सिख समाज ने निकाली रोष रैली
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: केंद्र सरकार के कृषि बिल के विरोध में पंजाब के किसान दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन उनके साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार के विरोध में बुधवार को जमशेदपुर के सभी प्रमुख गुरुद्वारा कमेटियां और समूह संगत द्वारा द्वारा मानगो गुरुद्वारा से रोष रैली निकाली गई। इस दौरान सिख समाज के पुरुष काली पगड़ी और महिलाएं काली ओढ़नी पहनकर केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ पैदल मार्च करते हुए दोपहर तीन बजे साकची गुरुद्वारा पहुंचे।
मानगो से शुरुआतमानगो खंडा चौक से स्थानीय गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह के नेतृत्व में यह रोष रैली निकाली गई। जो मानगो पुल से होते हुए पुराना कोर्ट, साकची गोलचक्कर होते हुए साकची गुरुद्वारा पहुंच कर समाप्त हुई। पूरे रैली के दौरान सिख समाज के लोग सतनाम वाहे गुरु-सतनाम वाहे गुरु का उदघोष करते रहे। साथ ही अपने हाथों में तख्ती लिए किसान बचाओ-देश बचाओ और किसान बिल वापस लेने की मांग करते रहे। इसके बाद साकची गुरुद्वारा में सुखमणि साहेब का पाठ कर किसानों और उनके परिवार की सलामती के लिए प्रार्थना की गई।
इनकी रही मौजूदगीइस मौके पर झारखंड गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह के अलावा भगवान सिंह, दलजीत सिंह दल्ली, महासचिव जसवीर सिंह, सुख¨वदर सिंह, मनजीत सिंह संधू, सुख¨वदर सिंह राजू, गुरमीत सिंह, एसपी काले, अमरजीत सिंह, लख¨वदर सिंह, र¨वदर सिंह, दलबीर सिंह, राजवीर कलसी, चंचल सिंह, बलदेव सिंह, गुरदीप सिंह काके, सुखदेव सिंह, रामकिशन सिंह सहित कई गुरुद्वारा के प्रतिनिधि और स्त्री सत्संग सभा के सदस्य उपस्थित थे।
किसान किसी का मोहरा नहीं ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन, पूर्वी भारत इकाई के अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली ¨सधु बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि देश का कोई किसान किसी का मोहरा नहीं बन सकता। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश का किसान अपने अधिकार और हक के लिए सड़कों पर उतरा है। लेकिन हमारे अन्नदाता के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडी सिस्टम को ध्वस्त करना चाहती है। इसका नुकसान किसानों को होगा। यदि सरकार किसानों का वास्तव में भला चाहती है तो उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी अमलीजामा पहनाना चाहिए। जो व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीदारी करते हुए तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।