पंचायत में पहले जमकर पिटाई, फिर जंगल में सातों के सिर धड़ से अलग किए
CHAKRADHARPUR: पत्थलगड़ी के समर्थन व विरोध को लेकर पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में हुए नरसंहार में सभी सात शव जंगल से बरामद कर लिए गए हैं। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए चक्रधरपुर के अनुमंडल अस्पताल भेज दिया गया है। सभी मृतक 25 से 35 वर्ष के बीच के हैं। पहले सभी की जमकर पिटाई की गई, फिर जंगल में ले जाकर सातों के सिर धड़ से अलग कर दिए गए। मृतकों में उप मुखिया जेम्स बूढ़ समेत अन्य ग्रामीण हैं। हत्या से पहले लाठी से इन्हें बुरी तरह पीटा भी गया। मृतकों में जेम्स बूढ़ (30), निर्मल बूढ़़ (25), लोम्बा बूढ़ (25), एतवा बूढ़ (27), कोंजो टोपनो (23), जरवा बूढ़ (22) और बोआस लोमगा (35) शामिल हैं।
पश्चिम सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा के अनुसार, डीआइजी कुलदीप द्विवेदी ने लापरवाही बरतने के आरोप में गुदड़ी के थाना प्रभारी अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कवायद में जुटी है। अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आरोपित शीघ्र पकड़ लिए जाएंगे। यह घटना पत्थलगड़ी के समर्थन और विरोध को लेकर हुए विवाद के बाद अंजाम दिया गया।
उन्होंने बताया कि इलाके के पूर्व मुखिया मुक्ता होरो पत्थलगड़ी के पक्ष में थे। एक साल पहले गांव में अभियान चलाकर लोगों से आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य दस्तावेज जमा करा लिए थे। ग्रामीणों से राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का बहिष्कार करने की शुरू से अपील कर रहे थे। वर्तमान उप मुखिया जेम्स बूढ़ को इस पर एतराज था। वह पत्थलगड़ी का समर्थन नहीं करने की अपील कर रहे थे। इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, पूर्व मुखिया मुक्ता होरो का आरोप है कि जेम्स बूढ़ ने समर्थकों के साथ उनके तथा पांच अन्य ग्रामीणों के घर पहुंचकर गुरुवार रात सात बजे तोड़फोड़ की। घर के सामान को पूरी तरह नष्ट कर दिया। यही नहीं घर में घुस कर महिलाओं की भी पिटाई की। इसके बाद गांव में रविवार को पंचायत बुलाई गई। इसमें तोड़फोड़ करने वाले नौ लोग पकड़कर लाए गए। इसी बीच मौका देख दो लोग फरार हो गए। पंचायत में विवाद इस कदर बढ़ता गया कि जेम्स बूढ़ समेत सात लोगों की पत्थलगड़ी समर्थकों ने पहले जमकर पिटाई की। इसके बाद पत्थलगड़ी समर्थक सभी को उठाकर गांव से एक किलोमीटर दूर जंगल ले गए। वहां सभी का गला काटकर मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना की जानकारी सोमवार को किसी को नहीं हुई। मंगलवार को ग्रामीण बाजार के दिन घटना की जानकारी गुदड़ी पुलिस को हुई। इसके बाद उन्होंने तुरंत ही सर्च अभियान शुरू करने का आदेश दिया। रात भर सर्च अभियान चलाया गया। पुलिस अधीक्षक के अनुसार, सूचना के अभाव तथा ग्रामीणों से सहयोग नहीं मिलने के कारण सच्चाई जानने में देरी हुई। बुधवार की सुबह खोजी कुत्तों और हो भाषा विशेषज्ञ को बुलाया गया। इसके बाद ग्रामीणों से उनकी भाषा में बातचीत शुरू हुई, तब जाकर घटना की कहानी सामने आई। ग्रामीणों ने ही बताया कि हत्या कर शव कहां फेंके गए हैं। हत्याकांड की जांच को एसआइटीमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पश्चिम सिंहभूम में सात लोगों की निर्मम हत्या पर दुख जताया है। इस घटना की तफ्तीश विशेष जांच दल (एसआइटी) करेगी। नई दिल्ली से वापसी के बाद वे सीधे प्रोजेक्ट भवन सचिवालय गए और वरीय अधिकारियों संग बैठक की। मुख्यमंत्री ने पूरे घटना की जानकारी ली और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि कानून सबसे ऊपर है। पुलिस पूरे मामले की जांच करे और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी हो। कार्रवाई इस स्तर पर हो कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि पूरे इलाके में सघन गश्ती की जा रही है और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है।