भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की पूजा की
जमशेदपुर : कोरोनावायरस के संक्त्रमण से बचाव को लेकर चल रहे लॉकडाउन के बीच मंगलवार को पूरे कोल्हान प्रमंडल में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथयात्रा की परंपरा का निर्वाह भर किया गया। सुबह से ही जगन्नाथ मंदिर में अनुष्ठान शुरू हो चुके थे। मंदिरों में बगैर भक्तों के पुरोहित-पुजारियों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान किए गए। पुजारी व आयोजन समिति के सदस्यों की मौजूदगी में रथयात्रा की परंपरा पूरी की गई। महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर मौसी बाड़ी पहुंचाने की पारंपरिक रीति-रिवाज पूरे किए गए। सुबह महाप्रभु की पुजा के बाद रथों की पूजा-अर्चना की गई। इस वर्ष कोरोना संक्त्रमण के कारण प्रशासन ने लौहनगरी में रथ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी।
सुख-समृद्धि की कामना कीगोलमुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में कोरोना संक्त्रमण के कारण इस बार रथ यात्रा दस किलोमीटर की नहीं बल्कि दस मीटर की निकाली गई। मंदिर प्रबंधन ने इस बार रथ यात्रा को लेकर मंदिर परिसर में ही व्यवस्था की थी। मंदिर के जगन्नाथ पछ्वनाथ दास ने बताया कि इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का अनुपालन किया गया। रथ यात्रा के अवसर पर विधायक सह पूर्व मंत्री सरयू राय महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के दर्शन करने इस्कॉन मंदिर पहुंचे। उन्होंने रथ यात्रा निकालने के पूर्व तीनो विग्रहों की आरती की और लोगों के सुख-समृद्धि की कामना की। इसके साथ ही उन्होंने छेड़ा पहंरा की रस्म निभाई।
एक ही रथ पर निकले तीनों विग्रह गोलमुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में भक्तों के बीज महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा एक ही रथ पर सवार होकर निकले। मंदिर परिसर में भक्तों की अधिक भीड़ ना हो इसलिए सुबह 11 बजे ही तीनों विग्रहों को रथ पर सवार कर दिया गया था। मंदिर परिसर में ही रथ का भ्रमण कराया गया। भक्तों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अपने प्रभु का दर्शन किया और मन्नते मांगी। श्रद्धालुओं ने आस्था की डोर भी खींचा और मौसीबाड़ी तक पहुंचाया। मंदिर परिसर में ही मौसीबाड़ी बनाया गया है। शाम आठ बजे तीनों विग्रहों को रथ से उतारकर मौसीबाड़ी ले जाया गया। महाप्रभु को पहुंचाया मौसीबाड़ीबेल्डीह स्थित नागा मंदिर में रथ यात्रा के अवसर पर परंपरा के निर्वाह के लिए महाप्रभु को अपने बड़े भाई और बहन के साथ गोद में उठाकर मौसीबाड़ी पहुंचाया गया। इस बार यहां मेला का भी आयोजन नहीं हुआ। सुबह से जारी पूजा-अर्चना के बाद शाम को महाप्रभु को मौसीबाड़ी पहुंचाया गया। इसके पूर्व रथ पर बैठाकर तीनों विग्रहों की पूजा-अर्चना की गई।
आश्रम परिसर में ही घूमा रथ बाराद्वारी स्थित गांधी आश्रम में भी सांकेतिक रूप से रथ यात्रा निकालकर परंपरा निभाई गई। इस बार यहां आश्रम परिसर में रथ पर बैठकर महाप्रभु भ्रमण किए और भक्तों के बीच पहुंचकर आशीर्वाद दिए। शाम को पांच बजे निकाले गए रथ यात्रा के दौरान भक्तों के बीच प्रसाद का भी वितरण किया गया। आश्रम के संरक्षक शंभु मुखी डुंगरी ने बताया कि मौके पर समाजसेवी श्रीकांत मिश्रा भी शामिल हुए। महाप्रभु अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ एक सप्ताह तक मौसीबाड़ी में रहेंगे। भक्तों का लगा रहा तांता रथ यात्रा के शुभ अवसर पर खासमहल जगन्नाथ मंदिर में करोना महामारी से विश्व को मुक्ति दिलाने के लिए श्रद्धालुओं ने पूजा-पाठ किया। मंदिर परिसर में ज्यादा भीड़ ना लगे इसको देखते हुए इकठ्ठा एक साथ ज्यादा लोगों को प्रवेश नही करने दिया गया। भगवान जर्गन्नाथ के दर्शन को पहुंचने वालों में भाजपा नेता अभय सिंह, करण ओझा, सबुज बंगला सोसायटी की अध्यक्ष मौसमी दास समेत अन्य शामिल हुए। नहीं निकली रथ यात्रारथ गली जुगसलाई में भी इस वर्ष कोरोना संक्त्रमण के कारण रथा यात्रा नहीं निकाली गई। रथ यात्रा के मौके पर तीनों विग्रहों की पूजा-अर्चना की गई। मौके पर रथ की भी पूजा की गई। सारे नियमों को पूरा करते हुए परंपरा का निर्वाह किया गया। इसके अलावा अन्य स्थानों में भी सांकेतिक रूप से रथ यात्रा निकालकर परंपरा का निर्वाह किया गया।
दर्शन को उमड़े श्रद्धालु चांडिल में लॉकडाउन एवं हाई कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए रथयात्रा नहीं निकाली गई। मंगलवार को चांडिल मठिया स्थित प्रभु जगन्नाथ जी की दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचे थे। श्रद्धालुओं ने प्रभु जगन्नाथ की पूजा-अर्चना के बाद आरती उतारी। महाप्रभु जगन्नाथ की पूजा-अर्चना सरायकेला खरसावां जिला के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत रघुनाथपुर में रथयात्रा के पावन अवसर पर महाप्रभु जगन्नाथ जी, भाई बलराम व बहन सुभद्रा के विग्रह को वैदिक रीति रिवाज से पुजा अर्चना की गई। प्रतिवर्ष धूमधाम से रथयात्रा निकाली जाती थी। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण रथयात्रा स्थगित कर दिया गया। पालकी में निकले भगवान जगन्नाथआदित्यपुर रेलवे कालोनी शिवकाली मंदिर में इस वर्ष भगवान जग्गनाथ की पालकी यात्रा निकाली गई। इसमें संस्था के महज चार लोग शामिल हुए। सुबह में भगवान जग्गनाथ की पूजा अर्चना किया गया ढोल झाल भी जमकर बजाया गया। संध्या बेला में भगवान जग्गनाथ को पालकी में बैठाकर इच्च्छापुर स्थित मौसीबाड़ी पहुंचाया गया। कार्यक्रम के दौरान शारीरक दूरी का पालन करते हुए भगवान जग्गनाथ को मौसीबाड़ी पहुंचाया गया। कार्यक्रम के दौरान विजय मिश्रा, सुरेशधारी, पी सी पात्रों,श्रीनिवास यादव,उपस्थित थे।