बाबूजी धीरे चलना, राह में जरा संभलना, बड़े गड्ढे हैं इस राह में
-साकची मनोकामना मंदिर के पास से लेकर मानगो चैपा पुल, बस स्टैंड व स्टेशन ब्रिज पर खतरे से खाली नहीं रहा सफर
सरकार ने लॉकडाउन में रियायतों के साथ छूट दे दी। इसके बाद व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है। ऑफिस शुरू हो चुके हैं। वहीं कंस्ट्रक्शन के काम में भी तेजी आई है। लेकिन हमारी सिटी की सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी हैं। कई जगहों पर केबल बिछाने और ड्रेनेज दुरुस्त करने के बजाय मैटेरियल डालकर छोड़ दिया गया है तो कई जगहों पर रोड की लेयर उखड़ गई है और वहां गढ्डे बन गए हैं। अब बरसात में ये गढ्डे खतरनाक हो चुके हैं। आलम ये है कि जरा भी चुके तो हड्डी टूटना तय है। इसके बावजूद जिम्मेवारों ने आंखे मूंद रखी हैं। 1. साकची मनोकमना मंदिरसाकची मनोकमना मंदिर के पास सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा था, सड़क तो चौड़ी हो गई है पर सड़क के बीचोबीच बहुत बड़ा गड्ढा हो गया है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
2. मानगो चैपा पुल रोडमानगो चैपा पुल रोड में सड़क के बीचोबीच तो बहुत जगह गड्ढे हैं पर मनगो जवाहर नगर रोड नंबर 14 के पास सड़क किनारे स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। गड्ढे में पानी भरा होने के कारण आने-जाने वाली गाडि़यों का अंदाजा नहीं मिलता और आगे जाकर गड्ढे में गिर जा रही हैं। कई बार बड़ा हादसा भी हो चुका है।
3. बस स्डैंड बस स्टैंड तो बंद है पर सड़क के बीचोबीच सात से आठ बड़े गड्ढे खासकर टू व्हीलर्स वालों की स्थिति बेहद बिगड़ जा रही है। बस स्टैंड वाली सड़क से भारी वाहनों और छोटी गाडि़यों का पार होना काफी मुश्किल हो गया है। हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। 4. स्टेशन ब्रिज रेलवे स्टेशन ब्रिज पर कई जगह जान लेवा गड्ढे बन गए हैं। प्रशासन से लेकर राजनेताओं तक की गाडियां पार होती हैं पर किसी भी जिम्मेदार का गड्ढों के चलते कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इस ओर ध्यान नहीं गया।