है। लगातार बढ़ती मांग को देख जीवन अपनी सेवाओं का विस्तार कर चौबीसों घंटे सहायता प्रदान करने की योजना बना रहा है। वर्तमान में, संगठन के स्वयंसेवक कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों खासकर जगह की कमी के कारण इसमें परेशान हो रही है। इसे देखते हुए सभी स्कूलों और कॉलेजों के बाहर साइन बोर्ड लगाए हैं, जिसमें जरूरत पडऩे पर छात्रों से संपर्क करने की अपील की गई है।