एमजीएम के सुपरिंटेंडेट को शो-कॉज
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: राइट टू इन्फॉर्मेशन (आरटीआई) एक्ट के तहत मांगी गई सूचना का जवाब ठीक से नहीं देने पर कोल्हान के सबसे बड़े गवर्नमेंट हॉस्पिटल के सुपरिंटेडेंट एसएन झा को मुख्य सूचना आयुक्त ने शो-काज किया है। आयुक्त ने सुपरिंटेंडेंट पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। बताते चलें कि मानगो गौड़ बस्ती निवासी धर्मेद्र ने आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी। इसमें एमजीएम जन सूचना पदाधिकारी द्वारा आरटीआई का उचित जवाब नहीं दिए जाने पर सूचना आयुक्त ने खेद व्यक्त किया है। आयुक्त ने एमजीएम अधीक्षक से स्पष्ट्रकरण देकर सूचना क्यों नहीं उपलब्ध कराई कराई गई इसकी जानकारी देने को कहा है।
अपीलकर्ता बताए, कौन सी सूचना नहीं मिलीसूचना आयुक्त की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि अपीलकत्र्ता अगर चाहे तो सूचना मांगने के मूल आवेदन पत्र के आलोक में अपनी कंडिकावार आपत्ति तथा कौन सी सूचना मांगी गई थी, कौन सी सूचना दी गई है और कौन सी सूचना उपलब्ध कराना शेष है, यह तीनों स्तम्भों में विवरणी बनाकर एक सप्ताह के अंदर जन सूचना पदाधिकारी तथा आयोग को स्पीड पोस्ट करे। जन सूचना पदाधिकारी को भी निर्देश दिया गया है कि वे आपत्ति प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर सर्वप्रथम याचिका सूचना से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट की अपने कार्यालय में गहनतापूर्वक खोजबीन कर लें और खोजबीन के पश्चात डॉक्यूमेंट यदि उपलब्ध हो जाए तो सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत नियमानुसार आपत्ति का निराकरण करें।
अगली सुनवाई 3 जून 2019 निर्देश पत्र के अनुसार जन सूचना पदाधिकारी सुनवाई की अगली तिथि 3 जून 2019 को अपना स्पष्टीकरण, आपत्ति का निराकरण कर भेजी गई सूचना के अग्रसारण पत्र, शपथ पत्र एवं उसे भेजने के अग्रसारण पत्र तथा पावती की फोटो कॉपी के साथ-साथ अपने प्रथम अपीलीय प्राधिकार के साथ स्वयं आयोग में उपस्थित होंगे। उक्त तिथि की सूचना अपने प्रथम अपीलीय प्राधिकार को देने का दायित्व जन सूचना पदाधिकारी का होगा। उस दिन जन सूचना पदाधिकारी द्वारा दिए गए साक्ष्य के आधार पर समीक्षा के बाद इस अपीलवाद में आवश्यक आदेश पारित किया जाएगा। मांगी थी जानकारी धर्मेद्र ने एमजीएम प्रबंधन से अनुश्रवण समिति से सबंधित जानकारी मांगी है। वर्ष 2006 में यह समिति गठित की गई थी, जिसका मकसद अस्पताल को विकसित करना था। इसके चेयरमैन जिले के उपायुक्त होते थे। लेकिन कुछ महीनों के बाद इसे भंग कर दिया गया। बॉडी ले जाने को 10 घंटे तक भटकते रहे परिजनमहात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शव ले जाने के लिए परिजन 10 घंटे तक भटकते रहे। पुलिस के पास जाते तो वे डॉक्टर के पास भेज देते और डॉक्टर के पास जाते तो पुलिस के पास भेज देते। सुबह छह से दोपहर तीन बजे तक मृतक के परिजन परेशान रहे। दरअसल, बागबेड़ा निवासी राजू लोहार (35) को मंगलवार की रात को सोने के दौरान एक चित्ती सांप ने डस लिया था। इसके बाद उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के क्रम में सुबह छह बजे उसकी मौत हो गई। इसके बाद जब परिजन शव ले जाने लगे तो डॉक्टरों ने पुलिस से संपर्क करने को कहा। परिजन पुलिस के पास गये और बोले कि हमलोग पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि आपलोग डॉक्टर से लिखवा ले और चले जाइए। परिजन जब डॉक्टर के पास आए तो उन्होंने कहा कि पुलिस को लिख कर दे दीजिए और चले जाइए। अंत में डॉक्टरों ने मृतक के परिजन से लिखित लेकर उन्हें शव ले जाने दिया।