राकेश हत्याकांड में छह आरोपितों को आजीवन कारावास
JAMSHEDPUR: एमजीएम थाना क्षेत्र के सुखना बस्ती में अक्टूबर 2015 में हुए राकेश हत्याकांड के छह नामजद आरोपितों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडीजे 9 की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपितों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। सजा सुनाए जाने के समय सभी आरोपित घाघीडीह जेल में थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई गई है। सभी अभियुक्त मानगो क्षेत्र के हैं।
इस दौरान एक आरोपित राजेश शर्मा के रिश्तेदार कोर्ट के बाहर आए थे। बाकी किसी आरोपित का कोई परिचित नहीं आया था। 22 नवंबर को जब इन आरोपितों को दोषी करार दिया गया था उस दिन आरोपितों के रिश्तेदार भी फैसला जानने के लिए कोर्ट के बाहर मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था। सात अक्टूबर 2015 को हुई थी हत्याएमजीएम के सुखना बस्ती में सात अक्टूबर 2015 को राकेश सिंह की हत्या कर दी गई थी। राकेश सिंह भाजपा के तत्कालीन मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह के भाई थे। जमीन के एक विवाद में सुखना बस्ती में घटना वाले दिन शाम पांच बजे पंचायत हुई थी। इस पंचायत में भाजपा के तत्कालीन मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह के साथ ही उनके छोटे भाई राकेश सिंह भी पहुंचे थे। पंचायत में विवाद हो गया था। भरी पंचायत में दोनों भाइयों पर लाठी-डंडे और तलवार से हमला कर दिया गया था। दोनों को टीएमएच में भर्ती कराया गया था। राजेश सिंह तो ठीक हो गए लेकिन, राकेश सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। गोपाल गोराई के आवेदन पर पुलिस ने राजेश शर्मा, मिंटू यादव, लक्खू तंतूबाई, राजेश गोराई, तारक मुखर्जी और सुनील रजक के एफआइआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था। इसी मामले में फैसला आया है।
पुलिस ने पेश की थी 11 गवाही पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में 11 गवाही पेश की थी। जबकि, बचाव पक्ष की तरफ से तीन गवाह पेश किए गए थे। इस मुकदमे में राकेश सिंह के परिजनों की तरफ से अधिवक्ता एसएन सिंह ने भी कोर्ट में अपनी दलील पेश की थी। चार कट्ठा जमीन के लिए हुई थी हत्यामानगो की सुखना बस्ती के रहने वाले पुन्नू गोराई की जमीन को लेकर विवाद हुआ था। उसका नाती गोपाल गोराई का कहना था कि इस जमीन में उसका भी हिस्सा है। पुन्नू ने जमीन रवींद्र तिवारी को बेच दी थी। रवींद्र जमीन पर बाउंड्री करने लगा तो जिला प्रशासन ने धारा 144 लगा कर काम रुकवा दिया। इसके बाद रवींद्र ने जमीन राजेश शर्मा को बेच दी थी। राजेश शर्मा बाउंड्री करा रहे थे। गोपाल ने भाजपा नेता राजेश सिंह से सुलह कराने को कहा था। इसी मामले को लेकर सुखना बस्ती में पंचायत हुई थी जिसमें राकेश सिंह की हत्या कर दी गई थी।