मारंग बुरु बचाओ भारत यात्रा कल से शुरू
जमशेदपुर(ब्यूरो)। गिरिडीह स्थित पारसनाथ पहाड़ को लेकर सेंगेल ने मुहीम छेड़ दी है। सेंगेल का कहना है कि पारसनाथ पहाड़ अर्थात मारंग बुरू आदिवासियों का ईश्वर है, जिसे जैन धर्मावलंबियों ने हड़प लिया है। कहा कि झारखंड सरकार ने 5 जनवरी 2023 को भारत सरकार को प्रेषित पत्र द्वारा मारंग बुरू जैनों को सौंप कर आदिवासियों के साथ धोखा किया है। कहा गया कि मारंग बुरू की रक्षा, आदिवासी अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी की रक्षा को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा 17 जनवरी को जमशेदपुर से मारंग बुरू बचाओ भारत यात्रा शुरू की जाएगी। इसका नेतृत्व सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू करेंगे। इसके तहत देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी बहुल जिलों में जनसभा कर लोगों को जागरूक करेंगे। फरवरी तक चलनेवाली यात्रा के तहत 18 जनवरी को रांची, 19 को रामगढ़, 20 को हज़ारीबाग, 21 को जामताड़ा, 22 को दुमका, 23 को गोड्डा जि़ला की यात्रा होगी। राष्ट्रपति को एक पत्र भेजकर पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है।प्रार्थना सभा में यात्रा की घोषणा
आज करनडीह में ऑल इंडिया संताली एजुकेशन काउंसिल परिसर में सेंगेल के सप्ताहिक सरना प्रार्थना सभा में भारत यात्रा की घोषणा की गई। इस क्रम में स्वतंत्रता संग्रामी तिलका मुर्मू की जयंती पर 11 फरवरी को रांची मोरहाबादी मैदान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मारंग बुरु - सरना महाधरना का आयोजन किया जाएगा और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय आदिवासी एकता महासभा का आयोजन भी मोरहाबादी मैदान में किया जाएगा।50 जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन होगाइस क्रम में 17 जनवरी को 5 प्रदेशों के 50 जिला मुख्यालय में मरांग बुरु बचाओ अभियान के तहत धरना प्रदर्शन होगा और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा। इसी तरह 30 जनवरी 5 प्रदेशों के 50 जिला मुख्यालय में सरना धर्म कोड की मान्यता और अन्य आदिवासी मामलों के लिए मशाल जुलूस निकाला जाएगा। सरना प्रार्थना सभा का संचालन सेंगेल के जिलाध्यक्ष सीताराम माझी और अध्यक्षता सेंगेल के केंद्रीय संयोजक बिरसा मुर्मू ने किया। इस दौरान सेंगेल के सालखन मुर्मू, सुमित्रा मुर्मू के अलावे जूनियर मुर्मू, वासुदेव मुर्मू, अर्जुन मुर्मू, भागीरथी मुर्मू, छिता मुर्मू, सिदो मुर्मू, रामराय मुर्मू, सोनोत बास्के, ममता टुडू, जयललिता टुडू, मंगल अलडा, सीतामणी हांसदा, माइनो हांसदा आदि मौजूद थे।