केयू के 500 बीएड स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप फंसी
JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) से बीएड करने वाले दूसरे सेमेस्टर के 500 छात्रों की छात्रवृत्ति फंस गई है। इसका प्रमुख कारण है सेशन लेट होना। इन छात्रों को प्रथम सेमेस्टर का अंक पत्र 30 जनवरी को प्राप्त हुआ है। जबकि ई कल्याण पोर्टल पर आवेदन की तिथि 25 जनवरी को समाप्त हो चुकी है। अब इन छात्रों का पोर्टल पर आवेदन अपलोड नहीं हो पा रहा है। इस कारण छात्र परेशान हैं। छात्र अब आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
ई-कल्याण पोर्टल पर छात्रवृत्ति के लिए कल्याण विभाग ने पहले कोल्हान विश्वविद्यालय को सूचित कर दिया था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने इस पर ध्यान नहीं दिया। नए परीक्षा नियंत्रक के पदभार ग्रहण करने के बाद बीएड प्रथम सेमेस्टर के परिणाम को जारी किया गया।मालूम हो कि झारखंड सरकार के कल्याण विभाग द्वारा एसटी, एससी, ओबीसी के छात्रों को बीएड की पढ़ाई के लिए 80 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करती है। इस बार ऐसे छात्रों को 40 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जानी थी। अन्य विश्वविद्यालयों ने तो इस योजना का लाभ ले लिया। लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय के छात्र सेशन लेट होने के कारण आवेदन ही नहीं कर पाये।
-अगर पोर्टल बंद हो गया है तो इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग तथा कल्याण विभाग से संपर्क किया जायेगा। पोर्टल को फिर से खोलने का प्रयास होगा।
- डॉ एके झा, प्रवक्ता, केयू स्काउट एंड गाइड में शामिल होगा बेसिक व एडवांस कोर्स छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र (2 स्नद्गढ्ड, छ्वहृहृ) : झारखंड स्काउट गाइड के आमबगान स्थित जिला मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री अमर बाउरी की अध्यक्षता में रविवार को बैठक हुई। इसमें बैंक में नया खाता खुलवाकर कार्यकलापों को उचित ढंग से चलाने के लिए पंजीयन एवं डेवलपमेंट फीस कैशलेस करने को कहा गया। वार्षिक कार्यक्रम में एडवांस एवं बेसिक कोर्स को शामिल करने की सलाह दी गई। बाउरी ने पतरातू में राज्य रैली के आयोजन की सलाह दी गई। बैठक में कई निर्णय लिये गए। बैठक में राज्य मुख्य आयुक्त के अलावा नीरजा कुजुर, सतीश वर्णवाल, बिपिन कुमार, नरेश कुमार, ब्रहमजीत कौर, संजय प्रसाद, बंटी उपाध्याय, रमेश प्रसाद, शानू कुमार आदि उपस्थित थे। ये लिये गए फैसले -कोई भी अनुदान प्राप्ति की रसीद एवं राशि की जानकारी होनी चाहिए। -जिला संगठन आयुक्त जिनका नियुक्ति पत्र नहीं है उसे अंतिम निर्णय तक पदभार देकर अधिकृत किया जाये। -राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के लिए एक समिति का गठन किया जाये।- गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिये विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं उप प्रधानाचार्यों की बैठक बुलाकर संस्था के कार्यों से अवगत करवाया जाये।