शिव पुराण कथा के तीसरे दिन भक्ति और भाव की महिमा का बखान हुआ.


जमशेदपुर (ब्यूरो): पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन एवं सत्यनारायण मारवाड़ी ठाकुरबाड़ी ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय शिव पुराण कथा के तीसरे दिन भक्ति और भाव की महिमा का बखान हुआ। वृदांवन से पधारे राजेंद्र महाराज ने कहा कि भगवान भाव और भक्ति से मिलते हैं। आज रिश्तों में भाव की कमी हो गई है। सभी रिश्ते व्यावसायिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भाव में बड़ी शक्ति है, जो भगवान को खींचकर हम तक ले आती है। बिना भाव कुछ नहीं। कहा कि संसार में आज मनुष्य भागदौड़ की जिंदगी जी रहा है। कहता है कि समय नहीं है, चिंता है, तनाव है, अवसाद है, विषाद है और प्रमाद है। इतने में ही मनुष्य उलझा हुआ है, क्योंकि मनुष्य में भाव है ही नहीं। केवल मनमुटाव है और रिश्तों में खटास है। इसलिए हमें सभी के प्रति अ'छा भाव रखना चाहिए।
तो करवा चौथ का कोई महत्व नहीं


आचार्य राजेंद्र ने कहा कि महिलाएं केवल करवा चौथ के दिन पति की पूजा करें, चांद का दर्शन करें और फिर पति के प्रति पूरे वर्ष कोई भाव ही न रखें, तो ऐसे करवा चौथ करने का कोई मतलब नहीं है। वहीं जो पति पत्नी से करवा चौथ की अपेक्षा रखे किंतु सालभर उसकी उपेक्षा करे, वो गलत है। कहा कि रिश्तों में प्रेम का अभाव हो तो रिश्ते ज्यादा दिन नहीं टिकते। आज जरूरत है भाव की और एक दूसरे के प्रति प्रेम की। हर जीव मात्र के प्रति प्रेम का भाव की। माता पिता के रूप में घर में देवता विराजमान हैं, परंतु भाव के बिना उनका कोई महत्व नहीं है। इसलिए सभी को आपस में मिलकर भाव बनाकर प्रेम से रहना चाहिए। बिना भाव पूजा का फल नहीं राजेंद्र महाराज ने शिवलिंग की अनंत महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि चांदी के शिवलिंग और मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग की पूजा पद्धति और फल का अलग-अलग विधान है। शिवलिंग पूजा के बारे में शिव पुराण में विस्तार से बताया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी पूजा यदि नियम, धर्म और भाव से नहीं हो तो वह बेकार होती है। उसका फल नहीं प्राप्त होता। अतएव पूजन करें तो हम सभी आदर पूर्वक पूजन करें। हर कार्य में भाव ही प्रधान है। किसी भी शब्द कर्म को निष्ठापूर्वक भाव से करेंगे तो अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी। 1000 पार्थिव शिवलिंग का पूजन

इस मौके पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दर्जनों भक्तों ने गंगा की मिट्टी से बने एक हजार पार्थिव शिवलिंग का पूजन विधि-विधान के साथ किया। मुख्य यजमान के रूप में घाटशिला के पवन अग्रवाल, अभिषेक गुप्ता, अजय गुप्ता एवं रतन अग्रवाल ने पूजा की। इसी तरह कुसुम पसारी ने मंदिर का शृंगार करवाया। कथा के बाद मां वनभौरी परिवार, कमलेश अग्रवाल एवं कुसुम पसारी द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया। 1008 बेलपत्रों पर राम नाम लिख किए अर्पित इस मौके पर महिलाओं ने रामनाम लिखे 1008 बेलपत्र भगवान पिनाकी पर अर्पित किए। इनमें मंजू कांवटिया, शालिनी अग्रवाल, ममता मूनका, मनीषा मुरारका, रश्मि झाझरिया, नेहा चौधरी, संगीता मित्तल अनु, रेखा अग्रवाल, सविता मुरारका, निशा अग्रवाल, शकुंतला अग्रवाल, अंजू चेतानी, संगीता चौधरी, सुनीता चंदुका, अनिता मवंडिय़ा, मंजू अग्रवाल, रानी अग्रवाल, सीमा जवानपुरिया, ज्योति अग्रवाल, ममता अग्रवाल, खुशबू काउंटिया, कविता अग्रवाल, निभा मोदी, निशा नागेलिया, सोनिया मोदी एवं अनिता अग्रवाल आदि शामिल थीं।इनका रहा योगदान
इस आयोजन में संदीप मुरारका, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, गौरव अग्रवाल, अमित अग्रवाल, निर्मल पटवारी, सन्नी संघी, पीयूष अग्रवाल, अश्विनी अग्रवाल, उमेश खीरवाल, संजय अग्रवाल, आकाश शाह, दीपक चेतानी, सुरेश शर्मा लिपु, विनोद शर्मा, महावीर अग्रवाल गायक, रोहित अग्रवाल, ऋषभ चेतानी, गौरव अग्रवाल बाबु, संजय शर्मा, भरत अग्रवाल, मनोज चेतानी, अनंत मोहनका, अशोक अग्रवाल सुंदरनगर, संदीप बरवालिया, विमल अग्रवाल और विमल रिंगसिया का योगदान रहा। कार्यक्रम के दौरान झारखंड प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष बसंत मित्तल, झारखंड प्रांतीय अग्रवाल सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रभाकर अग्रवाल, कमल अग्रवाल के पी, कमल किशोर अग्रवाल, सुमन अग्रवाल, अशोक गुप्ता, निर्मल काबरा, सुरेश अग्रवाल नरेश अग्रवाल, बजरंग अग्रवाल, किशन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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