मां दुर्गा ने किया महिषासुर दैत्य का संहार : विजय गुरुजी
जमशेदपुर (ब्यूरो): बिष्टुपुर श्री राम मंदिर में चल रहे श्री अंबा यज्ञ नव कुंडीय श्री सहस्त्र चंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन आचार्य विजय गुरुजी ने श्री कृष्ण अवतार कथा प्रसंग, महिषासुर जन्म कथा, देवी का प्रादुर्भाव संवाद की व्याख्या की। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होते ही श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जयकारों के साथ झूम उठे। कथा के दौरान झांकियों ने श्रोताओं को खूब आनंदित किया। रोजाना की तरह शनिवार को भी 37 यजमानों द्वारा श्री अम्बा यज्ञ नव कुंडात्मक सहस्त्र चंडी महायज्ञ किया गया। इस दौरान जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी मौजूद थे। लिया था अवतार
व्यास पीठ से गुरुजी ने कहा कि मां आदिशक्ति ने दुर्गा के रूप में अवतार लिया था। उनका यह अवतार दानवों के संहार के लिए हुआ था। उन्होंने ऐसे दानवों से पृथ्वी व स्वर्ग को मुक्त कराया, जिनका संहार करना देवताओं के वश में नहीं था। ऐसे ही दैत्यों में पहला नाम आता है महिषासुर का। उसने कठिन तपस्या कर ब्रह्मा जी से वरदान मांगा कि देवता और दानव उस पर विजय प्राप्त न कर सकें। इस तरह महिषासुर ने पृथ्वी और स्वर्ग को जीत कर देवताओं तथा मनुष्यों को कष्ट देना शुरू कर दिया। तब मां दुर्गा ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए अवतरित होकर महिषासुर दैत्य का संहार किया। गुरुजी ने आगे कहा कि सब देवताओं ने मां भगवती की आराधना की और मां भगवती त्रिपुर सुन्दरी देवी की इच्छा से देवताओं के तेज पुंज निर्मित हुआ और उस तेज पुंज से मां भगवती दुर्गा का प्रादुर्भाव हुआ।कृष्ण अवतार प्रसंग कृष्ण अवतार प्रसंग सुनाते हुए गुरुजी ने आगे कहा कि श्री कृष्ण ने पूतना, बकासूर वत्सासुर, महाबली, धेनुकासुर, प्रलम्बासुर का संहार किया। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस समेत सभी दैत्यों का विनाश किया। उन्होने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कहा कि कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें। श्री विद्या शक्तिसर्वस्वम चेन्नई के तत्वाधान में टाटानगर इकाई द्वारा लौहनगरी में दूसरी बार आयोजित हो रहे इस धार्मिक उत्सव कार्यक्रम में गुरुजी रविवार 1 जनवरी को महिषासुर मर्दिनी चरित्र, वृत्रासुर संहार, राजा नहुष की कथा की व्याख्या करेंगे।भजनों की अमृत वर्षा
वर्ष 2022 की विदाई एवं नये साल 2023 का स्वागत भक्तों ने माता की चौकी के रूप में अपने परिवार, रिश्तेदार एवं शुभचिंतकों के साथ बिष्टुपुर श्रीराम मंदिर में की। भक्तों ने माता का भव्य दरबार सजाया था। शनिवार 31 दिसंबर की रात 8 से 1 बजे तक सैकड़ों की संख्या में मौजूद भक्तों ने भजनों से माताजी को रिझाया। प्रख्यात भजन गायिका उमा लहरी (जयपुर) समेत बैंगलोर के प्रशांत रूस्तोगी, शहर के भजन गायक महावीर अग्रवाल और बंटी चांगिल द्वारा गणेश वंदना गणपति बलकारी जी फतेह हमारी आज करो से माता की चौकी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। माता के भजनों की अमृत वर्षा के बीच रात 12 बजे आतिशबाजी के साथ ही नववर्ष का केक माता के चरणों में समर्पित कर वर्ष 2023 का स्वागत किया गया एवं वर्ष 2022 को विदाई दी गयी।