निजी स्कूल ने फीस न देने के कारण बीपीएल बच्चों को निकाला
जमशेदपुर (ब्यूरो): निजी स्कूलों द्वारा कमजोर वर्ग के ब'चों को फीस न देने के कारण स्कूल से निकाल दिए जाने का जमशेदपुर अभिभावक संघ ने विरोध जताया है। बुधवार को अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ। उमेश कुमार के नेतृत्व में अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के अभिभावकों ने जिला शिक्षा कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक को मांग पत्र सौंपकर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की मांग की गई है।मांगी जा रही फीस
डॉ। उमेश ने कहा कि आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 12(1)(सी) के तहत अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के ब'चों का कदमा स्थित डीबीएमएस हाई स्कूल की प्रवेश कक्षा की आरक्षित सीट पर पूर्व में नामांकन हुआ था। वे ब'चे अब कक्षा 9 में आ गए हैं। क्लास 9 में आने के बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा इन ब'चों से इस सत्र (2023-24) की शुरुआत से लगातार फीस की मांग की जाने लगी। इन ब'चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे फीस दे पाएं। ये ब'चे इस स्कूल की कक्षा 8 तक नि:शुल्क शिक्षा पाते रहे हैं। अब 22 जुलाई से स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस नहीं दे पाने के कारण पिंकी कुमारी, पुष्पा तंतुबाई और कृष्णा बोदरा के स्कूल आने पर रोक लगा दी है।
नहीं मिल रहा लाभ अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ। उमेश कुमार ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारत सरकार द्वारा पूरे देश में लागू कर दिया है पर इस कानून का लाभ जमशेदपुर के ब'चों को नहीं मिल रहा है। डॉ। उमेश ने कहा कि इस कानून की कंडिका 8-8 में अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के ब'चों को कक्षा 12 वीं तक नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है। शिक्षक संघ ने बन्ना गुप्ता का जताया आभारअखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षक नेता सुनील कुमार के नेतृत्व में बन्ना गुप्ता से मुलाकात की। इस दौरान संघ ने झारखंड सरकार द्वारा पारिवारिक स्वास्थ बीमा को लागू किए जाने पर झारखंड सरकार के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का आभार जताया। कहा कि इससे रा'य कर्मियों तथा शिक्षकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने में सुविधा होगी।