दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से चलाए गए अभियान &पानी बड़ी चीज&य को लेकर परिचर्चा का हुआ आयोजन


जमशेदपुर (ब्यूरो): पानी को लेकर शहरवासी परेशान हैं, लेकिन अपनी इस परेशानी के लिए कुछ हद तक वे खुद भी जिम्मेवार है। इसका कारण यह है कि पानी खर्च करने पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है, डीप बोरिंग कर भूजल का दोहन किया जा रहा है। भूमि को रिचार्ज करने की कोई व्यवस्था (सोख्ता, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सहित अन्य) नहीं है। इस कारण परेशानी विकराल रूप धारण करती जा रही है। ये सारी बातें दैनिक जागरण -आई नेक्स्ट की ओर से चलाए गए अभियान &पानी बड़ी चीज&य को लेकर आयोजित परिचर्चा के दौरान सामने आई। इस दौरान लोगों ने बेबाकी से अपनी बातें रखीं।


बोरिंग के कारण पानी का लेवल भाग रहा है। ऐसे में सप्लाई वाला पानी देने की जरूरत है। यहां एक बात ध्यान रखना चाहिए कि बिना परमिशन बोरिंग नहीं होनी चाहिए। डीप बोरिंग पर भी ऑब्जेक्शन लगाना चाहिए। हर घर में डीप बोरिंग नहीं होना चाहिए। लोग ज्यादा पानी खर्च करते हैं, जिससे परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं जहां पाइप से पानी की सप्लाई है, वहां कई लोग घर में मोटर लगाकर लोग पानी खींच रहे हैं, जिससे किसी को पानी मिल रहा, किसी को नहीं मिल रहा है। इसपर रोक लगनी चाहिए।छवि विश्वकर्मा, समर्पण संस्था

जलस्तर काफी नीचे चला गया है। डीप बोरिंग में पानी नहीं आ रहा है। सोख्ता बनाकर वर्षा जल संरक्षण होना चाहिए चाहिए। इससे वाटर लेवल सही होगा। इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। जब तक लोग जागरुक नहीं होंगे, तब तक स्थिति में सुधार नहीं होगा।रूपा, वार्ड मेंबर, पश्चिम बागबेड़ाशहर में भूजल का दोहन हो रहा है। इससे बचाव के लिए डीप बोरिंग के बगल में सोख्ता होना चाहिए। अगर लोग अब भी नहीं सुधरेंगे, तो आने वाली पीढ़ी बूंद-बूंद के लिए तरस जाएगी। इसके लिए जल संरक्षण की जरूरत है। जहां चापाकल है, वहां सोख्ता जरूर होना चाहिए।पूजा कुमारी, वार्ड मेंबर, गाराबासाबरसात के पानी के पानी का संरक्षण किया जाना चाहिए। इसके लिए उचित व्यवस्था करने की जरूरत है। लोगों के बीच जागरुकता अभियान भी चलाना चाहिए। इसके साथ ही पानी का उपयोग कम करना और पानी बर्बाद न हो, इसपर भी ध्यान देने की जरूरत है। कल्पना सरकार

बोरिंग स्थायी समाधान नहीं है। जलस्तर नीचे जा रहा है। ऐसे में पानी का डंपिंग यार्ड होना चाहिए। पहले जल छाजन होता था। आज स्थिति यह है कि कुंआ और तालाब खत्म हो रहे हैं। चारों तरफ पक्कीकरण हो रहा है। ऐसी व्यवस्था हो कि घर का पानी घर में ही रहे। पानी बहा देने से रिसाइक्लिंग नहीं हो रहा है। गांव में जैसे पनसोखा होते हैं, क्षेत्र में सभी को पनसोखा बनाना चाहिए। सभी जनप्रतिनिधि टैंकर से पानी दे रहे हैं, यह स्थायी समाधान नहीं है। पाइप लाइन में नियमित पानी आए तो समस्या का समाधान हो सकता है। कोई भी आयोजन पानी के बिना व्यर्थ हो जाएगी। पानी के महत्व को इस बात से ही समझा जा सकता है कि, अस्पताल में भी पहले पानी चढा़ते हैं। पानी को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। पानी के लिए आंदोलन भी अफसोसजनक है। जन प्रतिनिधि सडक़, बिजली और पानी की व्यवस्था करें।भोला झा, टाटा मोटर्सपानी की काफी समस्या है। पहले सोख्ता बना था, वह भी बंद हो गया है। हमने सोख्ता बनवाने के लिए फंड की मांग की, लेकिन कहा गया कि सोख्ता के लिए फंड नहीं है, इसलिए नहीं बन रहा है। वहीं जमीन की ढलाई होने के कारण पानी नाली में बह जा रहा है। यही कारण है कि पानी वापस धरती में नहीं जा रही, जिससे स्थिति विकराल होती जा रही है। सीमा पांडेय, वार्ड सदस्य
मेरे पंचायत में 15 वार्ड हैं, इसमें तीन वार्ड कॉलोनी से हटकर हैं। कॉलोनी में जलापूर्ति योजना चल रही है। 1140 क्वार्टर में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। रॉ वाटर आ रहा है। रोड नंबर 5 काली मंदिर, रोड नंबर 3 कुंवर सिंह मैदान में एक बूंद पानी नहीं आ रहा है। वर्ष 2015 से वृहद जलापूर्ति योजना चल रही अभी योजना धरातल पर नहीं उतरी है।संतोष ठाकुर, उप मुखियारेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करवा सकते हैं। नाला में चेक डैम बनवा सकते हैं। इससे उस क्षेत्र में वाटर लेवल बढ़ेगा। सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए, योजना लानी चाहिए।कुमोद यादव, पूर्व उप मुखियाजनता को जागरुक होना होगा। टैंकर से पानी की सप्लाई समाधान नहीं है। आज लोग पानी का दुरुपयोग भी कर रहे हैं। भूजल स्तर घट रहा है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि लोगों को पानी की कीमत समझनी होगी।संदीप विश्वकर्मा
भूजल स्तर नीचे चला जा रहा है। डीप बोरिंग कर लोग पानी सप्लाई कर रहे हैं। मजबूरी में हम वही पानी खरीद कर पी रहे हैं। जल संरक्षण का कोई उपाय नहीं है। आज कहीं भी लोग लंबी लाइन में लग कर पानी ले रहे हैं। सप्लाई पानी भी सही तरीके से नहीं आ रहा है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी हो रही है।मिंटू कुमारवर्तमान में पानी की समस्या विकराल है। जो पानी हमें मिल रहा है, वह भी शुद्ध नहीं होता है। ऐसे में व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है। टैंकर से पानी की आपूर्ति तो होती है, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं होती। इसके लिए व्यवस्था को दुरुस्त और मजबूत किया जाना चाहिए। रंजन सिंह, समाजसेवीकम से कम एक बड़ी आबादी के पानी की समस्या को दूर करने के लिए बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना जल्द धरातल पर लाने की जरूरत है। लंबे समय से योजना फंसी पड़ी है। इससे ही समस्या का समाधान होगा। इसके साथ ही राज्य और केंद्र सरकार को कानून बनाना चाहिए कि हर घर में एक सोख्ता निर्माण आवश्यक है। बिना ठोस कानून के लोग जागरुक नहीं होंगे। सोख्ता बनेगा तो भूजल स्तर लेवल में रहेगा।सुनील गुप्ता, पंसस

Posted By: Inextlive